बदलापुर Case: बॉम्बे हाईकोर्ट की महाराष्ट्र सरकार को फटकार, पुलिसकर्मियों पर FIR दर्ज न करने पर जताई नाराजगी

बदलापुर स्कूल यौन शोषण के आरोपी अक्षय शिंदे को 23 सितंबर 2024 को कथित तौर पर एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया था। अक्षय के परिजनों ने पुलिस एनकाउंटर पर सवाल उठाए और इसे फर्जी मुठभेड़ करार दिया। बॉम्बे हाईकोर्ट ने पांच पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर के निर्देश दिए थे।
मुंबई
बदलापुर मुठभेड़ मामले को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। हाईकोर्ट ने आदेश के बाद भी बदलापुर स्कूल यौन उत्पीड़न मामले में आरोपी अक्षय शिंदे की हिरासत में मौत के मामले में पांच पुलिसकर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज न करने पर नाराजगी जताई।
शुक्रवार को न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति नीला गोखले की पीठ ने कहा कि वह इस बात से हैरान है कि उसके आदेश का पालन नहीं किया गया। यह हमारे आदेश का खुला उल्लंघन है। राज्य सरकार उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेशों का पालन कैसे नहीं कर सकती? अगर मामले के कागजात आज ही स्थानांतरित नहीं किए गए तो आपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू करनी होगी।
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार दोपहर बाद तय की और कहा कि यदि सरकार शुक्रवार को ही सात अप्रैल के आदेश का पालन करने के लिए कदम नहीं उठाती है तो वह आपराधिक अवमानना कार्यवाही शुरू करने पर विचार करेगी।
सरकारी वकील हितेन वेनेगांवकर ने अदालत को बताया कि नौ अप्रैल को सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने कहा कि याचिका पर पांच मई को सुनवाई होने की उम्मीद है। इस पर पीठ ने कहा कि यदि सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश पर रोक नहीं लगाई है तो सरकार इसका अनुपालन करने के लिए बाध्य है।
पीठ ने कहा कि कानून के शासन का पालन किया जाना चाहिए। आपको आदेश का पालन करना होगा अन्यथा हम अवमानना (नोटिस) जारी करने के लिए बाध्य और विवश होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने हमारे आदेश में हस्तक्षेप नहीं किया है। यह अवमानना के बराबर है। इसे आज ही करें। सर्वोच्च न्यायालय के ललिता कुमारी फैसले के अनुसार हमारे आदेश के तुरंत बाद एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए थी। करीब एक महीने का समय बीत चुका है और हमारे आदेश का पालन करने के लिए कुछ भी नहीं किया गया है।
पीठ ने कहा कि अगर सरकार अपने आदेश से इतनी ही व्यथित थी, तो उसे सुप्रीम कोर्ट में तत्काल सुनवाई की मांग करनी चाहिए थी। हाईकोर्ट ने सात अप्रैल को ही सरकार की रोक की प्रार्थना को खारिज कर दिया था। इसके बावजूद सरकार फाइलों पर बैठी रही।
सात अप्रैल को दिए थे आदेश
बॉम्बे हाईकोर्ट ने सात अप्रैल को बदलापुर पुलिस एनकाउंटर मामले में पांच पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने मुंबई के संयुक्त पुलिस आयुक्त लखमी गौतम के नेतृत्व में एसआईटी गठित की थी। साथ ही सीआईडी को दो दिनों के भीतर सभी कागजात एसआईटी को सौंपने का निर्देश दिया था।
बदलापुर स्कूल यौन शोषण के आरोपी अक्षय शिंदे को 23 सितंबर 2024 को कथित तौर पर एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया था। अक्षय के परिजनों ने पुलिस एनकाउंटर पर सवाल उठाए और इसे फर्जी मुठभेड़ करार दिया। परिजनों ने कहा कि उनके बेटे की हत्या की गई है। अक्षय के माता-पिता ने बॉम्बे उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर पुलिस एनकाउंटर की जांच की मांग की थी।