बक्सर ट्रेन हादसा: समाज के हर वर्ग ने दिखाई मानवता, चारों ओर मची थी चीख-पुकार… घंटे बाद पहुंचा प्रशासन

गहराती रात में भयंकर आवाज और कांपते यात्रियों की सहायता को दौड़ पड़े गांव के गांव… जी हां समाज ने दिखाई मानवता, हर ओर मची थी चीख-पुकार। जेनरेटर लाकर रोशनी की व्यवस्था की, कोई पानी लेकर दौड़ रहा, कोई एंबुलेंस पर चढ़ा रहा और घंटे भर बाद पहुंच सका…
बक्सरः
गहराती रात में भयंकर आवाज और कांपते यात्रियों की सहायता को दौड़ पड़े गांव के गांव… जी हां समाज ने दिखाई मानवता, हर ओर मची थी चीख-पुकार। जेनरेटर लाकर रोशनी की व्यवस्था की, कोई पानी लेकर दौड़ रहा, कोई एंबुलेंस पर चढ़ा रहा और घंटे भर बाद पहुंच सका प्रशासन… ऐसा था बक्सर ट्रेन हादसे का दिल दहला देने वाला दृश्य।

लोगों ने पेश की मानवता की मिसाल
आनंद विहार से कामाख्या जा रही नार्थ इस्ट एक्सप्रेस पटरियों पर तेज गति में दौड़ती चली जा रही थी कि अचानक तेज आवाज ने सभी का दिल दहला दिया। चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई। बोगियां बेपटरी हो चुकी थी। एसी कोच पलटकर डाउन लाइन से अप लाइन पर आ चुकी थी। इसी बीच रेल दुर्घटना का समाचार पाकर आधी रात को दूर-दूर से गांव के लोग दौड़ते-हांफते आए और उन्होंने घायलों की सहायता करके मानवता की मिसाल पेश की।

कोई पानी लेकर दौड़ रहा है, कोई बच्चों को निकाल रहा
सहायता के लिए दियारा क्षेत्र से भी लोग पहुंच चुके थे। भरखर, रहथुआ, कांट, कैथी, ढोढनपुर, बाबूडेरा आदि गांवों के लोग बड़ी संख्या में पहुंच चुके थे। घायलों ने लोगों को देखकर राहत की सांस ली। ग्रामीण यात्रियों को बाहर निकालने में जुट गए। यहां अंधेरे के कारण राहत कार्य में परेशानी आ रही थी तो ग्रामीणों ने ही पास से जेनरेटर लाकर वहां रोशनी की व्यवस्था की। कोई पानी लेकर दौड़ रहा है, कोई बच्चों को निकाल रहा है। कोई घायलों को एंबुलेंस पर चढ़ाने पर सहायता कर रहा है। इतना ही नहीं पूर्व मुखिया विनोद ओझा, शैलेश कुमार, विशाल सिंह, आनंद शर्मा आदि दर्जनों लोग सहयोग को दौड़ रहे थे।