दिल्ली
20 साल बाद इन दो शहरों में फिर बिछाई जाएंगी रेल पटरियां, बुलेट ट्रेन से सीधे जुड़ेगा लोकल रेल नेटवर्क

गुजरात के दो बड़े शहरों में लोकल रेल नेटवर्क के विस्तार का प्रस्ताव राज्य सरकार ने दिया है. इससे पहले 2005 में भी ऐसा ही प्रस्ताव आया था, लेकिन उस पर कोई अमल नहीं हुआ और अब 20 साल बाद इस पर फिर काम करने की तैयारी है.
हाइलाइट्स
- गुजरात के अहमदाबाद और सूरत में फिर से रेल नेटवर्क स्थापित होगा.
- राज्य सरकार ने ट्रैफिक और प्रदूषण कम करने के लिए प्रस्ताव दिया.
- परियोजना अगले 10-15 वर्षों में धीरे-धीरे लागू होगी.
नई दिल्ली.
गुजरात के अहमदाबाद और सूरत शहर में करीब 20 साल बाद फिर रेलवे नेटवर्क स्थापित करने की कवायद शुरू हो गई है. गुजरात सरकार ने इन परियोजनाओं को लागू करने का प्रस्ताव रखा है. शहरी योजना पर उच्च-स्तरीय समिति ने राज्य सरकार को अहमदाबाद और सूरत के लिए क्षेत्रीय रेल परियोजनाओं के विकल्प पर विचार करने की सिफारिश की है, ताकि इन शहरी केंद्रों में ट्रैफिक जाम और प्रदूषण को कम किया जा सके.
सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट में समिति ने अहमदाबाद में क्षेत्रीय रेल नेटवर्क के लिए नए सिरे से अध्ययन करने का प्रस्ताव रखा है. समिति ने अपनी सिफारिश में कहा कि वैसे तो अहमदाबाद में एक अच्छी तरह से विकसित राजमार्ग नेटवर्क है, लेकिन शहर और आसपास के क्षेत्रों के भीतर कुशल कनेक्टिविटी और पहुंच सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है. अहमदाबाद और सूरत दोनों से होकर गुजरने वाले हाई-स्पीड रेल और समर्पित माल गलियारे के साथ एक अच्छी तरह से जुड़े रेल नेटवर्क के जरिये आंतरिक क्षेत्रों के साथ जुड़ने का लाभ उठाना चाहिए.
ट्रांजिट से क्या फायदा
अहमदाबाद और सूरत में तेजी से ट्रांजिट गलियारों की योजना बनाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए, समिति की रिपोर्ट में कहा गया कि इससे न केवल वायु प्रदूषण और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने में मदद मिलेगी, बल्कि नए विकास और शहरी नवीकरण को प्रोत्साहित करने और शहरी विकास को आकार देने में भी आसानी होगी. भविष्य के विकास को दिशा देने के लिए गलियारा-आधारित दृष्टिकोण के बजाय एक व्यापक ट्रांजिट नेटवर्क ज्यादा महत्वपूर्ण है.
अहमदाबाद और सूरत में तेजी से ट्रांजिट गलियारों की योजना बनाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए, समिति की रिपोर्ट में कहा गया कि इससे न केवल वायु प्रदूषण और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने में मदद मिलेगी, बल्कि नए विकास और शहरी नवीकरण को प्रोत्साहित करने और शहरी विकास को आकार देने में भी आसानी होगी. भविष्य के विकास को दिशा देने के लिए गलियारा-आधारित दृष्टिकोण के बजाय एक व्यापक ट्रांजिट नेटवर्क ज्यादा महत्वपूर्ण है.
कब तक लागू होगी परियोजना
समिति ने कहा कि इस परियोजना को अगले 10-15 वर्षों में धीरे-धीरे लागू किया जा सके. इस नेटवर्क को विकास योजना का हिस्सा बनाया जाना चाहिए. यह भविष्य के शहरी विकास को दिशा देने में उपयोगी होगा और ट्रांजिट नोड्स के आसपास ट्रांजिट-ओरिएंटेड विकास (टीओडी) को सुविधाजनक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. इससे पहले साल 2005 में अहमदाबाद में मेट्रो रेल के साथ राज्य सरकार ने अहमदाबाद के परिधीय कस्बों और गांवों को जोड़ने के लिए एक क्षेत्रीय रेल परियोजना का प्रस्ताव रखा था. फिर साल 2013 में सरकार ने अहमदाबाद क्षेत्रीय रेल परियोजना के लिए एक तैयारी की, लेकिन इस पर भी ज्यादा आगे नहीं बढ़ सकी.
समिति ने कहा कि इस परियोजना को अगले 10-15 वर्षों में धीरे-धीरे लागू किया जा सके. इस नेटवर्क को विकास योजना का हिस्सा बनाया जाना चाहिए. यह भविष्य के शहरी विकास को दिशा देने में उपयोगी होगा और ट्रांजिट नोड्स के आसपास ट्रांजिट-ओरिएंटेड विकास (टीओडी) को सुविधाजनक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. इससे पहले साल 2005 में अहमदाबाद में मेट्रो रेल के साथ राज्य सरकार ने अहमदाबाद के परिधीय कस्बों और गांवों को जोड़ने के लिए एक क्षेत्रीय रेल परियोजना का प्रस्ताव रखा था. फिर साल 2013 में सरकार ने अहमदाबाद क्षेत्रीय रेल परियोजना के लिए एक तैयारी की, लेकिन इस पर भी ज्यादा आगे नहीं बढ़ सकी.