Earthquake: बेड हिलता रहा, दीवारें कांपीं… फिर भी नहीं रुके डॉक्टर – रूस में 8.8 तीव्रता के भूकंप के बीच हुआ ऑपरेशन

रूस के कामचटका क्षेत्र में हाल ही में एक अद्भुत घटना घटी, जब एक बड़ा भूकंप (8.8 की तीव्रता) ने धरती को हिला दिया, लेकिन एक सर्जरी टीम ने अपनी गंभीर जिम्मेदारी को निभाते हुए ऑपरेशन को बीच में नहीं रोका। यह घटना न केवल डॉक्टरों की प्रतिबद्धता को…
नेशनल डेस्क: रूस के कामचटका क्षेत्र में हाल ही में एक अद्भुत घटना घटी, जब 8.8 की तीव्रता बड़े भूकंप ने धरती को हिला दिया, लेकिन एक सर्जरी टीम ने अपनी गंभीर जिम्मेदारी को निभाते हुए ऑपरेशन को बीच में नहीं रोका। यह घटना न केवल डॉक्टरों की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि इंसानियत और सेवा की भावना कैसी होती है, जब सर्जन और उनके सहयोगी एक गंभीर ऑपरेशन के दौरान भी अपने पेशेवर कर्तव्यों को निभाते हैं।
भूकंप के दौरान ऑपरेशन – एक साहसिक कदम
कामचटका क्षेत्र के अस्पताल में एक जटिल सर्जरी चल रही थी, जब अचानक 8.8 की तीव्रता वाला भूकंप आया। भूकंप के दौरान अस्पताल के पूरी इमारत में हलचल मच गई, दीवारें कांपने लगीं और फर्नीचर हिलने लगे, लेकिन ऑपरेशन थिएटर में काम कर रहे डॉक्टरों और नर्सों ने अपने कर्तव्य को प्राथमिकता दी। यह टीम मरीज की जान को बचाने के लिए पूरी तरह से समर्पित थी, और उन्होनें किसी भी तरह के बाहरी खतरों को नकारते हुए सर्जरी पूरी की।
ऑपरेशन के बाद राहत की खबर
सर्जरी टीम की मेहनत रंग लाई और ऑपरेशन सफल रहा। रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने पुष्टि की है कि ऑपरेशन सफलतापूर्वक पूरा हो गया और मरीज की स्थिति अब स्थिर है। अस्पताल अधिकारियों ने बताया कि भूकंप के दौरान डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ ने कोई भी जोखिम नहीं लिया और ऑपरेशन को पूरा करने में पूरी तत्परता दिखाई।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी बताया कि मरीज की हालत अब पूरी तरह से ठीक है और वह जल्दी ही स्वास्थ्य लाभ करेगा। यह घटना न केवल चिकित्सा जगत के लिए प्रेरणा है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कोई भी विपरीत परिस्थिति पेशेवरों को उनके कर्तव्य से डिगा नहीं सकती।
डॉक्टर्स की साहसिकता को सराहा गया
इस साहसिक कार्य के लिए चिकित्सकीय टीम को बधाई दी जा रही है। स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य अधिकारियों ने उनकी प्रतिबद्धता और समर्पण की सराहना की है। इस घटना ने यह सिद्ध कर दिया कि जब किसी इंसान की जिंदगी दांव पर हो, तो किसी भी आपदा के सामने पेशेवरों की मानसिकता और समर्पण किसी भी आपत्ति से कहीं ऊपर होता है।
 
				 
					

 
 



