सुप्रीम कोर्ट=जस्टिस एस रविंद्र भट का असामन्य रिटायरमेंट, इस वजह से टूटी वर्षों से चली आ रही परंपरा

नई दिल्ली
जस्टिस भट बार के युवा सदस्यों को भी सलाह दी। उन्होंने कहा कि निडर रहें, किसी और की तरह बनने की कोशिश न करें। अपने प्रति सच्चे रहें। खुद से धोखा न करें। लगातार उत्कृष्टता की ओर अग्रसर रहें।
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस रविंद्र भट शुक्रवार को सेवानिवृत्त हो गए। मुख्य न्यायाधीश के अमेरिका में होने के वजह से जस्टिस भट की विदाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में वर्षों से चली आ रही एक प्रथा टूट गई।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट की स्थापना के बाद से एक प्रथा है कि वर्तमान न्यायाधीश अंतिम कार्यदिवस पर तत्कालीन सीजेआई के साथ एक औपचारिक पीठ में शामिल होता है। लेकिन जस्टिस भट की विदाई इस प्रथा के अनुसार नहीं हो सकी। क्योंकि मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ अभी अमेरिका में हैं।
कई महत्तवपूर्ण सुनवाई में शामिल
जस्टिस भट कई महत्वपूर्ण मामले की सुनवाई करने वाली पीठ में शामिल रहे हैं। इसमें, समलैंगिक जोड़े के बच्चे को गोद लेने के अधिकार देने वाला मामला भी शामिल है। दरअसल, इस मामले में उनके विचार सीजेआई चंद्रचूड़ से अलग थे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, समलैंगिक जोड़ों के गोद लेने के अधिकार के मुद्द पर जस्टिस भट ने असहमति जताई थी। जस्टिस हेमा कोहली और पीएस नरसिम्हा ने भी जस्टिस भट का समर्थन किया था। वहीं, सीजेआई चंद्रचूड़ मामले में पक्ष में थे। वहीं, समलैंगिक विवाह को कानूनी मंजूरी देने वाले मामले में दोनों एक ही पक्ष में थे।