राजस्थान

2 रुपये के रिफंड के लिए लड़ी 5 साल तक लड़ाई, अब रेलवे को चुकाने होंगे 2.43 करोड़, पढ़ें

राजस्थान (Rajasthan News) के कोटा (Kota Crime News) के एक युवक ने रेलवे की बड़ी लापरवाही उजागर की है. सुजीत स्वामी (Sujit Swamy RTI activist kota) ने 5 साल तक 2 रुपये के रिफंड के लिए लंबी लड़ाई लड़ी. इसका फायदा उनके साथ 2.98 लाख यूजर्स को हुआ. अब इस मामले में रेलवे को 2.43 करोड़ चुकाने होंगे. सुजीत पिछले 5 साल से टिकट के रिफंड में कम मिले 2 रुपये के लिए लड़ाई लड़ रहे थे.

कोटा. राजस्थान के कोटा के एक सजग नागरिक ने रेलवे की बड़ी लापरवाही को उजागर कर दिया था. महज 2 रुपये की लड़ाई की वजह से रेलवे को अब  2.43 करोड़ चुकाने होंगे. इंजीनियर और आरटीआई कार्यकर्ता ने सिर्फ 2 रुपये के रिफंड के लिए लंबी लड़ाई लड़ी. इसका फायदा उनके साथ 2.98 लाख यूजर्स को हुआ. मामला कोटा से जुड़ा है. कोटा के महावीर नगर निवासी सुजीत स्वामी पिछले 5 साल से टिकट के रिफंड में कम मिले 2 रुपये के लिए लड़ाई लड़ रहे थे. 30 साल के सुजीत ने बताया कि अप्रैल 2017 में उन्होंने 2 जुलाई को यात्रा करने के लिए स्वर्ण मंदिर मेल में कोटा से नई दिल्ली के लिए टिकट बुक किया था. वेटिंग होने के कारण वो यात्रा नहीं कर पाए. उन्होंने 765 रुपये की कीमत वाला टिकट कैंसिल करवा दिया था.  कैंसिल करवाने पर उन्हें 665 रुपये का रिफंड मिला.
सुजीत का कहना है कि रेलवे ने 65 के बजाय 100 रुपये की कटौती करके उनसे सेवा कर के रूप में 35 रुपये की अतिरिक्त राशि वसूल की. सुजीत ने जुलाई 2017 में मामले को लेकर आरटीआई में लगाकर सूचना मांगी. इसके तहत और कितने उपभोक्ता हैं, जिनके सेवा कर के रूप में 35 रुपये की कटौती की गई. इसके जवाब में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई. रेलवे द्वारा दी गई जानकारी में सामने आया कि करीब 2 लाख 98 हजार उपभोक्ताओं से प्रति यात्री 35 रुपये सेवाकर के रूप लिए गए.
सुजीत ने की थी पैसे रिफंड करने की मांग
सुजीत ने रेलवे मंत्री, पीएम को लेटर लिखा और सभी उपभोक्ताओं का पैसा रिफंड करने की मांग की. मई 2019 को सुजीत के बैंक अकाउंट में आईआरसीटीसी द्वारा 33 रुपये डाल दिए गए. सुजीत इससे खुश नहीं हुए. उनका मानना था कि आईआरसीटीसी ने उनके 35 रुपये सेवाकर के रूप में काटे थे. वापस 35 के बजाय 33 रुपये ही लौटाए. सुजीत ने 2 रुपये रिफंड पाने के लिए फिर से संघर्ष शुरू किया. सुजीत ने जुलाई 2019 में फिर से एक ओर आरटीआई लगाकर खुद के 2 रुपये के साथ-साथ सभी उपभोक्ताओं को रिफंड लौटने की मांग की. सुजीत हर दो महीने में आरटीआई के माध्यम से रिफंड की स्थिति की जानकारी लेते थे.
सुजीत का यह मामला रेलवे मंत्रालय के वित्त आयुक्त और सचिव भारत सरकार, रेलवे बोर्ड के डिप्टी डायरेक्टर पैसेंजर मार्केटिंग, आईआरसीटीसी, मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस (रेवेन्यू) डिपार्टमेंट के सचिव और जीएसटी काउंसिल तक पहुंचा. सुजीत ने पीएम नरेंद्र मोदी, मंत्री अनुराग ठाकुर, निर्मला सीतारमण, रेल मंत्री को कटाक्ष करते हुए ट्वीट किए. हाल ही में 27 मई को सुजीत के पास आईआरसीटीसी के अधिकारी का फोन आया. उन्होंने सभी उपभोक्ताओं के रिफंड रेलवे बोर्ड द्वारा अप्रूव होने की जानकारी दी. साथ ही सुजीत के बैंक अकाउंट की जानकारी मांगीय 30 मई को सुजीत के अकाउंट में रेलवे द्वारा 2 रुपये का रिफंड आया. इसके बाद सुजीत ने पांच साल चले संघर्ष पूरा होने के बाद धन्यवाद कहने के लिए 535 रुपये पीएम केयर फंड में ट्रांसफर किए.

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