दिल्ली

आइए, हम अतीत के इस प्रतीक को अपनाकर अपने वर्तमान मूल्यों को मजबूत करें: ‘सेंगोल’ पर बोले शशि थरूर

राजदंड ‘सेंगोल’ को लेकर विवाद के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने रविवार को इस मुद्दे पर सरकार और विपक्ष दोनों की दलीलों को अपनी- अपनी जगह सही बताया और अतीत के इस प्रतीक को अपनाकर वर्तमान मूल्यों को मजबूत करने का आह्वान किया।

नेशनल डेस्क:

राजदंड ‘सेंगोल’ को लेकर विवाद के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने रविवार को इस मुद्दे पर सरकार और विपक्ष दोनों की दलीलों को अपनी- अपनी जगह सही बताया और अतीत के इस प्रतीक को अपनाकर वर्तमान मूल्यों को मजबूत करने का आह्वान किया। थरूर ने ट्वीट किया, ‘‘ ‘सेंगोल’ विवाद पर मेरा अपना विचार है कि दोनों पक्षों की दलीलें अपनी-अपनी जगह सही हैं। सरकार का तर्क सही है कि राजदंड पवित्र संप्रभुता तथा धर्म के शासन को मूर्त रूप देकर परंपरा की निरंतरता को दर्शाता है।

यह दैवीय अधिकार के तहत सौंपा गया
विपक्ष का तर्क सही है कि संविधान को लोगों के नाम पर अपनाया गया था और यह संप्रभुता भारत के लोगों में, संसद में उनके प्रतिनिधित्व के रूप में मौजूद है और यह दैवीय अधिकार के तहत सौंपा गया किसी राजा का विशेषाधिकार नहीं है।” उन्होंने कहा, ‘‘अगर सत्ता के हस्तांतरण के प्रतीक के रूप में माउंटबेटन द्वारा (जवाहरलाल) नेहरू को दिए गए राजदंड के बारे में अप्रासंगिक जानकारियों को छोड़ दिया जाए तो दोनों पक्षों के रुख के बीच सामंजस्य बैठाया जा सकता है।

अपने वर्तमान मूल्यों को मजबूत करें
(राजदंड संबंधी) यह एक ऐसी कहानी है जिसका कोई सबूत नहीं है।” पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं तिरुवनंतपुरम से सांसद ने कहा, ‘‘आइए हम अतीत के इस प्रतीक को अपनाकर अपने वर्तमान मूल्यों को मजबूत करें।” प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को नए संसद भवन का उद्घाटन किया और ऐतिहासिक राजदंड ‘सेंगोल’ को लोकसभा अध्यक्ष के आसन के समीप स्थापित किया।

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