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पूर्व पीएम मनमोहन सिंह कम बोलते थे और काम ज्यादा करते थे जबकि मौजूदा पीएम बोलते ज्यादा हैं और काम कम करते हैं : खरगे

डॉक्टर मनमोहन सिंह फेलोशिप के उद्घाटन सत्र में खरगे ने शोधार्थियों से कहा कि राजनीति का सफर आसान नहीं है। बदलाव के लिए धैर्य और दृढ़ विश्वास चाहिए। आज भारत ऐसे दोराहे पर खड़ा है, जहां एक तरफ तेजी से सामाजिक, आर्थिक और तकनीकी बदलाव हो रहे हैं तो दूसरी तरफ बेरोजगारी, असमानता चरम पर पहुंच चुकी है। लोकतांत्रिक संस्थाओं पर कब्जे और हमले हो रहे हैं। ऐसे दौर में डॉक्टर मनमोहन सिंह फेलोशिप के शोधार्थियों की व्यावसायिक दक्षता को आगे लाने की जरूरत है।

 

नई दिल्ली

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री मोदी पर करारा तंज कसा है। डॉक्टर मनमोहन सिंह फेलोशिप के उद्घाटन सत्र में बोलते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह कम बोलते थे और काम ज्यादा करते थे जबकि मौजूदा पीएम बोलते ज्यादा हैं और काम कम करते हैं। उन्होंने कहा कि राजनीति में सबसे जरूरी है विचारधारा पर आस्था, निष्ठा और भरोसा। उसके बाद कौशल और प्रतिभा उसे मजबूत बनाते हैं। उन्होंने बिना नाम लिए केंद्र सरकार पर तंज कसा कि मौजूदा राजनीति पर काम कम और दिखावा व प्रचार हावी है।

डॉक्टर मनमोहन सिंह फेलोशिप के उद्घाटन सत्र में खरगे ने शोधार्थियों से कहा कि राजनीति का सफर आसान नहीं है। बदलाव के लिए धैर्य और दृढ़ विश्वास चाहिए। उन्होंने कहा कि उनका काम करोड़ों लोगों की जिंदगी बदल सकता है और आधुनिक भारत बनाने की परंपरा को आगे ले जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज भारत ऐसे दोराहे पर खड़ा है, जहां एक तरफ तेजी से सामाजिक, आर्थिक और तकनीकी बदलाव हो रहे हैं तो दूसरी तरफ बेरोजगारी, असमानता चरम पर पहुंच चुकी है। लोकतांत्रिक संस्थाओं पर कब्जे और हमले हो रहे हैं। ऐसे दौर में डॉक्टर मनमोहन सिंह फेलोशिप के शोधार्थियों की व्यावसायिक दक्षता को आगे लाने की जरूरत है।

 

खरगे ने कहा कि उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री के साथ काम करने का मौका मिला। वह बातें कम, काम ज्यादा करते थे। आज के प्रधानमंत्री बातें ज्यादा काम कम करते हैं। मनमोहन सिंह हमेशा संसद सत्र के दौरान सदन में होते थे। सवालों का जवाब भी देते थे। विपक्ष की बातों का जवाब देते थे। आज के प्रधानमंत्री इसे अपनी तौहीन समझते हैं।

खरगे ने कहा कि जितना काम उनके जमाने में हुआ उसका 10 फीसदी काम भी पिछले 11 वर्षों में नहीं हुआ। पढ़-लिख कर जो नेता बनते हैं उनको ज्ञान ज्यादा होता है, वह काम ज्यादा करते हैं। प्रचार में ज्यादा ध्यान नहीं देते। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में कांग्रेस ही अकेली पार्टी है, जिसने हमेशा पेशेवरों को जगह दी और उनकी काबिलियत का सम्मान किया। डॉ. मनमोहन सिंह इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं। राजीव गांधी भी राजनीति में आने से पहले पायलट थे। प्रधानमंत्री के रूप में उनका शानदार काम रहा। उन्होंने कहा कि तकनीक की मदद से वोट चोरी जैसे बड़े मुद्दे को सामने लाया जा सका है। यह अब राष्ट्रीय मुद्दा बन चुका है, न्यायालय ने भी बिहार एसआईआर मुद्दे पर रुचि दिखाई है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी इस पर बिहार में यात्रा कर रहे हैं। अब यह जनता की मुहिम बन गई है।

 

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