उत्तराखंड

उत्तराखंड में भ्रष्टाचार उजागर करने वाले पत्रकार राजीव प्रताप की मौत: 10 दिन की तलाश खत्म, लेकिन सवाल बाकी

उत्तराखंड के पहाड़ी इलाके उत्तरकाशी से एक दुखद खबर आई है। 18 सितंबर से लापता वरिष्ठ पत्रकार राजीव प्रताप का शव रविवार को जोशियाड़ा बैराज की झील से बरामद हो गया। 10 दिनों तक चली इस तलाश ने पूरे इलाके को हिला दिया। राजीव प्रताप एक ईमानदार पत्रकार थे, जो सरकारी अस्पताल में हो रहे भ्रष्टाचार को बेनकाब करने में जुटे हुए थे। उनकी मौत ने न सिर्फ पत्रकार बिरादरी को सदमे में डाल दिया है, बल्कि सोशल मीडिया पर न्याय की जोरदार मांग भी उठ खड़ी हुई है।

 

राजीव प्रताप उत्तरकाशी के एक लोकप्रिय डिजिटल मीडिया चैनल से जुड़े थे। वे स्थानीय मुद्दों पर खुलकर रिपोर्टिंग करते थे। हाल ही में उन्होंने उत्तरकाशी के एक सरकारी अस्पताल में हो रही अनियमितताओं पर सीधी नजर डाली थी। पत्रकार राजीव प्रताप की पत्नी का आरोप है कि इस रिपोर्टिंग के बाद उन्हें लगातार धमकियां मिल रही थी और इसी रिपोर्टिंग के बाद वे अचानक गायब हो गए।

पत्रकार राजीव प्रताप की मौत

परिवार और साथी पत्रकारों ने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन शुरुआती दिनों में कोई सुराग नहीं मिला। रविवार सुबह करीब 10:40 बजे स्थानीय लोगों ने बैराज के पास एक शव देखा, जो राजीव का निकला। पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के लिए शव भेज दिया है, लेकिन मौत की वजह अभी साफ नहीं हुई। पुलिस उपाधीक्षक जनक सिंह पंवार ने बताया कि जांच जारी है। सरकार ने भी इस मामले में उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। लेकिन सवाल ये उठ रहा है कि क्या ये महज एक हादसा था, या भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद करने की सजा?

 

सोशल मीडिया पर ट्रेंड हो रहा JusticeForRajivPratap

सोशल मीडिया पर इस खबर ने आग की तरह फैलाव कर दिया। ट्विटर (अब एक्स) पर #JusticeForRajivPratap ट्रेंड कर रहा है। हजारों यूजर्स ने पोस्ट शेयर कीं, जिसमें पुलिस और सरकार से त्वरित कार्रवाई की मांग की जा रही है। एक यूजर ने लिखा, “एक और ईमानदार पत्रकार चला गया। राजीव प्रताप ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई, और बदले में क्या मिला? न्याय दो, वरना पत्रकारिता का क्या होगा?”

 

एक अन्य पोस्ट में कहा गया, “10 दिन लापता, फिर नदी से लाश। पुलिस को मौत का पता नहीं? ये कैसी जांच है? माफिया सक्रिय हैं, सरकार सो रही है!” फेसबुक और इंस्टाग्राम पर भी वीडियो और मीम्स वायरल हो रहे हैं, जो राजीव की रिपोर्टिंग के क्लिप्स दिखा रहे हैं। पत्रकार संगठनों ने भी विरोध प्रदर्शन की घोषणा कर दी है।

 

@ravish_journo

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यह तो भयावह सूचना है। राजीव प्रताप की हत्या की जाँच होनी चाहिए। उम्मीद है धामी सरकार ईमानदारी से जाँच कराएगी और उस अस्पताल से जुड़े लोगों की भी जाँच होगी जिस पर राजीव ने वीडियो बनाया था। इसके पहले परिवार से बात करनी चाहिए और आर्थिक सुरक्षा का उपाय करना चाहिए। बेहद दुखद घटना है।

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