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मुस्लिमों पर भारत को ज्ञान देने वाला अमेरिका खुद कर रहा है ‘महापाप’, बताते हुए रो पड़ा ये इस पावरफुल शख्स

America में मेयर कैंडीडेट Zohran Mamdani ने बताया कि मुस्लिम महिलाओं के साथ इस देश में क्या हो रहा है. उन्होंने रोते हुए कहा कि वो अपना धर्म और पहचान नहीं बदलेंगे.
न्यूयॉर्क
अमेरिकी संस्था USCIRF लंबे समय से भारत में अल्पसंख्यकों लेकर उल्टी-सीधी रिपोर्ट्स निकालती रही है. ऐसी संस्थाओं को चिंता होती रहती है कि भारत में हालात बहुत खराब हो रहे हैं लेकिन बड़ी बेशर्मी से ये लोग अपने ही देश यानी अमेरिका में मुस्लिमों पर हो रहे महापाप को छुपा ले जाते हैं. हाल ही में न्यूयॉर्क सिटी के मेयर पद के डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जोहरान ममदानी ने अमेरिका की पोल खोल कर रख दी है. उन्होंने बताया है कि ट्रंप के देश में मुस्लिम महिलाओं का क्या दशा है, उन्होंने अपने परिवार के साथ हुई भयावह घटना भी सुनाई है.
अमेरिका में मुस्लिम पहचान कैसे बन गई अभिशाप?
अमेरिका में हालात ऐसे हैं कि जोहरान ममदानी जैसे पावरफुल राजनेता को भी मुस्लिम पहचान ना छुपाने लिए लोगों को हिम्मत देनी पड़ रही है. ममदानी ने खुद बताया कि ये पहचान मुस्लिमों के लिए अमेरिका में किस तरह अभिषाप बन गई है.
ममदानी ने कहा कि वो अपनी मुस्लिम पहचान को छुपाने के बजाए खुलकर अपनाएंगे और खाने के तरीके या उस धर्म को नहीं बदलेंगे जिस पर उन्हें गर्व है. न्यूज एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक, वो शुक्रवार को अपने समर्थकों को संबोधित करने पहुंचे थे, जहां पर मेयर उम्मीदवार ने पूर्व गवर्नर एंड्रयू क्यूमो और उनके समर्थकों की ओर से होने वाले हमले का जवाब दिया है.
Zohran Mamdani की आखों में आ गए आंसू
ब्रॉन्क्स की एक मस्जिद के बाहर बोलते-बोलते ममदानी रो पड़े और उन्होंने आंसू बहाते हुए बताया कि 11 सितंबर के हमलों के बाद उनकी चाची के साथ क्या हुआ था? ममदानी की चाची खुद को बचाने के लिए सबवे का इस्तेमाल नहीं पा रही थीं क्योंकि उन्होंने हिजाब पहन रखा था और उन्हें डर था कि अकेला पाकर कोई मुस्लिम पहचान के लिए टारगेट कर सकता है.
डरे हुए चाचा बोले ‘छुपा लो मुस्लिम पहचान’
ममदानी ने ये भी बताया कि जब वो पॉलिटिक्स ज्वाइन करने वाले थे तो उनके चाचा ने डर के मार धर्म छुपाने का सुझाव तक दे दिया था. बता दें कि ममदानी का ये रिएक्शन पूर्व गवर्नर एंड्रयू क्यूमो एक रेसिस्ट कमेंट के जवाब में दिया है जिसमें उन्होंने ममदानी पर विक्टिम कार्ड खेलमे का आरोप लगाया था.
उन्होंने बताया कि न्यूयॉर्क में मुस्लिमों को समान व्यवहार नहीं मिलता है. ममदानी ने बताया कि ‘अमेरिका में रहने वाले हर मुस्लिम का सपना बस यही है कि उसे किसी अन्य न्यूयॉर्कर की तरह समान व्यवहार मिले, लेकिन लंबे समय तक हमें कम मांगने और जो कुछ भी मिलता है, उसी से संतुष्ट रहने के लिए कहा गया है’.
जोहरान ममदानी 2018 में अमेरिका के नागरिक बने और 2020 में न्यूयॉर्क स्टेट एसेंबली के सदस्य बन गए. 2025 में जोहरान ने न्यूयॉर्क सिटी के मेयर के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की प्राइमरी जीती लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात ये है कि 33 साल के ममदानी ने अमेरिका की राजनीति में नई बहस छेड़ दी है.




