क्राइम
घर में मालकिन की लाश, ट्रेन में कातिल और 40,000 रुपये… आखिर क्या हुआ था उस रात, जानें पूरी कहानी…

दिल्ली के लाजपत नगर में एक दिल दहला देने वाली घटना हुई. गारमेंट्स शॉप के कर्मचारी मुकेश पासवान ने मालिक कुलदीप की पत्नी रुचिका और 14 वर्षीय बेटे कृष की निर्मम हत्या कर दी. चलिए आपको बताते हैं पूरा मामला क्या है.
दिल्ली
लाजपत नगर सेंट्रल मार्केट में कुलदीप की कपड़े की दुकान थी. कुलदीप एक मेहनती कारोबारी थे, जिनका चार लोगों का छोटा-सा परिवार था. उनकी पत्नी रुचिका घर संभालती थीं, उनका 14 साल का बेटा कृष स्कूल जाता था और उनकी बड़ी बेटी दिल्ली के बाहर पढ़ाई कर रही थी. कुलदीप का परिवार खुशहाल था. उनके घर में एक नौकर, मुकेश, भी काम करता था, जो दुकान पर मदद करता था और उनकी गाड़ी भी चलाता था. मुकेश को कुलदीप के पिता ने ही नौकरी पर रखवाया था. वह पिछले तीन साल से उनके साथ था, लेकिन कोई नहीं जानता था कि यही मुकेश उनकी जिंदगी में तूफान लाने वाला है.
एक दिन कुछ भयानक हुआ…
यह कहानी उस बुधवार की रात की है, जब कुलदीप रात करीब 9:40 बजे अपनी दुकान से घर लौटे. हमेशा की तरह, उन्होंने घर की घंटी बजाई, लेकिन इस बार रुचिका ने दरवाजा नहीं खोला. कुलदीप को कुछ गड़बड़ लगा. उनकी नजर सीढ़ियों पर खून के निशानों पर पड़ी. घबराहट में उन्होंने रुचिका को फोन किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. डरते हुए कुलदीप ने तुरंत पुलिस को बुलाया.
यह कहानी उस बुधवार की रात की है, जब कुलदीप रात करीब 9:40 बजे अपनी दुकान से घर लौटे. हमेशा की तरह, उन्होंने घर की घंटी बजाई, लेकिन इस बार रुचिका ने दरवाजा नहीं खोला. कुलदीप को कुछ गड़बड़ लगा. उनकी नजर सीढ़ियों पर खून के निशानों पर पड़ी. घबराहट में उन्होंने रुचिका को फोन किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. डरते हुए कुलदीप ने तुरंत पुलिस को बुलाया.
पुलिस ने दरवाजा तोड़ा और अंदर का मंजर देखकर सभी सन्न रह गए. बेडरूम में रुचिका की लाश खून से लथपथ पड़ी थी. उनका गला किसी तेज हथियार से काटा गया था. पुलिस और कुलदीप ने घर में तलाशी शुरू की और बाथरूम में 14 साल के कृष की लाश मिली. उसका शरीर भी खून से सना था. दोनों को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने बता दिया कि उनकी मौत हो चुकी थी.
शुरू हुई कातिल की तलाश
लाजपत नगर पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की. घर के बाहर के सीसीटीवी फुटेज में एक शख्स दिखा, जो रात को कुलदीप के घर में घुसता और फिर जल्दी से बाहर निकलता हुआ नजर आया. वह शख्स कोई और नहीं, मुकेश था. कुलदीप ने बताया कि मुकेश उनकी दुकान पर काम करता था और पिछले कुछ समय से उसका व्यवहार बदल गया था. वह अक्सर छुट्टियां लेता था और काम पर नहीं आता था.
लाजपत नगर पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की. घर के बाहर के सीसीटीवी फुटेज में एक शख्स दिखा, जो रात को कुलदीप के घर में घुसता और फिर जल्दी से बाहर निकलता हुआ नजर आया. वह शख्स कोई और नहीं, मुकेश था. कुलदीप ने बताया कि मुकेश उनकी दुकान पर काम करता था और पिछले कुछ समय से उसका व्यवहार बदल गया था. वह अक्सर छुट्टियां लेता था और काम पर नहीं आता था.
पुलिस ने मुकेश के मोबाइल की लोकेशन ट्रैक की और सीसीटीवी फुटेज की मदद से पता चला कि वह नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से पटना जाने वाली ट्रेन में सवार हो गया था. पुलिस ने तुरंत यूपी पुलिस और रेलवे पुलिस से संपर्क किया. अगली सुबह, मुगलसराय जंक्शन पर मुकेश को ट्रेन से पकड़ लिया गया. उसे चंदौली पुलिस स्टेशन लाया गया और दिल्ली पुलिस को सूचना दी गई.
कातिल ने बताया सच
मुकेश को जब पुलिस ने पकड़ा, तो उसने बिना किसी हिचक के अपना गुनाह कबूल कर लिया. उसने बताया कि उसने कुलदीप से 40 हजार रुपये एडवांस लिए थे, लेकिन वह काम पर नहीं जा रहा था. बुधवार की शाम को कुलदीप के एक कर्मचारी ने उसकी वीडियो कॉल पर रुचिका से बात कराई थी. रुचिका ने मुकेश को डांटा और पैसे व फोन वापस मांगे, इससे मुकेश गुस्सा हो गया. उसने चाकू निकाला और रुचिका का गला काट दिया.
मुकेश को जब पुलिस ने पकड़ा, तो उसने बिना किसी हिचक के अपना गुनाह कबूल कर लिया. उसने बताया कि उसने कुलदीप से 40 हजार रुपये एडवांस लिए थे, लेकिन वह काम पर नहीं जा रहा था. बुधवार की शाम को कुलदीप के एक कर्मचारी ने उसकी वीडियो कॉल पर रुचिका से बात कराई थी. रुचिका ने मुकेश को डांटा और पैसे व फोन वापस मांगे, इससे मुकेश गुस्सा हो गया. उसने चाकू निकाला और रुचिका का गला काट दिया.
उसी वक्त, 14 साल का कृष वहां मौजूद था. उसने अपनी मां का कत्ल होते देख लिया और डर के मारे चीखने-चिल्लाने लगा. मुकेश को डर था कि कृष शोर मचाकर उसका राज खोल देगा. इसलिए उसने चाकू से कृष को भी मार डाला. मुकेश बिना पछतावे वाले चेहरे को देखकर पुलिसवाले भी हैरान रह गए. उसकी आंखों में कोई डर, कोई पछतावा नहीं था. वह शांत और सामान्य लग रहा था, जैसे उसने कोई छोटा-मोटा काम किया हो. वह खुलकर बता रहा था कि उसने रुचिका और कृष को क्यों मारा. उसने कहा, ‘वो मुझसे पैसे मांग रहे थे. मैं गुस्से में आ गया.’ फिर उसने कृष के बारे में कहा, ‘उसने मुझे कत्ल करते देख लिया था. वो चिल्ला रहा था, इसलिए उसे भी मार दिया.’
लाजपत नगर पुलिस ने इस मामले में तेजी से कार्रवाई की. सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल सर्विलांस और पुलिस की साझा कोशिशों ने मुकेश को कुछ ही घंटों में पकड़ लिया. पुलिस ने बताया कि मुकेश के पिता और भाई भी दिल्ली में नौकरी करते हैं. मुकेश के पिता ने ही उसे कुलदीप की दुकान पर नौकरी दिलाई थी. वहीं पुलिस ने मुकेश को सजा दिलाने की पूरी कोशिश शुरू कर दी है. अब देखना ये है कि आखिर मुकेश को सजा कब और क्या मिलती है.