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आवारा कुत्तों को लेकर SC के फैसले से नाराज हुए जान्हवी कपूर और वरुण धवन, पोस्ट कर जताया विरोध

Janhvi-Varun Opposes SC stray dogs decision: हाल ही में दिल्ली में आवारा कुत्तों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला सुनाया है, उससे बॉलीवुड के सितारे काफी नाराज हैं। रवीना टंडन के बाद अब जान्हवी और वरुण धवन ने भी विरोध जताया।

 

दिल्ली-एनसीआर की सड़कों से आवारा कुत्तों को हटाकर उन्हें शेल्टर होम्स में भेजने के सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश ने हर तरफ एक नई बहस छेड़ दी है। अदालत का ये फैसला अब देशभर में बहस का कारण बन चुका है। खास तौर पर बॉलीवुड सेलेब्रिटीज इस फैसले के विरोध में खुलकर सामने आ रहे हैं।

जानवरों के लिए बॉलीवुड ने उठाई आवाज
बॉलीवुड अभिनेत्री जान्हवी कपूर और अभिनेता वरुण धवन ने इस आदेश को निर्दयी और अनुचित बताते हुए अपनी नाराजगी सोशल मीडिया पर जाहिर की है। जाह्नवी ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी में एक पिटीशन शेयर करते हुए लिखा कि सड़कों पर रहने वाले ये जानवर सिर्फ आवारा कुत्ते नहीं हैं, बल्कि ये हमारे समाज का हिस्सा हैं।
Janhvi Kapoor Instagram Story

जान्हवी कपूर ने शेयर किया पोस्ट
जान्हवी की इस अपील में कहा गया कि, ‘यह वो ही कुत्ते हैं जो हर सुबह चाय की दुकान के बाहर बिस्किट का इंतजार करते हैं, जो दुकानों की रातभर निगरानी करते हैं, जो बच्चों के स्कूल से लौटने पर पूंछ हिलाकर उनका स्वागत करते हैं। ये इस बेरहम शहर में भी अपनापन देने वाले जीव हैं।’

समस्या से नजरें चुराना नहीं है समाधान
जान्हवी की इस अपील में यह भी जिक्र किया गया कि हर समस्या का समाधान कैद नहीं होता। जानवरों को सड़कों से हटाकर शेल्टर होम्स में डालना न तो व्यावहारिक समाधान है और न ही नैतिक। इसके बजाय बड़े पैमाने पर नसबंदी, वैक्सीनेशन, सामुदायिक फीडिंग ज़ोन और गोद लेने के अभियान जैसे उपाय किए जाने चाहिए।

वरुण धवन ने भी जताई नाराजगी
वहीं अभिनेता वरुण धवन ने भी इस पिटीशन को अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर शेयर करते हुए फैसले का विरोध किया। वरुण कई वर्षों से पालतू जानवरों के साथ रहते हैं और वह पहले भी जानवरों के अधिकारों के लिए आवाज उठा चुके हैं।

Varun Dhawan Instagram Story

रवीना टंडन भी जता चुकी हैं विरोध
इससे पहले रवीना टंडन भी इस मामले पर अपनी राय दे चुकी हैं। उन्होंने एचटी सिटी से बातचीत में कहा ‘आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या के लिए इन बेचारे कुत्तों को दोषी ठहराना गलत है। अगर स्थानीय निकायों ने टीकाकरण और नसबंदी अभियान को ठीक से चलाया होता, तो यह नौबत नहीं आती। स्थानीय निकायों को अपने इलाके के आवारा कुत्तों की जिम्मेदारी लेनी होगी। नसबंदी आज की सबसे बड़ी जरूरत है।’

सुप्रीम कोर्ट का पक्ष और विवाद
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि बच्चों और शिशुओं की सुरक्षा सर्वोपरि है और उन्हें सिर्फ इसलिए खतरे में नहीं डाला जा सकता कि कुछ लोग खुद को ‘एनिमल लवर’ कहते हैं। इस टिप्पणी ने जानवरों के हितों के लिए काम करने वाले संगठनों और पेट लवर्स को नाराज कर दिया है।

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