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क्या रेलवे का होगा प्राइवेटाइजेशन? 400 स्टेशनों, 90 पैसेंजर ट्रेन, कोंकण रेल का सरकार करने जा रही मौद्रिकरण

सरकार ने मौद्रिकरण (Monetization) के लिए कुल 400 रेलवे स्टेशनों, 90 यात्री रेलगाड़ियों, रेलवे के कई खेल स्टेडियम और कॉलोनियों के साथ ही प्रसिद्ध कोंकण और पहाड़ी रेलवे की पहचान की है.

साल 2025 तक रेलवे की ब्राउनफील्ड अवसंरचना संपत्तियों का मौद्रिकरण कर 1.52 लाख करोड़ रुपये से अधिक हासिल किए जाएंगे

नई दिल्ली.

सरकार ने मौद्रिकरण (Monetization) के लिए कुल 400 रेलवे स्टेशनों, 90 यात्री रेलगाड़ियों, रेलवे के कई खेल स्टेडियम और कॉलोनियों के साथ ही प्रसिद्ध कोंकण और पहाड़ी रेलवे की पहचान की है. सड़क के बाद रेलवे दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है, जिसे महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय मौद्रिकरण योजना में शामिल किया गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सोमवार को जारी की गई 6 लाख करोड़ रुपये की राष्ट्रीय मौद्रिकरण योजना (NMP) में रेलवे की संपत्ति का 26 प्रतिशत योगदान होगा.

 

1.52 लाख करोड़ रुपये जुटाएगी सरकार
वित्त वर्ष 2025 तक चार वर्षों में रेलवे की ब्राउनफील्ड अवसंरचना संपत्तियों का मौद्रिकरण कर 1.52 लाख करोड़ रुपये से अधिक हासिल किए जाएंगे. ब्राउनफील्ड एसेट्स का मतलब है, जो फिलहाल उपयोग में नहीं हैं और उन्हें विकसित किया जाना है.

 

ये एसेट्स हैं प्लान में शामिल
वित्त वर्ष 2022-25 के दौरान मौद्रिकरण के लिए चिह्नित की गई प्रमुख रेल संपत्तियों में 400 रेलवे स्टेशन, 90 यात्री रेलगाड़ियां, 1400 किलोमीटर लंबी रेल की पटरी, कोंकण रेलवे का 741 किलोमीटर लंबा हिस्सा, 15 रेलवे स्टेडियम और चयनित रेलवे कॉलोनियां और चार पहाड़ी रेल शामिल हैं.

इन सेक्टर में भी एसेट्स का होगा मोनेटाइजेशन
सीतारमण ने छह लाख करोड़ रुपये की राष्ट्रीय मौद्रिकरण योजना (एनएमपी) की घोषणा की, जिसके तहत रेलवे, बिजली से लेकर सड़क जैसे अलग-अलग बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में संपत्तियों का मौद्रिकरण किया जाएगा.

जानिए निजी हाथों में देने से होगी कितने रुपये की प्राप्ति
चार साल की अवधि में रेलवे स्टेशनों और यात्री रेलों के परिचालन को निजी हाथों में देने से क्रमश: 76,250 करोड़ रुपये और 21,642 करोड़ रुपये की प्राप्ति होगी. माल परिवहन के लिए समर्पित गलियारे के मौद्रिकरण से 20,178 करोड़ रुपये, वहीं पटरी, सिग्नल और पटरियों के ऊपर लगने वाले उपकरणों संबंधी इनविट से 18,700 करोड़ रुपये प्राप्त होने का अनुमान है. कोंकण रेलवे से 7,281 करोड़ और पहाड़ों पर चलने वाली रेलवे के मौद्रिकरण से 630 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है.

 

केंद्रीय बजट 2021-22 में बुनियादी ढांचे के टिकाऊ वित्तपोषण को एक प्रमुख साधन के रूप में परिचालनगत सार्वजनिक बुनियादी ढांचे की संपत्तियों के मौद्रिकरण की पहचान की गयी थी. इस दिशा में बजट में एक राष्ट्रीय मौद्रिकरण योजना तैयार करने का भी प्रावधान किया गया. ढांचागत क्षेत्र के मंत्रालयों के साथ विचार-विमर्श कर नीति आयोग ने एनएमपी पर रिपोर्ट तैयार की थी.

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