पाकिस्तान की आधी आबादी को मयस्सर नहीं रोटी! वर्ल्ड बैंक की ये रिपोर्ट देख शर्म से मुंह छुपा लेंगे शहबाज-मुनीर

वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान की 44.7% आबादी गरीबी रेखा के नीचे है. शहबाज शरीफ और आमिस मुनीर की असफल नीतियों के बावजूद पाकिस्तान आतंकवाद को प्राथमिकता दे रहा है.
- पाकिस्तान की 44.7% आबादी गरीबी रेखा के नीचे है.
- 16.5% लोग गरीबी के चरम स्तर पर हैं, $3 रोजाना भी नहीं कमा पाते.
- पाकिस्तान की प्राथमिकता विकास नहीं, आतंकवाद को समर्थन देना है.
नई दिल्ली.
पाकिस्तान अंदर से किस कदर खोखला हो चुका है, इसका ताजा उदाहरण वर्ल्ड बैंक की ताजा रिपोर्ट में एक बार फिर जगजाहिर हो गया. भारत के खिलाफ आतंकी की फैक्ट्री चलाने वाला पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी आर्थिक बदहाली को लेकर सुर्खियों में है. वर्ल्ड बैंक की हालिया रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान की लगभग 44.7% आबादी अब गरीबी रेखा के नीचे जीवन बिता रही है. वर्ल्ड बैंक का मानना है कि कुल आबादी में 16.5% लोग ऐसे हैं जो गरीबी के चरम स्तर तक पहुंच चुके हैं. वो रोजाना का $3 भी नहीं कमा पाते.
भारत के नजरिए से समझें तो पाकिस्तान की यह स्थिति हमारे लिए एक दोहरी चुनौती है. एक ओर भूख और बेरोजगारी से जूझती जनता जो कट्टरपंथ की ओर आकर्षित हो सकती है. वहीं, दूसरी ओर आतंक को पालने-पोसने वाली सेना, जो अपनी असफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए भारत-विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देती है. भारत के खिलाफ नफरत फैलाने वाली रणनीति और आतंकियों को समर्थन देना.