मोदी सरकार के 8 साल… जानें किन अहम बदलावों के लिए किया जाएगा प्रधानमंत्री को याद!

देश की राजनीति में ‘नई लहर’ लाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार ने 8 साल पूरे कर लिए हैं, पीएम मोदी 26 मई 2014 को पहली बार देश के प्रधानमंत्री बने थे। वैसे तो प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण करने के साथ ही उन्होंने कई रिकॉर्ड बना दिए थे लेकिन पिछले 8 वर्षों से रिकॉर्ड बनाने का उनका सफर लगातार जारी है। 2014 में सत्ता की बागडोर संभालने वाले नरेंद्र मोदी देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री थे, जिनका जन्म आजाद भारत में हुआ था।
इंदिरा के बाद लगातार दूसरी बार सरकार बनाने वाले PM बने मोदी
बताते चलें कि 1984 के लोकसभा चुनाव के 30 वर्षों के बाद 2014 में कोई पार्टी (भाजपा) अपने दम पर बहुमत हासिल कर सरकार बनाने जा रही थी। उस चुनाव में भाजपा को अकेले 282 सीटों पर जीत हासिल हुई थी और नरेंद्र मोदी ने एनडीए के प्रधानमंत्री के तौर पर 26 मई 2014 को देश की बागडोर संभाली थी। इसके बाद 2019 में लगातार दूसरी बार पहले से भी ज्यादा 303 लोक सभा सीटों पर अकेले जीत हासिल कर प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता की बागडोर संभाल कर मोदी ने एक और रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) के बाद वो देश के पहले प्रधानमंत्री बन गए जिन्होंने लगातार दूसरी बार बहुमत के साथ सरकार बनाई थी।
8 सालों में BJP सरकार द्वारा लिए गए कुछ अहम फैसले
पिछले 8 सालों में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के काम को सराहा गया तो कभी उनके द्वारा लिए गए फैसलों पर सवाल भी खड़े हुए। ऐसे में आज हम बात करने वाले हैं मोदी सरकार के कुछ अहम उतार-चढाव वाले फैसलों की, कुछ ऐसे मोमेंट की जिन्हें हमेशा याद रखा जाएगा।
केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए 3 विवादित कृषि कानून
कृषि कानून (Agriculture Law) मोदी सरकार द्वारा लिए गए सबसे विवादित फैसलों में से एक था, केंद्र के इन तीनों नए कानूनों को लेकर पंजाब समेत देश के कई हिस्सों के किसानों में इतना आक्रोश था कि वह प्रदर्शन करने के लिए सर्दी, गर्मी और बारिश किसी भी मौसम की परवाह किये बिना सड़कों पर आ गए थे और प्रदर्शन कर रहे थे। किसानों ने देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर एक साल से भी ज्यादा समय तक प्रदर्शन किया था, सरकार के लाख समझने बावजूद किसान अपनी मांगों पर अडिग थे। ऐसे में केंद्र को आखिरकार कृषि कानूनों को वापस लेने पर मजबूर होना पड़ा था।
देश में पास किया गया GST कानून
गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST Law) को पास करवाना सरकार के लिए बहुत जद्दोजहद वाला काम था, लेकिन इस फैसले को मोदी सरकार द्वारा लिए बड़े फैसलों का हिस्सा माना जाता है। जीएसटी कानून ने देश में कई अप्रत्यक्ष करों जैसे उत्पाद शुल्क, वैट, सेवा कर इत्यादि को रिप्लेस कर दिया, जुलाई 2017 से भारत में जीएसटी लागू है। बता दें कि ‘एक राष्ट्र-एक कानून’ के सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए यह लागू किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य देश में अप्रत्यक्ष करों के बढ़ते प्रभाव को रोकना और भारत में एक टैक्स सिस्टम को लागू करना था।
नोटबंदी के कारण बैंकों की लाइन में लगे भारतवासी
8 नवंबर 2016 की शाम देशवासियों के पैरों तले जमीन खिसक गई थी, क्योंकि पीएम मोदी ने जनता के नाम अपने संबोधन में नोटबंदी (Demonetization) का ऐलान कर दिया था। पीएम के इस ऐलान ने एक झटके में 500 और 1000 के नोटों को रद्दी बना दिया था। केंद्र ने बंद किए नोटों के बदले 500 और 2000 के नए नोट जारी किए, नोटबंदी के कई महीने बीत जाने के बाद भी देश की जनता पुराने नोटों को बदलवाने में संघर्ष करती नजर आई थी।
खत्म किया जम्मू-कश्मीर का विशेषाधिकार
केंद्र में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में जम्मू-कश्मीर के विशेषाधिकार पर गाज गिरी थी, 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से धारा- 370 (Article-370) और आर्टिकल 35-ए (Article 35-A) के प्रावधानों को निरस्त कर दिया गया था। जिसके बाद जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) को केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा दिया गया, इसके अलावा लद्दाख को एक अलग केंद्र शासित प्रदेश के रूप में घोषित किया गया था।
पाकिस्तान पर सर्जिकल एयर स्ट्राइक
उरी में हुए हमले के बाद भारतीय सेना (Indian Army) ने पाकिस्तान (Pakistan) पर चढ़ाई करते हुए सफल एयर स्ट्राइक (Air Strike) को अंजाम दिया था, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर क्षेत्र में घुस कर भारतीय सेना ने आतंकवादी लॉन्च पैड पर सर्जिकल स्ट्राइक कर बड़ी संख्या में आतंकियों का खात्मा किया। वहीं, पुलवामा अटैक के बाद बालाकोट पर एयर स्ट्राइक कर आतंकियों के ठिकानों को नष्ट किया था। इस फैसले को मोदी सरकार के सबसे सराहनीय और ऐतिहासिक फैसलों में गिना जाता है।
देश में CAA-NRC का हुआ पुरजोर विरोध
केंद्र की मोदी सरकार ने 2019 में भारत के पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए 6 समुदायों (हिन्दू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध तथा पारसी) के शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने का ऐलान किया। इसके लिए सरकार नागरिकता (संशोधन) कानून लेकर आई, जिसका देशभर में विरोध हुआ। दिल्ली के शाहीन बाग में सीएए-एनआरसी (CAA-NRC) को लेकर लंबा आंदोलन चला, क्योंकि इस कानून के तहत केवल 6 शरणार्थी समुदायों को ही भारत की नागरिकता दी जा रही थी और इसमें मुस्लिम समुदाय के लोगों को जगह नहीं दी गई थी। इस आंदोलन में कई लोगों को अपनी जान से भी हाथ धोना पड़ा था।
मोदी सरकार ने मुस्लिम समुदाय की महिलाओं को दी बड़ी सौगात
मोदी सरकार के सबसे अच्छे फैसलों में से एक तीन तलाक (3 Talak) पर रोक लगाना भी है, यह भी ऐतिहासिक क्षणों की श्रेणी में आता है। मुस्लिम (Islam) समुदाय के लोगों ने मोदी सरकार के इस फैसले का विरोध भी किया था तो वहीं दूसरी तरफ महिलाओं ने इसका स्वागत किया था। बहुत जद्दोजहद और विरोध प्रदर्शनों के बीच इस कानून को अमलीजामा पहनाया गया था।