राजस्थान

ICU में लापरवाही की भेंट चढ़ी 8 जिंदगियां, परिजनों बोले- 20 मिनट पहले दी थी चिंगारी की सूचना, स्टाफ ने नहीं दिया ध्यान

 जयपुर के सवाई मान सिंह (SMS) अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में रविवार देर रात शॉर्ट सर्किट से लगी आग में अब तक 8 मरीजों की मौत हो चुकी है, जिनमें 3 महिलाएं शामिल हैं. परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि चिंगारी लगने की सूचना 20 मिनट पहले देने के बावजूद स्टाफ ने कोई कार्रवाई नहीं की. ICU में फायर डिटेक्शन सिस्टम काम नहीं कर रहा था और सिलेंडर एक्सपायर्ड थे. फिलहाल पुलिस और फायर विभाग की जांच जारी है.

 

जयपुर.
 राजस्थान के सबसे बड़े अस्पताल, सवाई मान सिंह (SMS) के ट्रॉमा सेंटर में रविवार देर रात शॉर्ट सर्किट से लगी भीषण आग में अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 3 महिलाएं शामिल हैं. मृतकों में सीकर के पिंटू, जयपुर के दिलीप और बहादुर, भरतपुर के श्रीनाथ, रूकमनी और कुसुमा एवं आगरा के सर्वेश और एक अन्य शामिल हैं. हादसे के बाद परिजनों का गुस्सा अस्पताल प्रशासन पर फूट पड़ा है. उनका आरोप है कि आग लगने से 20 मिनट पहले चिंगारी की सूचना दी गई थी, लेकिन स्टाफ ने अनदेखी की. ICU में फायर सेफ्टी सिलेंडर एक्सपायर्ड थे और फायर डिटेक्शन सिस्टम न होने से आग का शुरुआती पता नहीं चला, जिसके कारण धुआं और जहरीली गैसों ने मरीजों की सांसें छीन लीं.

लोकल 18 की टीम ने SMS अस्पताल पहुंचकर परिजनों और प्रत्यक्षदर्शियों से बात की. आग रात 11:21 बजे ट्रॉमा सेंटर के न्यूरो ICU वार्ड के स्टोर रूम में भड़की, जहां कागज, मेडिकल उपकरण और ब्लड बैग जलने लगे. उस समय ट्रॉमा ICU में 11 और बगल के सेमी-ICU में 13 मरीज भर्ती थे. अस्पताल स्टाफ और डॉक्टरों के अनुसार, शॉर्ट सर्किट से शुरू हुई आग ने कुछ ही मिनटों में पूरे वार्ड को धुएं और जहरीली गैसों से भर दिया. अफरा-तफरी मच गई और मरीजों को आनन-फानन में बाहर निकाला गया. दमकल की चार गाड़ियों ने एक घंटे में आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक 8 मरीजों की जान जा चुकी थी. पांच अन्य मरीजों की हालत नाजुक बनी हुई है. 

SMS के बाहर मरीजों के परिजनों का उमड़ा हुजूम 
हादसे के बाद SMS अस्पताल के बाहर मृतकों और घायलों के परिजनों का हुजूम उमड़ पड़ा. आग लगने की घटना के बाद सवाई मानसिंह अस्पताल में चारों तरफ अभी भी अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है. फिलहाल अस्पताल के बाहर मौके पर फायर विभाग और पुलिस प्रशासन तैनात है. घटना के बाद से लगातार अस्पताल के बाहर घायल और मृतकों के परिजनों की भीड़ लगी हुई है. लोकल 18 ने अस्पताल के बाहर लोगों से इस घटना को लेकर बात की तो उनका कहना था कि आग लगने के बाद पूरे वार्ड में धुआं निकलने लगा और अचानक भगदड़ मच गई. कुछ मरीज के परिजनों का यह भी आरोप है कि आग भड़कने से 20 मिनट पहले ही उन्होंने अस्पताल के स्टाफ को आग लगने की जानकारी दी, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया. जिसके बाद आग पर काबू पाने के लिए तुरंत मौके पर फायर ब्रिगेड की टीम पहुंची. अभी फिलहाल सवाई मानसिंह अस्पताल में स्थिमि कंट्रोल में हैं और घटना में घायल हुए मरीजों का इलाज चल रहा है.
लापरवाही के चलते 8 लोगों ने गवा दी अपनी जान 
सवाई मानसिंह अस्पताल में आग लगने की घटना के बाद से लगातार मरीजों के परिजनों और मृतकों के परिवारों पर दुःख का पहाड़ टूट पड़ा है. लोगों का गुस्सा अब अस्पताल प्रशासन पर फूट रहा है. लोगों ने लोकल 18 को बताया कि प्रदेश का सबसे बड़ा अस्पताल, जहां लोग दूर-दूर से इलाज कराने आते हैं, लेकिन यहां आज लापरवाही की वजह से 8 लोगों की जान चली गई. अस्पताल के जिस ICU में आग लगी वहां सेफ्टी फायर सिलेंडर भी एक्सपायर थे. आग लगने के बाद IUC में धुआं और जहरीली गैस फैलने से लोगों की मौत हो गई.‌ लोगों का मानना हैं की शॉर्ट सर्किट के समय अगर अस्पताल के कर्मचारी इस पर समय से ध्यान देते तो शायद घटना पर समय से काबू पाया जा सकता था. लेकिन एक बार फिर लापरवाही ने लोगों की जान ले ली और कई लोगों की जिंदगियां तबाह कर दी.

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