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कांग्रेस छोड़कर BJP में शामिल हुए नेताओं पर लटकी तलवार, दलबदल को लेकर सख्त फैसला लेने की तैयारी में HC

कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतने के बाद भाजपा में शामिल हुए तीन पार्षदों की पार्षदी अब संकट में है। हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए सरकार को आदेश दिया है कि दो माह के भीतर सभी पक्षों को सुनकर फैसला लिया जाए।

इंदौर

कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतने के बाद भाजपा में शामिल हुए तीन पार्षदों की पार्षदी अब संकट में है। हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए सरकार को आदेश दिया है कि दो माह के भीतर सभी पक्षों को सुनकर फैसला लिया जाए।

यह है मामला
याचिकाकर्ता और महिला कांग्रेस शहर अध्यक्ष सोनिला मिमरोट ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर तीन पार्षदों की सदस्यता समाप्त करने की मांग की थी। इनमें वार्ड 17 से पार्षद शिवम वर्मा, वार्ड 15 से पार्षद ममता सुभाष सुनेर और वार्ड 23 से पार्षद विनीता मौर्य शामिल हैं। ये तीनों 2022 में नगर निगम चुनाव कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी के रूप में जीते थे, लेकिन बाद में उन्होंने कांग्रेस छोड़कर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मौजूदगी में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। याचिकाकर्ता का कहना है कि दलबदल कानून के तहत इनकी पार्षदी तत्काल समाप्त की जानी चाहिए थी, लेकिन सरकार ने कार्रवाई नहीं की।

सरकार ने नहीं की कार्रवाई
सोनिला मिमरोट ने 20 मई 2024 को सरकार को अभ्यावेदन देकर तीनों को पद से हटाने और नए चुनाव कराने की मांग की थी। लेकिन डेढ़ साल तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद मामला हाईकोर्ट पहुंचा।

कोर्ट का आदेश
जस्टिस प्रणय वर्मा की कोर्ट ने सुनवाई के बाद कहा कि सरकार को दो महीने के भीतर सभी पक्षों को सुनकर इस पर निर्णय लेना होगा। कोर्ट ने यह भी माना कि याचिकाकर्ता चाहे तो सीधे कोर्ट में भी याचिका दायर कर सकते थे, लेकिन उन्होंने पहले सरकार के समक्ष अभ्यावेदन प्रस्तुत करने का विकल्प चुना। ऐसे में दोहरी सुनवाई उचित नहीं होगी। अब फैसला राजभवन के प्रमुख सचिव, चीफ सेक्रेटरी और शहरी विकास मंत्रालय के प्रमुख सचिव को लेना है।

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