छठ पर्व पर पसरा मातम: बिहार में 100 से ज्यादा लोगों की डूबने से हुई मौत, कई लापता

बिहार में छठ महापर्व के दौरान बड़ा हादसा हुआ, जिसमें राज्य के 30 जिलों में पानी में डूबने से 106 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अब भी लापता हैं। सबसे ज्यादा हादसे पटना, नालंदा और वैशाली जिलों में हुए। राहत-बचाव टीमें लगातार लापता लोगों की तलाश में जुटी…
नेशनल डेस्क
हर साल की तरह इस बार भी देशभर में छठ महापर्व बड़ी ही धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया गया। यह पर्व 25 अक्टूबर को नहाय-खाय से शुरू होकर 28 अक्टूबर को उषा अर्घ्य के साथ संपन्न हुआ। हालांकि, इस पावन अवसर पर बिहार से कई दर्दनाक हादसों की खबरें सामने आई हैं। राज्य के विभिन्न जिलों में डूबने से 106 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं। राहत और बचाव कार्य के लिए स्थानीय प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें लगातार तलाश में जुटी हैं।
बिहार में सबसे ज्यादा हादसे
छठ पर्व पर सबसे अधिक हादसे राजधानी पटना में हुए, जहां 11 लोगों की डूबने से मौत हो गई। इसके बाद नालंदा में 8, वैशाली में 7, औरंगाबाद में 5, गया में 4, नौबतपुर में 1, बिहटा में 2, मोकामा में 3, मनेर में 2 और बाढ़ में 3 लोगों की मौत दर्ज की गई। उत्तर बिहार में भी छठ घाटों पर कई दर्दनाक घटनाएं हुईं, जहां 24 लोग पानी में डूबे, जिनमें से 22 की मौत हो गई, जबकि एक व्यक्ति अब भी लापता है। एक अन्य व्यक्ति को समय रहते बचा लिया गया।
उत्तर बिहार के जिलों में भी मौत का सिलसिला
दरभंगा और मोतिहारी में 4-4 लोगों की, मधुबनी में 5 और सीतामढ़ी में 3 लोगों की डूबने से मौत हुई है। वहीं, मुजफ्फरपुर के मीनापुर से भी हादसे की खबर आई है, जहां दो लोग डूब गए जिनमें से एक की मौत हो गई, जबकि दूसरा लापता बताया जा रहा है। कुल मिलाकर बिहार के 30 जिलों में 106 लोगों की दर्दनाक मौत हो चुकी है। मरने वालों में कई ऐसे लोग शामिल हैं जो घाट बनाने के दौरान डूब गए, जबकि कुछ ने मंगलवार सुबह उषा अर्घ्य के समय अपनी जान गंवा दी। वहीं, 10 से अधिक लोग अब भी लापता हैं, जिनकी तलाश लगातार जारी है।




