नसीरुद्दीन शाह का वो गाना, जिससे रातोंरात हुए थे पॉपुलर, दर्जनों गानों के मिले ऑफर तो करने लगे रिजेक्ट

दिग्गज एक्टर नसीरुद्दीन शाह भारत के सबसे सम्मानित कलाकारों में से एक हैं, लेकिन उन्हें अचानक लोकप्रियता एक सुपरहिट गाने से मिली, जिसमें सोनम खान ने उनके साथ परफॉर्म किया था. 1989 की हिट फिल्म के आइकॉनिक गाने ने सनसनी मचा दी थी. उन्हें इसके बाद दर्जनों गानों के ऑफर मिले, लेकिन वे इन्हें रिजेक्ट करते गए.
- नसीरुद्दीन शाह को ‘तिरछी टोपीवाले’ गाने से पॉपुलैरिटी मिली.
- उन्होंने गानों के कई ऑफर रिजेक्ट किए.
- नसीरुद्दीन शाह ने आर्ट फिल्मों को तवज्जो दी.
नई दिल्ली
90s के मशहूर गानों का जिक्र होता है, तो लिस्ट में फिल्म ‘त्रिदेव’ के गाने का जिक्र जरूर होता है. इसमें नसीरुद्दीन शाह को सोनम खान के साथ फिल्माया गया है. गाने ‘तिरछी टोपीवाले’ से नसीरुद्दीन शाह की जमकर तारीफ होने लगी थी. उन्होंने एक बार खुलासा किया था कि भले ही वह इस लोकप्रिय गाने का चेहरा बन गए थे, लेकिन उन्होंने कभी खुद को न तो डांसर और न ही सिंगर के रूप में देखा था.
नसीरुद्दीन ने प्लेबैक गानों पर लिप-सिंक करने के समय को याद करते हुए बताया कि यह अनुभव उनके लिए कितना असहज था. वे बोले, ‘अब यह बंद हो गया है, लेकिन एक समय था जब यह बहुत होता था. मुझे गाने के लिए कहा जाता था और वह सौ मौतों के बराबर था. मैं गाने में बहुत खराब हूं, हिंदी गानों के सबसे खराब गायकों में से एक. शायद इसलिए क्योंकि मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे फिल्मों में हीरो बनना पड़ेगा, गाने गाने पड़ेंगे या इससे भी बुरा, अपनी बेटी की उम्र की एक्ट्रेस के साथ रोमांस करना पड़ेगा.’
नसीरुद्दीन शाह के लिए कमर्शियल हिंदी सिनेमा कभी आखिरी गोल नहीं था. उनकी उम्मीदें हमेशा रियलिस्टिक सिनेमा से जुड़ी रहीं. कैरेक्टर रोल में कुछ ऐसा जो नाच या गाने के लिप-सिंक से जुड़ा न हो. वे कहते हैं, ‘मैंने सोचा था कि मैं एक कैरेक्टर आर्टिस्ट बन जाऊंगा. वकील, डॉक्टर, पुलिस या बड़े भाई की भूमिका निभाऊंगा. इसलिए मैं कमर्शियल एक्टिंग में बहुत खराब हूं, क्योंकि मैंने इसके लिए कभी ट्रेनिंग नहीं ली.’ उन्होंने स्वीकार किया कि उन्हें कमर्शियल सिनेमा में अपनी परफॉर्मेंस कभी पसंद नहीं आई. उन्होंने अक्सर मैनस्ट्रीम सिनेमा के फॉर्मूला से खुद को अलग दिखाया.
टाइपकास्ट से परेशान हो गए थे नसीरुद्दीन शाह
नसीरुद्दीन शाह ने उसी इंटरव्यू में कहा कि फिल्ममेकर्स ने उन्हें इंटेंस, अक्सर मेलोड्रामैटिक रोल में टाइपकास्ट करना शुरू कर दिया. वे केवल उन्हें ऐसे एक्टर के रूप में देखते थे जो शायद स्क्रीन पर चिल्ला और रो सकता है और वह इससे तंग आ गए थे और नहीं जानते थे कि ऐसे सिंपल रोल में नयापन कैसे लाएं.