‘पीएम मोदी के माफ़ी मांगने से किसानों को फ़सल के दाम नहीं मिल जाएंगे’: राकेश टिकैत

लखनऊ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से तीनों विवादास्पद कृषि क़ानून की वापसी की घोषणा के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने सोमवार को लखनऊ में किसान महापंचायत का आयोजन किया.
पीएम मोदी के इन क़ानूनों को वापस लेने की घोषणा के बाद मोर्चे की यह पहली बड़ी जनसभा थी जिसे उत्तर प्रदेश के आगामी चुनावों के मद्देनजर एक शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है.
महापंचायत की अगुवाई भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने की और मंच से भाषण देते हुए कहा, “क़ानूनों को वापस लेने की घोषणा तो की लेकिन कटाक्ष के साथ. बात तो ठीक की कि वापस ले रहा हूँ लेकिन इसके बाद भी किसानों को बांटने का काम किया. कहा कि हम कुछ लोगों को समझाने में नाकाम रहे, देश से माफ़ी मांगते हैं. देश का प्रधानमंत्री न देश से माफ़ी मांगे, न ही माफ़ी मांगने से इन किसानों को फसलों के रेट मिलेंगे.”

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए राकेश टिकैत ने उनकी नीयत पर सवाल लिया और कहा कि, “हमारे मसले बहुत हैं, सरकार हमसे बातचीत करे. देश के प्रधानमंत्री ने बहुत मीठी बात की. शहद से भी मीठी आवाज़ थी. हमको ख़तरा लगता है. कमज़ोर नहीं, हम चाहते हैं कि देश का प्रधानमंत्री मज़बूत रहे लेकिन हमारे मसले भी ठीक करे. हम नहीं चाहते कि दुनिया यह कहे कि प्रधानमंत्री ने माफ़ी मांगी ना, आप सख्त होकर बात करो लेकिन हमारे मसलों का समाधान करो, मसलों का समाधान नहीं होगा, तो आंदोलन आपके ख़िलाफ़ होगा.”
संयुक्त किसान मोर्चा एमएसपी को क़ानूनी दर्जा देने की मांग को लेकर सरकार से बातचीत के लिए तैयार है. टिकैत ने एमएसपी के लिए क़ानून लाने की मांग करते हुए कहा, “जब संयुक्त मोर्चे और भारत सरकार की बातचीत होती थी, उस समय मोर्चे में तय हुआ था कि जब क़ानून वापसी हो जाएंगे, एमएसपी पर गारंटी क़ानून बन जायेगा, यह धरना समाप्त हो जायेगा और उसके बाद में एक समिति बनेगी जो और मामलों पर बातचीत करती रहेगी.”

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उत्तर प्रदेश में आने वाले दिनों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. राकेश टिकैत इसे बखूबी समझते है और अपने भाषण में उन्होंने कहा कि चुनावी मुद्दों में सांप्रदायिकता घोलने के कोशिश हो सकती है और कहा, “आपको उलझायेंगे हिन्दू मुसलमान में, सिख हिन्दू में, आपको उलझायेंगे जिन्ना में और यह देश बेचने का काम करेंगे.”