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मैं भारत सरकार का मुख्य चुनाव आयुक्त नहीं, मैं… TN शेषन का पुराना इंटरव्यू क्यों हो रहा वायरल

TN Seshan Old Interview: बिहार चुनाव में वोटर लिस्ट विवाद के बीच टी.एन. शेषन का पुराना इंटरव्यू वायरल, जिसमें उन्होंने खुद को ‘भारत’ का मुख्य चुनाव आयुक्त बताया था. लोग आज भी उनके सख्त सुधार याद कर रहे हैं.
TN Seshan Old Interview: बिहार में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर सियासी बवाल मचा हुआ है. चुनाव आयोग ने लगभग 65 लाख मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटाने का प्रस्ताव रखा है. आयोग के अनुसार इनमें 22 लाख मृत मतदाता, 36 लाख स्थानांतरित और 7 लाख दोहरे पंजीकरण वाले वोटर शामिल हैं. इस फैसले के बाद विपक्ष ने चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल उठाए हैं. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी समेत कई विपक्षी नेताओं ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर वोट चोरी का आरोप लगाया है.
इसी तनातनी के बीच लोगों ने पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टी.एन. शेषन को भी याद किया. सोशल मीडिया पर उनका एक पुराना इंटरव्यू वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने चुनाव आयोग की भूमिका को बेहद स्पष्ट और दृढ़ शब्दों में परिभाषित किया था.
“मैं भारत का मुख्य चुनाव आयुक्त हूं”
वायरल हो रहे इंटरव्यू में टी.एन. शेषन कहते हैं, “मैं भारत सरकार का मुख्य चुनाव आयुक्त नहीं हूं, मैं ‘भारत’ का मुख्य चुनाव आयुक्त हूं. यह महत्वपूर्ण है कि मैं सरकार का हिस्सा नहीं हूं. हालांकि मैं राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, न्यायालय और संसद के प्रति जवाबदेह हूं. मैं संसद में प्रवेश करने वाले हर एक सदस्य के लिए जवाबदेह हूं.”
वायरल हो रहे इंटरव्यू में टी.एन. शेषन कहते हैं, “मैं भारत सरकार का मुख्य चुनाव आयुक्त नहीं हूं, मैं ‘भारत’ का मुख्य चुनाव आयुक्त हूं. यह महत्वपूर्ण है कि मैं सरकार का हिस्सा नहीं हूं. हालांकि मैं राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, न्यायालय और संसद के प्रति जवाबदेह हूं. मैं संसद में प्रवेश करने वाले हर एक सदस्य के लिए जवाबदेह हूं.”
शेषन आगे कहते हैं, “राजनीतिक पार्टियों के खाते पारदर्शी नहीं होते. भारत में भारी भ्रष्टाचार है और उसका बड़ा हिस्सा चुनाव से जुड़ा होता है. मैं भ्रष्टाचार को तीन ‘C’ में बांटता हूं – Clash, Communalism और Corruption. इसके साथ तीन ‘M’ भी हैं – Money Power, Muscle Power और Minister Power. हमारे पड़ोसी देशों की स्थिति देख लीजिए, जहां चुनाव पर किसी को भरोसा नहीं है.”
कौन थे टी.एन. शेषन?
भारत के 10वें मुख्य चुनाव आयुक्त टीरुनेलई नारायण अय्यर शेषन (15 मई 1933 – 10 नवंबर 2019) भारतीय प्रशासनिक सेवा के एक सख्त और ईमानदार अधिकारी रहे. उन्होंने 1989 में भारत के 18वें कैबिनेट सचिव के रूप में कार्य किया और 1990 से 1996 तक मुख्य चुनाव आयुक्त रहे. अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने भारतीय चुनाव व्यवस्था में ऐतिहासिक सुधार किए और चुनाव आयोग की साख को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया.
भारत के 10वें मुख्य चुनाव आयुक्त टीरुनेलई नारायण अय्यर शेषन (15 मई 1933 – 10 नवंबर 2019) भारतीय प्रशासनिक सेवा के एक सख्त और ईमानदार अधिकारी रहे. उन्होंने 1989 में भारत के 18वें कैबिनेट सचिव के रूप में कार्य किया और 1990 से 1996 तक मुख्य चुनाव आयुक्त रहे. अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने भारतीय चुनाव व्यवस्था में ऐतिहासिक सुधार किए और चुनाव आयोग की साख को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया.
1996 में उन्हें सरकारी सेवा के लिए रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया. वे 1997 के राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार रहे और 1999 में कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव भी लड़ा.
शेषन के सुधारों ने बदल दिया चुनाव आयोग
टी.एन. शेषन ने चुनाव आचार संहिता को सख्ती से लागू किया. उन्होंने मतदाताओं को रिश्वत देने, डराने, चुनाव के दौरान शराब बांटने, सरकारी धन व मशीनरी के दुरुपयोग, धार्मिक व सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने और पूजा स्थलों से प्रचार करने जैसी प्रथाओं पर कड़ा प्रतिबंध लगाया.
टी.एन. शेषन ने चुनाव आचार संहिता को सख्ती से लागू किया. उन्होंने मतदाताओं को रिश्वत देने, डराने, चुनाव के दौरान शराब बांटने, सरकारी धन व मशीनरी के दुरुपयोग, धार्मिक व सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने और पूजा स्थलों से प्रचार करने जैसी प्रथाओं पर कड़ा प्रतिबंध लगाया.
उनके सुधारों का असर यह हुआ कि 1999 के आम चुनाव में 1,488 उम्मीदवारों को खर्च का विवरण प्रस्तुत न करने पर तीन साल के लिए अयोग्य घोषित किया गया. बताया जाता है कि उन्होंने 40,000 से अधिक व्यय विवरणों की समीक्षा की और गलत जानकारी देने वाले लगभग 14,000 उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने से रोक दिया. इतना ही नहीं, 1992 में उन्होंने चुनावी गड़बड़ियों के कारण बिहार और पंजाब में चुनाव रद्द करने का भी साहस दिखाया.