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लोकसभा चुनाव 2024 का :रोडमैप विपक्ष की ताकत नए राज्यों पर नजर- दिल्ली आ रहीं ममता बनर्जी का बड़ा प्लान

बीजेपी को टक्कर देने के लिए टीएमसी ने दूसरे राज्यों में अपनी पैठ बनाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं. 2024 तक विपक्षी रोडमैप की रूपरेखा तैयार करने के लिए ममता 28 जुलाई को समान विचारधारा वाले दलों से मिल सकती हैं.

नई दिल्ली. ममता का दिल्ली में डंका!
साल 2016 में जब नोटबंदी ने देश को हिलाकर रख दिया था तो ममता बनर्जी उस उक्त इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देने वाले पहली नेता थी. उसके बाद ही पूरे विपक्ष ने मोदी सरकार पर हमला किया था. इसके बाद भाजपा विरोधी दल 2018 में दिल्ली में मिले, जहां राहुल गांधी भी मौजूद थे, और एक योजना बनाई गई कि विपक्षी नेता एक दूसरे के राज्य का दौरा करेंगे और प्रचार करेंगे. ममता बनर्जी का सिद्धांत था कि राज्य में जो भी पार्टी मजबूत है उसे मुख्य पार्टी का समर्थन करना चाहिए और अलग-अलग उम्मीदवारों का समर्थन नहीं करना चाहिए. उनकी दलील थी कि इससे वोट बंट जाएंगे. हालांकि विपक्ष की बैठक कई बार हुई, लेकिन न्यूनतम साझा एजेंडा नहीं बन सका. बनर्जी ने 2019 के चुनाव से पहले सभी विपक्षी नेताओं को भी बुलाया, लेकिन तब भी सभी क्षेत्रीय पार्टी एक मंच पर नहीं आ सकी.

तैयारियां शुरू कर दी हैं. कमज़ोर विपक्ष के चलते बीजेपी को जीत की हैट्रिक बनाने से रोकना किसी के लिए आसान नहीं होगा. लिहाज़ा विपक्ष की नजर इन दिनों पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की सुप्रिमो ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) पर टिकी है. ममता बनर्जी 26 जुलाई की शाम को दिल्ली पहुंचने (Mamata in Delhi) वाली हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले लोकसभा चुनाव (Lok Sabha 2024) में नरेंद्र मोदी की सरकार को रोकने के लिए ममता खाका तैयार कर सकती हैं.

ममता बनर्जी ने पिछले दिनों अपने एक भाषण में कहा था कि विपक्ष को 2024 के चुनावों के लिए जल्दी योजना बनानी शुरू कर देनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘हमें अभी से 2024 की लड़ाई की योजना बनानी चाहिए. मरीज के मरने के बाद आने वाला डॉक्टर कुछ नहीं कर सकता. समय पर इलाज मिलने पर मरीज की जान बचाई जा सकती है. अब आपका समय है. आप जितना अधिक समय बर्बाद करेंगे, स्थिति उतनी ही खराब होगी.’

TMC की तैयारी
टीएमसी के मुताबिक अगले लोकसभा चुनाव की रणनीति की योजना अभी से शुरू कर दी जानी चाहिए. बंगाल में धमाकेदार जीत के बाद पार्टी ने 2 मई से इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया है. ममता बनर्जी के लिए जीत की रणनीति बनाने वाले चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने पिछले दो हफ्तों में एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार से तीन बार मुलाकात की है. उसके बाद गांधी परिवार के साथ उनकी मुलाकात हुई है. राजनीतिक पंडितों का कहना है कि दोनों घटनाएं जुड़ी हुई हैं और 2024 से पहले एक बड़ी रणनीति की ओर इशारा करती हैं.

बीजेपी पर चौतरफा हमले की तैयारी
दूसरी तरफ बनर्जी के भतीजे और टीएमसी के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने भी कहा कि भाजपा को टीएमसी के साथ आमने-सामने की लड़ाई के लिए तैयार रहना चाहिए. इससे इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि ममता बनर्जी बीजेपी पर चौतरफा हमले की तैयारी में हैं. बीजेपी को टक्कर देने के लिए टीएमसी ने दूसरे राज्यों में अपनी पैठ बनाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं. 2024 तक विपक्षी रोडमैप की रूपरेखा तैयार करने के लिए ममता 28 जुलाई को समान विचारधारा वाले दलों से मिल सकती हैं.

PM से भी मिल सकती हैं ममता
असफलता से सबक लेते हुए इस बार न्यूनतम साझा कार्यक्रम जल्दी तैयार करने पर ज़ोर दिया जा रहा है, जिससे कि 2024 का चुनाव नजदीक आते ही विपक्ष भाजपा पर एक साथ मिलकर हमला कर सके. बनर्जी के 28 जुलाई को पीएम मोदी से भी मिलने की उम्मीद है. इस तरह बनर्जी इस बार प्रमुख दावेदार के रूप में उभर रही हैं जो न केवल विपक्षी दलों से मिलेंगी बल्कि 2024 की रणनीति भी तैयार करेंगी.

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