गोधरा विधानसभा सीट:ट्रेन में आग लगने की घटना के 20 साल बाद भी गोधरा में गहरी हैं सांप्रदायिक दरारें

Godhra Seat Analysis: गोधरा में एक ट्रेन में आग लगने से 59 कारसेवक के मारे जाने और भारत के विभाजन के बाद के सबसे भीषण दंगों की शरुआत होने के 20 साल बाद चुनावी परिदृश्य दोनों समुदायों के बीच की खाई को प्रदर्शित करता है. गोधरा के मुस्लिम बहुल और हिंदू बहुल इलाकों के बीच विभाजन को चिह्नित करते हुए एक सड़क गुजरती है, जो शायद सांप्रदायिक दरार का भी रूपक है. सांप्रदायिक विभाजन की यह रेखा शहर में गहराई से प्रकट होती है और अनायास 2002 के गुजरात दंगों को याद दिलाती है.
BJP के मौजूदा विधायक सीके राउलजी 2007 से गोधरा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. कांग्रेस ने रश्मिताबेन चौहान को उतारा है. इसके अलावा AAP के राजेशभाई पटेल और AIMIM के शब्बीर कच्छबा मैदान में हैं.
गोधरा:
गोधरा के मुस्लिम बहुल और हिंदू बहुल इलाकों के बीच विभाजन को चिह्नित करते हुए एक सड़क गुजरती है, जो शायद सांप्रदायिक दरार का भी रूपक है. सांप्रदायिक विभाजन की यह रेखा शहर में गहराई से प्रकट होती है और अनायास 2002 के गुजरात दंगों को याद दिलाती है. गोधरा में एक ट्रेन में आग लगने से 59 कारसेवक के मारे जाने और भारत के विभाजन के बाद के सबसे भीषण दंगों की शरुआत होने के 20 साल बाद चुनावी परिदृश्य दोनों समुदायों के बीच की खाई को प्रदर्शित करता है. अल्पसंख्यक समुदाय के कई निवासी अपने इलाकों में विकास नहीं होने की शिकायत करते हैं, वहीं शहर के अन्य क्षेत्रों के लोग समस्याओं को स्वीकार करते हैं, लेकिन कहते हैं कि वे हिंदुत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के मुद्दे पर मतदान करेंगे.
इस संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्र में भ्रष्टाचार, बढ़ती बेरोजगारी और 27 साल से राज्य में शासन कर रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर जैसे मुख्य मुद्दे हैं. हालांकि, हिंदुत्व और मोदी के नाम पर गोलबंदी चुनाव का निर्धारण करने वाले कारक हैं और उन सभी पर विजय प्राप्त कर सकते हैं. सड़क रानी मस्जिद के पास पटेलवाड़ा और पोलन बाजार क्षेत्र से होकर गुजरती है, जहां पहले अधिकांश हिंदुओं और अन्य समुदायों का घर था तथा बाद में मुसलमान बहुल क्षेत्र हो गया. यहां मतभेद स्पष्ट दिखाई देते हैं. पोलन बाजार और उसके आस-पास के क्षेत्र गड्ढों, जर्जर सड़कों, किनारे में कचरे के ढेर तथा कुछ ही दूरी पर बंद नाले से घिरे हैं.
गोधरा में करीब 2,79,000 मतदाता हैं, इनमें से 72,000 मुस्लिम बहुल इलाके में हैं
मुस्लिम बस्ती के दूसरी तरफ की सड़कें चौड़ी हैं. गुजरात औद्योगिक विकास निगम (जीआईडीसी) की छोटी औद्योगिक इकाइयां हैं. एक थिएटर, एक पैंटालून शोरूम और कार शोरूम भी है. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के एक समर्थक इशाक बोकड़ा ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘शहर के हमारे हिस्से में कोई बैंक, एटीएम, खेल के मैदान नहीं हैं.’ एआईएमआईएम के पार्षद फैसल सुलेजा ने कहा, ‘विकास हमेशा दूसरी तरफ होता रहा है, जिसमें हिंदुओं और अन्य समुदायों का दबदबा रहा है.’ ओवैसी के नेतृत्व वाली पार्टी एआईएमआईएम ने पिछले साल 44 सदस्यीय नगरपालिका में 7 सीट जीतकर सभी को चौंका दिया था. गोधरा में करीब 2,79,000 मतदाता हैं. इनमें से 72,000 मुस्लिम बहुल इलाके में हैं.
सीके राउलजी 2007 से गोधरा के विधायक हैं, पहले कांग्रेस में थे, अब भाजपा में हैं
भाजपा के मौजूदा विधायक सीके राउलजी 2007 से गोधरा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. वह 2007 से 2016 तक कांग्रेस से और 2017 से भाजपा से इस क्षेत्र की नुमाइंदगी कर रह रहे हैं. राउलजी के खिलाफ कांग्रेस ने रश्मिताबेन चौहान को उतारा है. इसके अलावा आम आदमी पार्टी (आप) के राजेशभाई पटेल और एआईएमआईएम के शब्बीर कच्छबा हैं, जो पिछले साल निकाय चुनावों में पार्टी की बढ़त को मजबूत करना चाहते हैं. इमाम कच्छबा (33) ने राउलजी पर क्षेत्र के मुद्दों को हल नहीं करने का आरोप लगाया. इस क्षेत्र में दूसरे चरण में मतदान होगा. वर्ष 2002 के सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में दोषी ठहराए गए लोगों पर राउलजी की टिप्पणियों का जिक्र करते हुए कच्छबा ने कहा, ‘महत्वपूर्ण बात यह है कि बिलकिस बानो मामले के दोषियों को संस्कारी कहने वाले व्यक्ति को कैसे चुना जा सकता है.’
राउलजी के अनुसार, उनका मुख्य एजेंडा 2017 से शुरू की गई परियोजनाओं को पूरी तरह से लागू करना होगा, जिसमें 400 बेड का मेडिकल कॉलेज और 104 गांवों के लिए एक सिंचाई परियोजना शामिल है. महामारी, अवसरों की कमी और विकास एक निरंतर चिंता का विषय है. गुजरात के पंचमहल जिले के इस शहर से 2002 के बाद किसी दंगे की सूचना नहीं मिली है, जहां आजादी के बाद से सांप्रदायिक दंगों का इतिहास रहा है. ध्रुवीकरण स्पष्ट है. कई लोगों ने सत्तारूढ़ भाजपा से निराशा व्यक्त की लेकिन कहा कि वे फिर से पार्टी को वोट देंगे. रेस्तरां कारोबारी और रियल एस्टेट डेवलपर मनीष शाह (48) ने कहा कि प्रमुख उद्योगों की कमी और भ्रष्टाचार गोधरा में प्रमुख मुद्दे हैं. शाह ने कहा, ‘लेकिन हम हिंदुत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के मुद्दे पर मतदान करेंगे.’
प्रमुख उद्योगों की कमी और भ्रष्टाचार गोधरा में प्रमुख मुद्दे हैं, लेकिन ध्रुवीकरण भी है
शाह ने कहा कि शहर के मुस्लिम क्षेत्र की सीमा में उनके पास एक सड़क पर तेल डिपो था लेकिन 2011 में उन्होंने अपनी संपत्ति बेच दी और रियल एस्टेट का कारोबार शुरू किया. उनके कारोबार सहयोगी 53 वर्षीय इंदुभाई भोजवानी ने कहा कि भ्रष्टाचार एक मुद्दा है ‘लेकिन हिंदुओं की सुरक्षा एक महत्वपूर्ण कारक है.’ लालबाग चौक पर पान की दुकान के मालिक 47 वर्षीय मुकेशभाई रेलवानी ने दोनों समुदायों के बीच अविश्वास को बयां करते हुए कहा, ‘वह (दूसरी तरह जहां मुसलमान रहते हैं) मिनी-पाकिस्तान है। मेरा वोट हिंदुत्व के लिए होगा.’ हालांकि, रेलवानी ने यह भी कहा कि अगर विपक्षी दलों ने मजबूत उम्मीदवार उतारे होते तो भाजपा निश्चित रूप से हार जाती। पहचान जाहिर नहीं करने की शर्त पर एक व्यापारी ने कहा, ‘कोई विकल्प नहीं है.’
युवा वर्ग में से कुछ ने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी को मौका देने की अपनी इच्छा की बात कही. प्राथमिक कारक के तौर पर उन्होंने कहा, बेरोजगारी और अवसरों की कमी है. सेठ पीटी आर्ट्स एंड साइंस एंड लॉ कॉलेज में द्वितीय वर्ष के छात्र 19 वर्षीय दीपक पाढियार ने कहा कि उन्होंने पुलिस कांस्टेबल के पद के लिए आवेदन किया था, लेकिन लिखित परीक्षा पास नहीं कर सके। हालांकि बेहतर जीवन की उनकी तलाश जारी रहेगी. कानून के प्रथम वर्ष की छात्रा श्रीमाली किरीट (22) ने दावा किया कि बेरोजगारी यहां एक महत्वपूर्ण कारक है. किरीट ने कहा, ‘यह (भाजपा) सरकार संविदा कर्मियों पर जोर दे रही है जिन्हें पेंशन की सुविधा नहीं है. पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के साथ सरकारी नौकरियों की आवश्यकता है.’