Breaking News

ऐसी राजनीति में रहना नहीं चाहता, जहां पैसे का ही जोर है,:तमिलनाडु बीजेपी चीफ

बीजेपी की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष के अन्नामलाई ने कहा कि दो साल बाद मैं समझ गया हूं कि राजनीति धन के बिना और सही तरीके से होनी चाहिए, वरना 1000 सालों में भी तमिलनाडु में कोई बदलाव नहीं होगा।

चेन्नई

भारतीय जनता पार्टी की तमिलनाडु इकाई के प्रमुख के अन्नामलाई ने रविवार (19 मार्च, 2023) को कहा कि वह साफ-सुथरी राजनीति करना चाहते हैं, ना कि ऐसी राजनीति जिसमें पैसे का जोर हो। राज्य भाजपा प्रमुख का यह बयान चेन्नई में सौराष्ट्र तमिल संगमम कार्यक्रम के उद्घाटन के दौरान आया है। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और मनसुख मांडविया भी मौजूद थे।

‘इस तरह की राजनीति से तंग आ चुका हूं’

तमिलनाडु में चुनावों के दौरान पैसों के इस्तेमाल का जिक्र करते हुए अन्नामलाई ने कहा कि वह इस तरह की राजनीति से तंग आ चुके हैं। उन्होंने कहा, “राजनीति के लिए मैं ऐसी राजनीति में नहीं रहना चाहता।” अन्नामलाई ने कहा कि वर्तमान में राज्य में कोई भी पैसे दिए बिना चुनाव नहीं लड़ सकता है।” उन्होंने कहा, “निजी तौर पर और बीजेपी कैडर के तौर पर एवं भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर मेरी इस तरह के चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं है।”

बोले- राजनीति में धन का प्रभाव नहीं होना चाहिए।

उन्होंने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, “तमिलनाडु चुनावों में धन के प्रभाव का स्तर अस्थिर होता जा रहा है, हम इस तरह के चुनाव नहीं करा सकते। मतदाताओं को धन और उपहारों के जरिए मतदाताओं को लुभाने से राज्यों में दशकों के लिए स्वच्छ शासन नहीं लाया जा सकता है।” उन्होंने आगे सुझाव देते हुए कहा कि राजनीति में धन का प्रभाव नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि दो साल बाद मैं समझ गया हूं कि राजनीति धन के बिना और सही तरीके से होनी चाहिए, वरना 1000 सालों में भीतमिलनाडुमें कोई बदलाव नहीं होगा।

अरावाकुरिची निर्वाचन क्षेत्र में विधानसभा चुनावों को लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने अपनी नौ साल की सेविंग्स (चुनाव प्रचार में इस्तेमाल) खो दी। अन्नामलाई ने कहा, “मैं कर्ज में हूं।” उन्होंने कहा, “मैं यह नहीं कह रहा हूं कि सभी दल पैसे दे रहे हैं, लेकिन यह स्वच्छ राजनीति को प्रदर्शित नहीं करता है।”

अन्नामलाई ने कहा, “मैंने अरवाकुरिची चुनाव के दौरान अपनी नौ साल की सेविंग्स खो दी। चुनाव के बाद, मैं कर्ज में डूब गया हूं।” उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में संसदीय चुनाव लड़ने के लिए लगभग 80 करोड़ रुपये से 120 करोड़ रुपये तक लगते हैं। उन्होंने कहा, “मैं यह नहीं कह रहा हूं कि सभी दल पैसे दे रहे हैं, लेकिन यह स्वच्छ राजनीति को प्रदर्शित नहीं करता है।”

डोनेट करें - जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर क्राइम कैप न्यूज़ को डोनेट करें.
 
Show More

Related Articles

Back to top button