World News

नेपाल में फिर सड़कों पर उतरे Gen-Z, जनकपुरधाम के CM ऑफिस में तोड़फोड़, मचा हड़ंकप

मधेश प्रांत में सीपीएन-यूएमएल नेता सरोज कुमार यादव को मुख्यमंत्री नियुक्त किए जाने के बाद जनकपुरधाम कार्यालय में तोड़फोड़, विवाद और सुरक्षा बढ़ाने की घटनाएं हुईं।

नेपाल

नेपाल के मधेश प्रांत में सोमवार को उस समय राजनीतिक संकट खड़ा हो गया, जब सीपीएन-यूएमएल के नेता सरोज कुमार यादव को प्रांत का नया मुख्यमंत्री बनाया गया। शपथ ग्रहण के तुरंत बाद जनकपुरधाम स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय में तोड़फोड़ की घटना हुई। कार्यालय के कुछ लोगों और प्रांतीय विधानसभा के सदस्यों ने वहां घुसकर फर्नीचर और अन्य सामान क्षतिग्रस्त कर दिया तथा राष्ट्रीय ध्वज भी नीचे गिरा दिया।

यह विवाद तब शुरू हुआ जब प्रांत प्रमुख सुमित्रा देवी भंडारी ने संविधान के अनुच्छेद 168(3) के तहत यादव को बर्दीबास के एक होटल से मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। यह नियुक्ति केपी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली सीपीएन-यूएमएल पार्टी के समर्थन से हुई। भंडारी, जो ओली सरकार के समय प्रांत प्रमुख बनी थीं, ने यह फैसला नेपाली कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन को नजरअंदाज करते हुए लिया। इससे मधेश प्रांत की राजनीति में हलचल पैदा हो गई।

 

 

 

 

 

 

लोगों को धोखा देने का आरोप

पूर्व मुख्यमंत्री जितेंद्र सोनल, जिन्होंने एक दिन पहले ही इस्तीफा दिया था। उन्होंने भंडारी पर मधेश के लोगों के साथ धोखा करने का आरोप लगाया। उनका कहना था कि यादव को गुप्त रूप से मुख्यमंत्री बनाया गया, जबकि वे इलाज के बहाने काठमांडू में थे। घटना के बाद सरकारी दफ्तरों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

 

नेपाली कांग्रेस, जो माओवादी केंद्र और मधेशी दलों के साथ मिलकर नई सरकार बनाने की योजना बना रही थी, ने इस निर्णय पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस महासचिव विश्व प्रकाश शर्मा ने सोशल मीडिया पर लिखा कि भंडारी का कदम संघीय राजनीति के लिए एक त्रासदी है और इससे जनता में संघवाद के प्रति निराशा बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 168(2) के तहत सरकार बनाई जा सकती थी, फिर भी यह गलत तरीका अपनाया गया। उन्होंने न्यायपालिका से उम्मीद जताई कि वह इस मामले में उचित हस्तक्षेप करेगी।

 

नई सरकार में खींचतान

राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (आरपीपी) ने भी इस फैसले का विरोध किया। पार्टी अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद लिंगडेन ने कहा कि भंडारी का निर्णय पार्टी अनुशासन के खिलाफ है। उन्होंने मधेश सरकार में शामिल अपनी पार्टी के सभी सदस्यों को तत्काल इस्तीफा देने का आदेश दिया और चेतावनी दी कि आदेश न मानने पर कार्रवाई होगी। आरपीपी अब नई सरकार में अपने योगदान को लेकर रणनीति बना रही है।

डोनेट करें - जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर क्राइम कैप न्यूज़ को डोनेट करें.
 
Show More

Related Articles

Back to top button