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साल 2025: फटे कपड़े, प्राइवेट पार्ट पर गंभीर चोटें, छोटी आंत बाहर निकली हुई… खंडवा का सबसे घिनौना अपराध

Adivasi woman Gangrape in Khandwa: मध्य प्रदेश के खंडवा में मई 2025 में सबसे जघन्य अपराध हुआ. इसे खंडवा का निर्भया कांड भी कहा जाता है. आदिवासी महिला से गैंगरेप के बाद मौत के मामले में कई फोरेंसिक खुलासे हुई. हालांकि अब भी न्याय का इंतजार है.

 

साल 2025… खंडवा के लिए एक ऐसा साल, जिसे यह जिला शायद कभी भूल नहीं पाएगा. यहां एक ऐसा अपराध हुआ, जिसने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया. आदिवासी अंचल में हुई हैवानियत, जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया. यह कहानी है खंडवा के निर्भया कांड की, जो इस साल खंडवा का सबसे बड़ा और सबसे जघन्य अपराध बनकर सामने आया.

खंडवा जिले के खालवा थाना क्षेत्र के रोशनी चौकी अंतर्गत एक आदिवासी गांव से मई 2025 में यह मामला सामने आया. करीब 45 साल की आदिवासी महिला जो दो बच्चों की मां थी एक रात गांव में शादी समारोह के बाद घर नहीं लौटी. अगली सुबह महिला अर्धनग्न, लहूलुहान और बेहोशी की हालत में आरोपी के घर के पीछे पड़ी मिली. परिजन उसे घर लेकर आए, जहां उसने टूटती आवाज में सिर्फ इतना कहा -मेरे साथ गलत हुआ है. कुछ ही घंटों बाद अधिक खून बहने की वजह से महिला की मौत हो गई.
पेट पर लात मारने के निशान
पुलिस की शुरुआती जांच ने जो संकेत दिए, वो रोंगटे खड़े करने वाले थे. महिला के प्राइवेट पार्ट में गंभीर चोटें, अत्यधिक रक्तस्राव, पेट पर लात मारने के निशानऔर आंतरिक अंगों को नुकसान. मामले की भयावहता को देखते हुए महिला का पैनल पोस्टमार्टम मेडिकल कॉलेज के फोरेंसिक एक्सपर्ट्स की निगरानी में कराया गया.
क्या बोले फॉरेंसिक एक्सपर्ट?
पोस्टमार्टम करने वाली फोरेंसिक एक्सपर्ट सीमा सूते ने निराशा भरी आवाज में कहा कि डेड बॉडी जब उनके पास आई तो देखा कि महिला के निजी अंगों में काफी खून बह रहा था. उसकी छोटी आंत का कुछ हिस्सा बाहर था. जब कोई व्यक्ति बहुत क्रूर बिहेवियर करता है, उस समय ऐसा होता है. यह पुलिस जांच का विषय है कि आरोपियों ने क्या किसी बाहरी ऑब्जेक्ट का इस्तेमाल किया या अपने हाथों से ही यह क्रूर व्यवहार किया. पैनल में गायकोनॉलॉजिस्ट, खालवा के मेडिकल ऑफिसर, फोरेंसिक एक्सपर्ट और मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर थे.
शराब पीने के बाद किया गैंगरेप
पुलिस ने जांच के बाद महिला के ही गांव के दो परिचितों हरि और सुनील को हिरासत में लिया. खंडवा SP मनोज राय  के मुताबिक शराब पीने के बाद दोनों आरोपियों ने महिला के साथ गैंगरेप किया. मारपीट की और खून से लथपथ हालत में उसे छोड़कर भाग गएय पुलिस के अनुसार, पीएम रिपोर्ट में सामने आया है कि महिला की जनेंद्रियों में अत्यधिक रक्तस्राव हुआ है, इसी वजह से मौत हुई. मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाया जाएगा और हम मृत्युदंड की मांग करेंगे.
राजनीति भी गरमाई
यह मामला सिर्फ पुलिस जांच तक सीमित नहीं रहा. राजनीति गरमा गई. कांग्रेस ने इसे ‘खंडवा का निर्भया कांड’ करार दिया. पीसीसी चीफ जीतू पटवारी, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसे गंभीर मामला बताया. कांग्रेस की जांच कमेटी के सदस्यों के अलावा आदिवासी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष विक्रांत भूरिया पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे. उन्होंने कहा कि यह घटना पूरे देश को शर्मसार करने वाली है. यहां तक कि राहुल गांधी ने भी फोन पर पीड़ित परिवार से बात की और न्याय का भरोसा दिलाया. प्रशासन की ओर से पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता दी गई. लगातार पूछताछ के बाद आरोपियों को पहले पुलिस रिमांड और फिर जेल भेज दिया गया. डीएनए सैंपल, एफएसएल रिपोर्ट, घटनास्थल के सबूत,
और गवाहों के बयान इन सभी के आधार पर अब मामला कोर्ट में ट्रायल के चरण में है.
साल खत्म हो रहा है… लेकिन, पीड़ित परिवार का दर्द आज भी जिंदा है. न्याय की लड़ाई अभी बाकी है. अब नजरें अदालत पर टिकी हैं, जहां गवाहों और सबूतों के आधार पर इस जघन्य अपराध का फैसला होगा. 24 मई के इस घटनाक्रम में 11 अगस्त से इस केस की न्यायिक कार्रवाई शुरू हो चुकी है. 94 पेज के चालान और 32 गवाहों के बयान मुख्य आरोपी हरिराम का बेटा भी सरकारी गवाह है. सीसीटीवी फुटेज, प्रत्यक्षदर्शियों, घटनास्थल से मिले सबूत, डीएनए और फॉरेंसिक रिपोर्ट काफी हद तक इस मामले की तस्वीर को साफ कर सकते हैं. खंडवा का यह निर्भया कांड सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए एक कठोर सवाल है – क्या महिलाएं वाकई सुरक्षित हैं?

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