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कभी मनरेगा का मजाक उड़ाते थे पीएम मोदी, जब कोरोना काल आया तो… : योजनाओं को लेकर राहुल गांधी का हमला

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के ‘‘केंद्रीकृत” शासन की आलोचना करते हुए इसकी तुलना पूर्ववर्ती संप्रग सरकारों के शासनकाल से की।

नेशनल डेस्क:

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए मंगलवार को कहा कि पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना जैसे महत्वाकांक्षी कार्यक्रम जनता के बीच से निकले, जबकि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की योजनाएं नौकरशाहों द्वारा तैयार की गईं हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के ‘‘केंद्रीकृत” शासन की आलोचना करते हुए इसकी तुलना पूर्ववर्ती संप्रग सरकारों के शासनकाल से की।

मनरेगा योजना का हवाला देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि संप्रग शासन के दौरान जनता से मिली जानकारी के आधार पर योजनाओं को तैयार किया गया था। कलपेट्टा में यहां के स्थानीय निकायों के यूडीएफ प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करते हुए उन्होंने दावा किया कि वर्तमान सरकार का नोटबंदी का निर्णय प्रधानमंत्री मोदी का था और इसे लोगों या बैंकिंग प्रणाली से परामर्श किए बिना लागू किया गया था।

कांग्रेस की योजनाएं लोगों के बीच से निकली हैं
एक प्रतिभागी के सवाल का जवाब देते हुए गांधी ने कहा, ‘‘मैं आपसे पूरी तरह सहमत हूं। बहुत सारी योजनाएं केंद्रीकृत तरीके से बनायी जाती हैं और वे वास्तव में प्रभावी नहीं होती हैं, क्योंकि योजना बनाने में पंचायत की भागीदारी नहीं होती है।” वायनाड से सांसद गांधी ने कहा, ‘‘यदि आप कांग्रेस पार्टी की मनरेगा जैसी योजनाओं को देखें और उनकी तुलना भाजपा की योजनाओं से करें, तो आप पाएंगे कि कांग्रेस की योजनाएं लोगों व पंचायतों के बीच से निकली हैं, जबकि भाजपा की योजनाएं नौकरशाहों द्वारा तैयार की गईं हैं।”

कभी मनरेगा का मजाक उड़ा रहे थे
इसके बाद गांधी ने मनरेगा योजना की शुरुआत के बारे में विस्तार से बताया कि कैसे यह विचार महाराष्ट्र के एक जिले से उभरा और बाद में इसे एक राष्ट्रीय योजना के रूप में स्वीकार किया गया और देश के शेष हिस्सों में इसका विस्तार किया गया। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मनरेगा भारत के लोगों के बीच से उभरा। लोगों ने काम की मांग की और सरकार ने उस विचार पर प्रतिक्रिया दी। कई अलग-अलग हितधारकों से बात करने के बाद इस योजना को विकसित होने में कई साल लग गए।” प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए गांधी ने कहा, ‘‘जब कोविड काल आया, तो उन्हीं प्रधानमंत्री को मनरेगा का विस्तार करने पर मजबूर होना पड़ा, जो मनरेगा का मजाक उड़ा रहे थे।”

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