5 सबसे बड़े पाप… इन्हें करने वालों को नर्क में मिलती है सबसे ज्यादा सजा! दूसरा वाला तो अक्षम्य अपराध

गुरुड़ पुराण के अनुसार, अनीति का धन, पशुओं पर अत्याचार, गुरु से धोखाधड़ी, चोरी और मदिरापान ये 5 पाप अक्षम्य हैं और इनसे नरक में सबसे ज्यादा सजा मिलती है.
- गुरुड़ पुराण के अनुसार 5 अक्षम्य पाप हैं.
- अनीति का धन, पशुओं पर अत्याचार, गुरु से धोखाधड़ी, चोरी और मदिरापान.
- इन पापों से नरक में सबसे ज्यादा सजा मिलती है.
Garuda Purana
हिंदू धर्म में मान्यता है कि धरती पर जो व्यक्ति पाप कर्म करता है, उसे नरकलोक जाना पड़ता है. यही नहीं, उसे मृत्यु के बाद पापों के हिसाब से ही सजा मिलती है. बता दें कि, यमराज के दरबार में जीव के हर पाप कर्म के लिए दंड का प्रावधान है. उससे कोई बच नहीं सकता है. इसलिए जब कोई व्यक्ति मर जाता है तब यमदूत उसकी आत्मा को यमराज के सामने पेश करते हैं, चित्रगुप्त उसके कर्मों का लेखा-जोखा पेश करते हैं, फिर तय होता है कि उसे किस नरक में भेजा जाए और उसकी सजा क्या होगी? दंड स्वरूप उसे आगे किस योनि में जन्म लेना होगा. इसलिए कहा जाता है कि व्यक्ति को अच्छे कर्म करने चाहिए और सत्य बोलना चाहिए. पुराणों के अनुसार वैसे तो कई तरह के पाप होते हैं, लेकिन 5 पाप ऐसे हैं जो माफी योग्य नहीं माने जाते हैं. गुरुड़ पुराण के अनुसार, इन पापों को करने वालों को नरक में सबसे ज्यादा सजा मिलती है. आइए उन्नाव के ज्योतिषाचार्य ऋषिकांत मिश्र शास्त्री से जानते हैं कि किस पाप के लिए कौन सी सजा मिलती है?
इन 5 पापों की नरक में सबसे ज्यादा सजा
अनीति का धन: ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, किसी को ठग कर गलत काम कर या किसी के हिस्से की वस्तु को चुराकर धन एकत्रित करना और धन का दान न करने वाले को भी भविष्यपुराण में महापापी माना गया है. ऐसे पापी नरक में ज्यादा सजा झेलने योग्य हैं.
पशुओं पर अत्याचार: ज्योतिषाचार्य की मानें तो, पशुओं पर अत्याचार करना, ब्राह्मण की हत्या या उसका अपमान करना, नौकरों से बुरा व्यवहार करने वाले मनुष्य को भी कुंभीपाक नाम के नर्क की यातना सहनी पड़ती है. इसलिए भुलकर भी ये महापाप नहीं करना चाहिए.
गुरु से धोखाधड़ी: गुरु मनुष्य को अच्छे-बुरे का ज्ञान देते है. गुरु को पिता के समान मानना चाहिए. गुरु के साथ कभी भी कंपट एवं धोखाधड़ी नहीं करनी चाहिए. ऐसा करना सबसे बड़ा पाप माना गया है. ऐसे इंसान को उसके पापों की सजा मिलती है.
चोरी करना: जो मनुष्य दुसरों की वस्तु हड़पने या चुराने की कोशिश करता है, वह पापी माना गया है. चोरी करने वाले इंसान या ऐसे काम में साथ देने वाले को नर्क में दुःख भोगने पड़ते है.इसलिए मनुष्य को कभी भी ये महापाप नहीं करना चाहिए.
मदिरापान करना: शराब में तीन प्रकार के पाप बताए गए है. स्त्री हो या पुरुष सभी को शराब व अन्य मादक पदार्थों से दूर रहना चाहिए. किसी भी तरह की शराब पीने से मनुष्य महापाप का भागी बन जाता है.