महाराष्ट्र

बॉम्बे हाईकोर्ट की बड़ी कार्रवाई, भ्रष्टाचार के आरोपी दो जजों को किया निलंबित

बॉम्बे हाईकोर्ट ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धनंजय निकम और सिविल जज इरफान शेख को कदाचार और भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते निलंबित कर दिया है। दोनों जजों को बर्खास्त करने का फैसला एक अनुशासन समिति द्वारा की गई जांच के बाद लिया गया।

मुंबई

निकम पर रिश्वत लेने का आरोप है, जबकि शेख पर भ्रष्टाचार और जब्त किए गए मादक पदार्थों का दुरुपयोग करने का आरोप है। इरफान शेख नारकोटिक ड्रग्स और सायकोट्रॉपिक सब्स्टेंस (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत मामलों की सुनवाई करते थे। शेख के खिलाफ हाईकोर्ट में एक याचिका अभी भी लंबित है।

एंटी-करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने सतारा जिले के सत्र न्यायाधीश निकम के खिलाफ रिश्वत मांगने का मामला दर्ज किया था। आरोप है कि उन्होंने धोखाधड़ी के मामले में जमानत देने के लिए पांच लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। जनवरी में निकम ने हाईकोर्ट से एंटिसिपेटरी बेल मांगी थी, जिसमें उन्होंने खुद को निर्दोष बताया था। मार्च में हाईकोर्ट ने उन्हें गिरफ्तारी से पहले बेल देने से इनकार कर दिया था।

एक महिला द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, उसके पिता को सरकारी नौकरी देने के बहाने किसी को धोखा देने के आरोप में न्यायिक हिरासत में हैं। जब निचली अदालत ने उनकी जमानत खारिज कर दी, तो महिला ने सतारा सत्र न्यायालय में नई जमानत याचिका दायर की, निकम ने याचिका पर सुनवाई की।

एसीबी ने आरोप लगाया है कि मुंबई के किशोर संभाजी खरात और सतारा के आनंद मोहन खरात ने निकम के कहने पर महिला से अनुकूल आदेश देने के लिए 5 लाख रुपये की मांग की थी।
जांच एजेंसी ने दावा किया कि 3 से 9 दिसंबर 2024 के बीच की गई जांच के दौरान रिश्वत की मांग की पुष्टि हुई। जांच में इस बात की पुष्टि हुई कि निकम ने खरात परिवार के साथ मिलीभगत करके रिश्वत मांगी थी। एसीबी ने निकम, खरात परिवार और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।

 

 

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