सभी राज्य

आर्थिक तंगी ने किया मजबूर, उल्टी खाट पर शव रखकर 25 किमी पैदल निकले परिजन, 10 KM बाद पुलिस ने की मदद

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में दिल को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है। आर्थिक तंगी ने एक परिवार को बुजुर्ग महिला के शव को खाट पर रखकर पैदल गांव तक चलने मजबूर कर दिया। 10 KM के बाद परिजनों को मदद मिली।

दंतेवाड़ा

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में दिल को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है। आर्थिक तंगी ने एक परिवार को बुजुर्ग महिला के शव को खाट पर रखकर पैदल गांव तक चलने मजबूर कर दिया। एक महिला व 3 पुरुष सदस्य खाट को उल्टा करके उसमें महिला का शव रखकर रेंगानार से निकले थे। करीब 25 किलोमीटर दूर टिकनपाल ग्राम पंचायत का फासला उन्हें तय करना था। शव को लड़की के सहारे कंधे पर ढोकर लगभग 10 किमी का सफर उन्होंने तय कर लिया। इस बीच कुआकोंडा थाना को सूचना मिली तब पुलिस ने मानवता का परिचय देते हुए वाहन की व्यवस्था कर शव को गांव भिजवाया।

मिली जानकारी के मुताबिक टिकनपाल गांव की रहने वाली महिला जोगी पोडियाम की किसी बीमारी की वजह से रेंगानार में मौत हो गई। आर्थिक परेशानी की वजह से परिजनों को शव गांव तक ले जाने खाट का सहारा लेना पड़ा। खाट को उल्टा कर उसमें रस्सी बांधी, फिर कंधे से उठाकर पैदल टिकनपाल गांव जाने के लिए निकल पड़े। यह परिवार रास्ते पर शव को कंधे पर ढोकर चल रहा था। तभी एक स्थानीय मीडियाकर्मी की नजर इस पर पड़ी। उन्होंने परिजनों से पूछा तब जानकारी मिली कि शव को रेंगानार से 25 किलोमीटर दूर टिकनपाल लेकर जा रहे हैं। उनके पास गाड़ी किराया करने के लिए रुपये नहीं है। मृतक महिला के परिजन इस बात से भी अनभिज्ञ हैं कि उन्हें अस्पताल से शव को घर ले जाने मुक्तांजलि वाहन की सुविधा मिल सकती है।

विकास का मुंह चिढ़ा रही यह तस्वीर 
मीडियाकर्मी ने कुआकोंडा थाना प्रभारी चंदन कुमार को सूचना दी। कुछ देर में पुलिस टीम के साथ वह मौके पर पहुंचे। उन्होंने पिकअप वाहन की व्यवस्था की। कुछ जवानों को साथ भेजकर शव को टिकनपाल गांव भिजवाया। बता दें कि आजादी के 75 वर्ष बाद भी बस्तर संभाग में ऐसी तस्वीरे देखने को मिल जाती है। कभी मरीज को अस्पताल में भर्ती कराने खाट पर ले जाना पड़ता है। सरकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार सही ढंग से नहीं होने का खामियाजा वनांचल में बसे आदिवासियों को भुगतान पड़ रहा है। खाट पर शव ले जाने के दौरान रास्ते में पढ़े-लिखे लोग भी गुजरे होंगे, लेकिन किसी ने रुककर मदद के लिए नहीं पूछा। अति नक्सल प्रभावित कुआकोंडा ब्लॉक से निकलकर सामने आई यह तस्वीर विकास का दावा करने वालों के मुंह पर तमाचा है।

डोनेट करें - जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर क्राइम कैप न्यूज़ को डोनेट करें.
 
Show More

Related Articles

Back to top button