कहां अटक गई PM Kisan की 10वीं किस्त?

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM Kisan Samman Nidhi) की 10वीं किस्त फिलहाल नहीं आई है। उम्मीद की जा रही थी कि यह 15 या 16 दिसंबर को जारी की जाएगी, पर ऐसा नहीं हुआ। कारण भी साफ नहीं हुआ कि पीएम किसान की किस्त कहां और क्यों अटकी? ऐसे में लाभार्थी किसान इसके आने की टकटकी लगाए बैठे हैं।
इस बीच, अनुमान लगाया जाने लगा है कि केंद्र की ओर से यह रकम अब 25 दिसंबर को या उसके आसपास जारी की जा सकती है। हालांकि, इस बारे में केंद्र की ओर से न तो किसी तारीख की घोषणा की गई है और न ही कोई आधिकारिक पुष्टि की गई है। वैसे, बीते साल यानी 2020 में पीएम मोदी ने पीएम किसान की किस्त 25 दिसंबर को जारी की थी।
वहीं, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि पीएम किसानसम्मान निधि से जुड़े 12 करोड़ किसानों को फिलहाल और इंतजार करना पड़ सकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि सूबों की ओर से तो आरएफटी पर हस्ताक्षर कर दिए गए हैं, मगर एफटीओ जारी नहीं हो सका है।
अब केंद्र ने पीएम किसान सम्मान निधि के लिए ई-केवाईसी अनिवार्य कर दी है। यह काम करना लाभार्थी किसानों के लिए जरूरी है। वे इसके बगैर अपनी किस्त नहीं हासिल कर पाएंगे। इसे पीएम किसान की वेबसाइट (www.pmkisan.gov.in) पर जाकर आसानी से किया जा सकता है।
https://www.jansatta.com/about/pm-kisan-yojana/
बहरहाल, अब तक केंद्र की ओर से पीएम किसान की कुल नौ किस्त जारी की जा चुकी हैं। पहली किस्त दिसंबर-मार्च 2018-19 में 3,16,10,700 लाभार्थी किसानों को, दूसरी किस्त अप्रैल-जुलाई 2019-20 में 6,63,27,601 लाभार्थी किसानों को, तीसरी किस्त अगस्त-नवंबर 2019-20 में 8,76,21,282 लाभार्थी किसानों को, चौथी किस्त दिसंबर-मार्च 2019-20 में 8,96,00,273 लाभार्थी किसानों को और पांचवीं किस्त अप्रैल-जुलाई 2020-21 में 10,49,31,262 लाभार्थी किसानों को जारी की गई थी।
छठी किस्त अगस्त-नवंबर 2020-21 में 10,22,82,943 लाभार्थियों को, सातवीं किस्त दिसंबर-मार्च 2020-21 में 10,23,49,447 लाभार्थियों को, आठवीं किस्त अप्रैल-जुलाई 2021-22 में 11,11,12,261 लाभार्थी किसानों को और नौवीं किस्त अगस्त-नवंबर 2021-22 में 11,09,69,010 लाभार्थियों को जारी की गई थी।
बता दें कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना एक केंद्रीय योजना है और इसके तहत किसान परिवारों को छह हजार रुपए की आर्थिक सहायता तीन बार/किस्तों में दी जाती है। हालांकि, इसके तहत कुछ ऐसी श्रेणियां भी हैं, जिन्हें इसका लाभ नहीं मिल सकता है।