बिंदी के साथ भूलकर भी न करें यह गलती, वैवाहिक जीवन में बढ़ेगा तनाव; उजड़ जाएगी हंसती-खेलती दुनिया!

देवघर के ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल के अनुसार, बिंदी को बाथरूम की दीवार या शीशे पर चिपकाना गलत है. इससे वैवाहिक जीवन में समस्याएं और पति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.\
- बिंदी को बाथरूम की दीवार पर न चिपकाएं.
- बिंदी को शीशे पर चिपकाना गलत है.
- इससे वैवाहिक जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.
देवघर. हिंदू धर्म में श्रृंगार का बहुत महत्व होता है. महिलाएं शादी के बाद कई तरह के आभूषण पहनती हैं, जो उनके सौभाग्य के लिए शुभ माने जाते हैं. इनमें से एक बिंदी भी है. बिंदी को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है और शादीशुदा महिलाएं इसे पति की लंबी उम्र के लिए मस्तक पर लगाती हैं. लेकिन कभी-कभी महिलाएं बिंदी को लेकर कुछ गलतियां कर बैठती हैं, जिसका नकारात्मक प्रभाव उनके वैवाहिक जीवन और पति पर पड़ सकता है. आइए जानते हैं देवघर के ज्योतिषाचार्य से कि बिंदी को लेकर महिलाओं को किन गलतियों से बचना चाहिए…
क्या कहते हैं देवघर के ज्योतिषाचार्य
देवघर के पागल बाबा आश्रम स्थित मुद्गल ज्योतिष केंद्र के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने संवाददाता से बातचीत करते हुए कहा कि अक्सर महिलाएं रात को सोते वक्त या नहाते वक्त माथे से बिंदी हटाकर बाथरूम की दीवार या घर के शीशे पर चिपका देती हैं, जो बिल्कुल गलत है. बिंदी श्रृंगार की वस्तु होने के साथ-साथ महिलाओं के लिए अखंड सौभाग्यवती का प्रतीक भी होती है. सुहाग के प्रतीक को बाथरूम की दीवार या शीशे पर चिपकाना सही नहीं है, क्योंकि बाथरूम को अपवित्र और अशुद्ध जगह माना जाता है. इसलिए किसी अशुद्ध और अपवित्र जगह पर सौभाग्य की निशानी लगाना गलत होता है.
जीवन पर पड़ सकता है नकारात्मक प्रभाव
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि जो महिलाएं बिंदी बाथरूम की दीवार या शीशे पर चिपकाती हैं, उनके जीवन में परेशानियों का दौर शुरू हो जाता है. उनके पति पर भी इसका दुष्प्रभाव पड़ता है. इसका असर पति के कर्मों पर भी पड़ता है और वैवाहिक जीवन में खटपट शुरू हो जाती है. पति-पत्नी के बीच वाद-विवाद बढ़ जाता है. इसलिए महिलाएं बिंदी को बाथरूम की दीवार या शीशे पर बिल्कुल न चिपकाएं. यह सौभाग्य का अनादर होगा.