दिल्ली

क्या पाकिस्तान को ‘आतंकी देश’ घोषित कर सकता है भारत? कपिल सिब्बल ने सुझाया UAPA वाला तरीका

कपिल सिब्बल ने यूएपीए में संशोधन और पाकिस्तान को आतंकवादी राष्ट्र घोषित करने की मांग की. उन्होंने मनमोहन सिंह के कार्यकाल में आतंकवादी हमलों में कमी का दावा किया.

 

हाइलाइट्स
  • कपिल सिब्बल ने पाकिस्तान को आतंकवादी राष्ट्र घोषित करने की मांग की.
  • सिब्बल ने यूएपीए में संशोधन का सुझाव दिया.
  • सिब्बल ने मनमोहन सिंह के कार्यकाल में आतंकवादी हमलों में कमी का दावा किया.

नई दिल्ली.

राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने शनिवार को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) में संशोधन की मांग की और पाकिस्तान को आतंकवादी राष्ट्र घोषित करने का सुझाव दिया. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कपिल सिब्बल ने दावा किया कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमले कम होते रहे. कपिल सिब्बल ने कहा कि ‘असली मुद्दा आतंकवाद है. इसलिए हमारी विदेश नीति को इस तथ्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए कि पाकिस्तानी राष्ट्र आतंकवाद का कारखाना है. मैंने पहले भी कहा है- हमें संयुक्त राष्ट्र में एक संशोधन लाना चाहिए, हमें एक अनुसूची जोड़नी चाहिए, जिसमें हम घोषणा करें: इस अनुसूची के तहत, पाकिस्तान को आतंकवादी राष्ट्र के रूप में सूचीबद्ध किया गया है.’

भारत वैश्विक मंच पर जाए

कपिल सिब्बल ने कहा कि ‘ताकि जब हम वैश्विक मंच पर जाएं, तो हम कह सकें: आप उनके साथ व्यापार कर रहे हैं- आप उन्हें इसे बंद करने के लिए क्यों नहीं कहते? क्योंकि यह दुनिया के लिए अच्छा है, यह हमारी प्रगति के लिए अच्छा है, यह पाकिस्तान के लोगों सहित दूसरों को प्रोत्साहित करेगा, और इससे कश्मीर के लोगों को भी लाभ होगा. वे पीड़ित नहीं बनेंगे. आम नागरिक पीड़ित नहीं बनेंगे. इसलिए विदेश नीति का ध्यान इसी पर होना चाहिए.’

 

 

 

 

 

 

 

पाकिस्तान का ड्रोन हमला नाकाम

कपिल सिब्बल का यह बयान 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े सुरक्षा तनाव के बीच आया है, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे. हमले के बाद, भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी इंफ्रा साइट पर हमला किया गया. ऑपरेशन सिंदूर के बाद, पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइलें भेजीं और भारतीय हवाई ठिकानों पर हमला करने की कोशिश की, लेकिन सभी को भारतीय सैन्य हथियारों ने रोक दिया. बाद में, 10 मई को दोनों देश युद्धविराम के लिए सहमत हुए.

ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी दुनिया को देगा भारत

 

सिब्बल का दावा है कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमले कम होते रहे. सिब्बल ने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के अंतरराष्ट्रीय दौरों के बारे में फैसले का स्वागत किया. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विपक्ष के सुझावों को स्वीकार किए जाने पर संतोष जाहिर किया. उन्होंने कहा कि जब विपक्ष के सुझावों पर विचार किया जाता है, तो सहयोगात्मक समस्या-समाधान संभव हो जाता है. गौरतलब है कि ऑपरेशन सिंदूर और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत के चल रहे प्रयासों के संबंध में विभिन्न दलों के सात सदस्यों वाला एक प्रतिनिधिमंडल इस महीने के अंत में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों सहित महत्वपूर्ण साझेदार देशों का दौरा करने वाला है.

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