लाइफस्टाइल

40 साल की अधेड़ औरतों को क्यों पसंद आ रहे 13-14 साल के लड़के, यौन संतुष्टि, पागलपन या सेक्स का साइनाइड

बच्चों के साथ यौन उत्पीड़न के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. केवल पुरुष ही नहीं, महिलाएं भी कम उम्र के लड़कों को सेक्शुअली असॉल्ट कर रही हैं.

 

हाइलाइट्स
  • मुंबई में 40 साल की महिला टीचर ने छात्र के साथ यौन उत्पीड़न किया
  • मानसिक रूप से बीमार बढ़ती उम्र की महिलाएं कम उम्र के लड़कों को बनाती हैं शिकार
  • शादी से नाखुश अमीर औरतों में बढ़ रही है ये प्रवृत्ति?
Female teacher sexually assault her student: मुंबई के एक मशहूर स्कूल की 40 साल की महिला टीचर ने अपने 16 साल के स्टूडेंट के साथ सेक्शुअल असॉल्ट किया। पुलिस ने टीचर को गिरफ्तार कर लिया है. टीचर उस छात्र को 13 साल की उम्र से प्रताड़ित कर रही थी. वह महिला शादीशुदा है और उसके अपने बच्चे भी हैं. शिक्षिका अपने छात्र की तरफ आकर्षित थी और उसे शराब पिलाकर गलत हरकत की. वह उसे 5 स्टार होटल भी लेकर गई. लड़का इस कारण से एंग्जाइटी और डिप्रेशन का शिकार हो गया. विदेशों में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं लेकिन अब भारत में भी ऐसा होने लगा है. आखिरकार उम्रदराज महिलाएं क्यों कम उम्र के लड़कों को अपना शिकार बनाती हैं? उन्हें टीनेज लड़के क्यों अट्रैक्ट करते हैं? 

ऐसी महिलाएं हो सकती हैं मानसिक बीमार
मनोचिकित्सक मुस्कान यादव कहती हैं कि जो महिलाएं कम उम्र के बच्चों की तरफ आकर्षित होती हैं और उनके साथ संबंध बनाने की सोचती हैं या रेप या यौन उत्पीड़न करती हैं, वह मानसिक बीमारी का शिकार हो सकती हैं. इसे पीडोफाइल (Paedophiles) कहा जाता है. इसमें व्यक्ति 13 साल के उम्र या उससे कम उम्र के बच्चों यानी टीनेज बच्चों की तरफ सेक्शुअली अट्रैक्ट होता है.
बचपन का ट्रॉमा हो सकता है
अगर कोई महिला बचपन में यौन उत्पीड़न का शिकार हुई हो. उसके साथ कई बार रेप हुआ हो तो वह गहरे ट्रॉमा का शिकार हो सकती है. बचपन में उसके साथ किया गया गलत व्यवहार उसे भी बड़े होकर ऐसी प्रवृत्ति का शिकार बना सकता है. ऐसी महिलाएं मेंटली डिस्टर्ब होती हैं और जब वह किसी युवा लड़के के साथ ऐसा करती हैं तो उसे संतुष्टि मिलती है.
शादी से खुश ना होना
रिलेशनशिप एक्सपर्ट डॉ. गीतांजलि शर्मा कहती हैं कि कुछ महिलाएं अपनी शादी से खुश नहीं होतीं. उनके हस्बैंड के साथ उनकी सेक्शुअल इच्छाएं पूरी नहीं हो पातीं. कई बार वह फेंटेसी में रहती हैं. ऐसे में वह बाहर ऐसे इंसान को तलाश करती हैं जो उसकी इच्छाओं को पूरा कर सके. कई बार पति की अनदेखी भी उन्हें ऐसा करने पर मजबूर कर देती है. सेक्शुअल डिजायर उन पर इतनी हावी हो जाती हैं कि वह अपने से कम उम्र के लड़कों को अपना शिकार बनाने लगती हैं. कई बार युवा लड़कों की एनर्जी भी उन्हें ऐसा करने को उकसाती है.
कंट्रोल करने की भावना
भारतीय समाज में महिलाओं को पुरुषों के बराबर नहीं माना जाता. कुछ घरों में पति ही पत्नियों पर हावी रहते हैं. ऐसे में अगर महिला महत्वाकांक्षी हो तो वह बढ़ती उम्र में अपना कंट्रोल कम उम्र के लड़कों पर बनाने की कोशिश करती है. टीनेज लड़कों को दबाने में वह कामयाब हो सकती हैं. ऐसे बच्चे का यौन उत्पीड़न कर वह खुद को सशक्त, आत्मविश्वासी और मजबूत महसूस करती हैं. 

ज्यादा पैसा कर सकता है दिमाग खराब
अक्सर देखने में आया है कि जो महिलाएं अमीर होती हैं, उनकी ऐसी प्रवृत्ति ज्यादा होती है. विदेशों में भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जहां महिलाएं टीनेज लड़कों के साथ गलत हरकत कर चुकी हैं. दरअसल ऐसी महिलाएं कई बार पैसे की पावर का मिस यूज करती हैं. उन्हें लगता है कि वह युवा लड़कों को महंगी जगहों पर लेकर जाएंगी, महंगे गिफ्ट देंगी तो उन्हें इसके बाद सेक्शुअल फेवर मिलेगा. पैसा उन्हें ताकतवर होने का एहसास कराता है. जिन महिलाओं के पति काम के सिलसिले में उनसे दूर रहते हैं, उनके ऐसे मामले ज्यादा देखने को मिलते हैं

 

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