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उलझे हुए रिश्तों को बेहतरीन तरीके से सुलझाती है ‘मेट्रो… इन दिनों’

Metro In Dino Movie Review: 2007 में रिलीज हुई फिल्म ‘लाइफ इन ए… मेट्रो’ को काफी पसंद किया गया था. फिल्म भी शानदार रही थी… अब 18 साल बाद अनुराग बसु ‘मेट्रो… इन दिनों’ लेकर आए हैं. तो चलिए जानते हैं इस बार अनुराग बसु ने क्या कमाल किया है?
वैसे तो अनुराग बसु ने फिल्म ‘मेट्रो… इन दिनों’ को ‘लाइफ इन ए… मेट्रो’ के सीक्वल के रूप में प्रजेंट नहीं किया है, लेकिन फिल्म की कहानी आपको 18 साल पहले की यादें जरूर ताजा करेंगी. जिस तरह के संगीत ‘लाइफ इन ए… मेट्रो’ में थे, उसी तरह ‘मेट्रो… इन दिनों’ के लिए संगीत तैयार किया गया है और इस बार भी फिल्म का संगीत प्रीतम ने ही तैयार किया है, जो ‘लाइफ इन ए… मेट्रो’ के बाद अनुराग बसु के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. साथ ही, अनुपम खेर और आदित्य रॉय कपूर ने फिल्म के लिए एक-एक गाना गाया है.
कोंकणा सेन शर्मा को मूल फिल्म से बरकरार रखा गया है. अनुराग बसु ने नेटफ्लिक्स ओरिजिनल लूडो (2020) में एक साथ दिखाई देने के बाद एक बार फिर पंकज त्रिपाठी, आदित्य रॉय कपूर और फातिमा सना शेख को कास्ट किया. सारा अली खान, अली फजल, अनुपम खेर और नीना गुप्ता को अन्य मुख्य भूमिकाओं में लिया गया. बता दें, अनुराग ने इस बार भी शानदार तरीके से फिल्म को बनाया है और इसमें कोई शक नहीं कि मेरी नजरों फिर से सफल हुए हैं. इस बार फिल्म थोड़ी लंबी भी है.
फिल्म की कहानी कोलकाता में रहने वाली शिवानी (नीना गुप्ता) और संजीव (शाश्वत चटर्जी), उनकी दो बेटियों बेटी काजोल (कोंकणा सेन शर्मा) और छोटी बेटी चुमकी (सारा अली खान) और उनसे जुड़े लोगों के आसपास घूमती है. दरअसल, काजोल (कोंकणा सेन शर्मा) अपने पति मंटी (पंकज त्रिपाठी) के साथ पिछले 19 साल से हंसी-खुशी शादीशुदा जिंदगी जी रही हैं, लेकिन ऐसा बाहर से देखने पर लगता है… सच्चाई ये है कि इन दोनों की लाइफ परफेक्ट नहीं है.
वहीं, शिवानी की छोटी बेटी चुमकी 15 साल की है और एक प्राइवेट कपंनी में एचआर की नौकरी करती है, जहां वह अपने एक कलिग को पसंद करती हैं और दोनों की सगाई होने वाली होती है, लेकिन इसी बीच उसकी मुलाकात एक ट्रैवल ब्लागर पार्थ (आदित्य राय कपूर) से होती है, जिसके बाद दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ने लगती हैं. इसमें एक कहानी पार्थ के दोस्त आकाश (अली फजल) की भी दिखाई गई है, जो एक म्यूजीशियन के रूप में अपना करियर बनाना चाहता है, लेकिन अपनी गर्लफ्रेंड श्रुति (फातिमा सना शेख) से शादी और पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते वह अपने मुकाम तक पहुंच नहीं पाता.
दूसरी ओर शादी से पहले शिवानी के भी कुछ सपने थे, जो शादी के बाद जिम्मेदारियों की बोझ में दबकर रह गए, लेकिन एक दिन उसकी मुलाकात उसके एक्स ब्वॉयफ्रेंड परिमल (अनुपम खेर) से होती है और फिर फिल्म में उलझे रिश्तों सुलझाते हुए दिखाया जाता है. अब अगर अभिनय की बात करें तो अनुपम खेर से लेकर नीना गुप्ता, कोंकणा सेन शर्मा, पंकज त्रिपाठी, आदित्य रॉय कपूर, सारा अली खान, अली फजल, फातिमा सना शेख और शाश्वत चटर्जी तक… सभी ने शानदार अभिनय का प्रदर्शन किया है और इस फिल्म में सभी की मेहनत साफ-साफ दिखाई पड़ती है.
हालांकि फिल्म का फर्स्ट हाफ थोड़ा स्लो है, लेकिन सेकंड हॉफ तक आते-आते फिल्म अपनी गति पकड़ने में सफल हो जाती है. सोशल मीडिया के इस युग में प्यार और रिश्तों में कितना बदलाव आया है, वो इस फिल्म में देखने को मिला. कुल मिलाकर देखा जाए तो आप इस फिल्म को परिवार के साथ सिनेमाघरों में जाकर देख सकते हैं. मेरी ओर से इस फिल्म को 5 में से 3.5 स्टार.