कब है आषाढ़ विनायक चतुर्थी? सूर्योदय से ही भद्रा का साया, जान लें पूजा मुहूर्त और महत्व

आषाढ़ की विनायक चतुर्थी इस माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाएगी. इस दिन व्रत रखा जाता है और गणेश जी की पूजा की जाती है. श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं कि आषाढ़ की विनायक चतुर्थी कब है? भद्रा काल और पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?
आषाढ़ विनायक चतुर्थी तिथि 21 जून बुधवार को दोपहर 03:09 बजे से शुरू हो रही है
आषाढ़ की विनायक चतुर्थी इस माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाएगी. हर माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी व्रत रखा जाता है और गणेश जी की पूजा की जाती है. एक माह में दो चतुर्थी व्रत होते हैं, कृष्ण पक्ष में संकष्टी चतुर्थी और शुक्ल पक्ष में विनायक चतुर्थी. दोनों में ही गणपति की पूजा होती है, लेकिन संकष्टी में चंद्रमा को अर्घ्य देते हैं, जबकि विनायक चतुर्थी में चंद्रमा दर्शन वर्जित है. श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं कि आषाढ़ की विनायक चतुर्थी कब है? भद्रा काल और पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?
आषाढ़ विनायक चतुर्थी 2023
पंचांग के अनुसार, इस साल आषाढ़ के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 21 जून बुधवार को दोपहर 03 बजकर 09 मिनट से शुरू हो रही है. इस तिथि की समाप्ति 22 जून गुरुवार को शाम 05 बजकर 27 मिनट पर हो रही है. ऐसे में उदयातिथि के आधार पर आषाढ़ विनायक चतुर्थी का व्रत 22 जून को रखा जाएगा.
आषाढ़ विनायक चतुर्थी 2023 पूजा मुहूर्त
22 जून को आषाढ़ विनायक चतुर्थी की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 10 बजकर 59 मिनट से प्रारंभ है, जो दोपहर 01 बजकर 47 मिनट तक है. इस पूजा मुहूर्त के दौरान लाभ-उन्नति मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 23 मिनट से दोपहर 02 बजकर 08 मिनट तक है. इस मुहूर्त में आपको पूजा पाठ करना चाहिए.
विनायक चतुर्थी के दिन रवि योग
विनायक चतुर्थी वाले दिन रवि योग बन रहा है. यह योग शाम को 06 बजकर 01 मिनट से अगले दिन सुबह 04 बजकर 18 मिनट तक है. हालांकि पूजा के समय यह योग नहीं रहेगा.
विनायक चतुर्थी पर न देखें चंद्रमा
आषाढ़ विनायक चतुर्थी व्रत के दिन चंद्रोदय सुबह 08 बजकर 46 मिनट पर होगा. इस दिन चंद्रमा का दर्शन नहीं करते हैं. ऐसी मान्यता है कि विनायक चतुर्थी पर चंद्रमा को देखने से कलंक लगता है.
भद्रा में है आषाढ़ विनायक चतुर्थी व्रत
विनायक चतुर्थी व्रत वाले दिन भद्रा सूर्योदय के साथ ही लग रही है. उस दिन भद्रा का साया सुबह 05 बजकर 24 मिनट से शाम 05 बजकर 27 मिनट तक रहेगा. 12 घंटे तक भद्रा रहेगी. इस भद्रा का वास पृथ्वी पर है.
विनायक चतुर्थी व्रत का महत्व
विनायक चतुर्थी व्रत रखने और गणेश जी की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं. कार्यों में सफलता मिलती है, ज्ञान, बुद्धि, धन, सुख, समृद्धि में बढ़ोत्तरी होती है. गणेश जी के आशीर्वाद से संकट और विघ्न दूर होते हैं.