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‘चेचक जितनी आसानी से फैल सकता है कोरोना का डेल्टा वेरिएंट, गंभीर बीमारी का बन सकता है कारण’

 रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के दस्तावेज में अप्रकाशित आंकड़ों के आधार पर दिखाया गया है कि कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन की सभी खुराकें ले चुके लोग भी बिना टीकाकरण वाले लोगों जितना ही डेल्टा स्वरूप को फैला सकते हैं.

इस समय पूरी दुनिया के लिए कोरोना वायरस का डेल्टा वैरिएंट सबसे बड़ा जोखिम बना हुआ है.

नई दिल्ली.

2019 में आया कोरोना वायरस अब तक कई बार अपने रूप बदल चुका है. लेकिन कोरोना का डेल्टा वेरिएंट सबसे खतरनाक बताया जा रहा है. अमेरिकी स्वास्थ्य प्राधिकार के एक आंतरिक दस्तावेज का हवाला देते हुए कहा गया है कि कोरोना का डेल्टा वेरिएंट बाकियों की तुलना में अधिक गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है और चेचक की तरह आसानी से फैल सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के दस्तावेज में अप्रकाशित आंकड़ों के आधार पर दिखाया गया है कि कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन की सभी खुराकें ले चुके लोग भी बिना टीकाकरण वाले लोगों जितना ही डेल्टा स्वरूप को फैला सकते हैं.

 

सबसे पहले ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ ने इस दस्तावेज के आधार पर रिपोर्ट प्रकाशित की. सीडीसी की निदेशक डॉ. रोशेल पी वालेंस्की ने माना कि टीका ले चुके लोगों की नाक और गले में वायरस की मौजूदगी उसी तरह रहती है जैसे कि टीका नहीं लेने वालों में. आंतरिक दस्तावेज में वायरस के इस स्वरूप के कुछ और गंभीर लक्षणों की ओर इशारा किया गया है. बता दें कि कोरोना के डेल्टा वेरिएंट का पहला केस भारत में मिला था.

गंभीर बीमारी पैदा कर सकता है डेल्टा वेरिएंट
रिपोर्ट में कहा गया है कि डेल्टा स्वरूप, ऐसे वायरस की तुलना में अधिक फैलता है जो मर्स, सार्स, इबोला, सामान्य सर्दी, मौसमी फ्लू का कारण बनता है और यह चेचक की तरह ही संक्रामक है. दस्तावेज के मुताबिक बी.1.617.2 यानी डेल्टा स्वरूप और गंभीर बीमारी पैदा कर सकता है. ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने एक संघीय अधिकारी का हवाला देते हुए कहा कि दस्तावेज के निष्कर्ष ने डेल्टा स्वरूप को लेकर सीडीसी के वैज्ञानिकों की चिंताएं बढ़ा दी हैं. अधिकारी ने कहा, ‘‘सीडीसी डेल्टा स्वरूप को लेकर आंकड़ों से बहुत चिंतित है. यह स्वरूप गंभीर खतरे का कारण बन सकता है, जिसके लिए अभी कदम उठाने की आवश्यकता है.’’

सीडीसी द्वारा 24 जुलाई तक इकट्ठा किए गए आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका में 16.2 करोड़ लोगों का टीकाकरण हो चुका है और हर सप्ताह लक्षण वाले करीब 35,000 मामले आ रहे हैं. लेकिन एजेंसी मामूली या बिना लक्षण वाले मामलों की निगरानी नहीं करती है, इसलिए वास्तविक मामले अधिक हो सकते हैं.

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