सावन प्रदोष व्रत 2023: शादीशुदा लोगों के लिए खास है सावन का तीसरा प्रदोष व्रत, जानें पूजा की विधि और मुहूर्त

ज्योतिषाचार्य स्वामी कन्हैया महाराज ने बताया कि 13 अगस्त को सावन का तीसरा प्रदोष व्रत रखा जाएगा. इस व्रत के प्रभाव से वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है .इसके अलावा घर में सुख, शांति और ऐश्वर्य का आगमन भी होता है.
वाराणसी
. प्रदोष व्रत का दिन भगवान भोले के पूजन के लिए खास होता है. इस दिन श्रद्धालु बाबा भोले की कृपा पाने के लिए उनका व्रत और पूजन करतें है. त्रयोदशी के दिन इस व्रत को रखा जाता है. इस बार अधिमास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 13 अगस्त को है. लिहाजा इस दिन सावन का तीसरा प्रदोष व्रत (Sawan Pradosh Vrat 2023) रखा जाएगा. आइए जानते है काशी (Kashi) के विद्वान स्वामी कन्हैया महाराज से कि इस प्रदोष व्रत का क्या महत्व है और इस दिन कैसे भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए.
ज्योतिषाचार्य स्वामी कन्हैया महाराज ने बताया कि 13 अगस्त को सावन का तीसरा प्रदोष व्रत रखा जाएगा. इस व्रत के प्रभाव से वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है. इसके अलावा घर में सुख, शांति और ऐश्वर्य का आगमन भी होता है. इतना ही नहीं इस दिन किए गए व्रत और उपासना का कई गुना फल मिलता है.
शाम को करें पूजा
हिन्दू पंचांग के अनुसार,13 अगस्त को प्रदोष तिथि सुबह 8 बजकर 19 मिनट से शुरू हो रही है, जो 14 अगस्त की सुबह 10 बजकर 25 मिनट तक रहेगी. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, प्रदोष काल में शाम के समय ही भगवान शिव की पूजा का विधान है. ऐसे में शाम के समय प्रदोष काल 13 अगस्त को मिल रहा है. लिहाजा इस दिन ही इस व्रत और पूजा को किया जाएगा.
ऐसे करें व्रत का संकल्प
इस दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान के बाद श्रद्धालुओं को भगवान शिव की आराधना करनी चाहिए और फिर व्रत का संकल्प करना चाहिए. पूजा के दौरान गंगाजल, दूध, शहद, घी और दही से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए. इसके बाद कपूर और धूप से उनकी आरती करनी चाहिए.
(नोट: यह खबर धार्मिक मान्यताओं और ज्योतिषशास्त्र पर आधारित है. CRIME CAP NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)