वक्फ कानून पर स्टे मत लगाइए और…तुषार मेहता ने दी सॉलिड दलील, CJI बोले- ओके फाइन, जानिए क्या-क्या हुआ?

वक्फ संशोधन कानून पर केंद्र सरकार को अंतरिम राहत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल वक्फ कानून पर स्टे लगाने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार के जवाब तक यथास्थिति बनी रहेगी.
- वक्फ संशोधन कानून पर सुप्रीम कोर्ट ने स्टे लगाने से इनकार किया.
- सरकार के जवाब तक वक्फ संपत्तियों की यथास्थिति बनी रहेगी.
- केंद्र ने नई नियुक्तियों से परहेज करने का आश्वासन दिया.
Waqf Amendment Act in Supreme Court: वक्फ संशोधन कानून पर केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम राहत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल वक्फ कानून पर स्टे लगाने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार के जवाब तक यथास्थिति बनी रहेगी. हालांकि, मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को यह भी बताया कि गैर-मुसलमानों को केंद्रीय या राज्य वक्फ बोर्ड में नियुक्त नहीं किया जाएगा.
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर लगातार दूसरे दिन सुनवाई हुई. इस दौरान तुषार मेहता ने दलील दी कि बगैर सरकार का पक्ष सुने, वक्फ कानून पर स्टे नहीं लगाया जाए. जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का वक्त दिया जाए. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने जवाब दाखिल करने के लिए एक हफ्ते का समय दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की ओर से दिए गए आश्वासन को दर्ज किया कि सुनवाई की अगली तारीख तक किसी भी वक्फ संपत्ति को अधिसूचित नहीं किया जाएगा या उनके चरित्र को नहीं बदला जाएगा. यह आश्वासन जांच के दायरे में आने वाली वक्फ संपत्तियों विशेष रूप से वक्फ अधिनियम 1995 के तहत पंजीकृत संपत्तियों की स्थिति के संबंध में अस्थायी राहत प्रदान करता है. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कह दिया कि सरकार जब तक जवाब नहीं देती, मामले में यथास्थिति बरकरार रहेगी.
सीजेआई ने जोर देकर कहा कि इस अवधि के दौरान 1995 के अधिनियम के तहत पंजीकृत किसी भी वक्फ संपत्ति को छुआ नहीं जा सकता है. इसके अलावा केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह अंतरिम रूप से केंद्रीय वक्फ परिषद या विभिन्न वक्फ बोर्डों में कोई नई नियुक्ति करने से परहेज करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि इस दौरान नियुक्तियों सहित कोई भी प्रशासनिक परिवर्तन नहीं किया जाना चाहिए, जब तक कि अंतिम निर्णय नहीं हो जाता, तब तक मौजूदा ढांचे को संरक्षित रखने की आवश्यकता को दोहराया गया है.
सीजेआई ने क्या-क्या कहा?
1995 के वक्फ अधिनियम और 2013 में किए गए संशोधनों को चुनौती देने वाली रिट याचिकाओं को इस सूची से अलग से दिखाया जाएगा. 2025 के मामले में रिट दायर करने वाले याचिकाकर्ताओं को विशेष मामले के रूप में जवाब दाखिल करने की स्वतंत्रता है. संघ और राज्य तथा वक्फ बोर्ड भी 7 दिनों के भीतर जवाब दाखिल करेंगे. 5 दिनों में जवाब दाखिल करना होगा. अगली तारीख पर सुनवाई केवल निर्देशों और अंतरिम आदेशों के लिए होगी, यदि कोई हो.
अंतरिम आदेश की खास बातें
- SC ने सरकार को जवाब देने के लिए 7 दिन का वक्त दिया.
- जवाब देने तक वक्फ की यथास्थिति बनी रहेगी.
- सरकार के जवाब देने तक कोई बदलाव नहीं होगा.
- याचिककर्ता कॉमन मुद्दों पर सहमति बनाएं.
- अगली सुनवाई नर्देशों, अंतरिम आदेश पर होगी.
- कोई नियुक्ति हुई तो अमान्य होगी.
कोर्टरूम में और क्या हुआ?
- सीजेआई- अगली सुनवाई से केवल 5 रिट याचिकाकर्ता ही न्यायालय में उपस्थित होंगे. हम यहां केवल 5 ही चाहते हैं. आप 5 का चयन करें. अन्य को या तो आवेदन के रूप में माना जाएगा या निपटाया जाएगा. हम नाम का उल्लेख नहीं करेंगे. अब इसे कहा जाएगा.
- मामले की सुनवाई शुरू होते ही केंद्र की ओर से पेश हुए एसजी तुषार मेहता ने कहा कि जज साहब मैं सम्मानपूर्वक कुछ कह रहा हूं….आप सीधे और परोक्ष रूप से वक्फ कानून पर रोक लगाने के बारे में सोच रहे हैं. ये ऐसे मुद्दे नहीं हैं जिन पर आपके माननीयों को सिर्फ कुछ प्रावधानों को पढ़कर रोक लगा देनी चाहिए.सुप्रीम कोर्ट के आदेश का बहुत बड़ा प्रभाव पड़ेगा. अगर कोई इसमें कोई आदेश जारी करता है. हमें जवाब दाखिल करने के लिए एक हफ्ते का समय दीजिए.
- इसके बाद सीजेआई ने कहा कि हमारे सामने एक ऐसी परिस्थिति है. हम कोई भी ऐसी परिस्थिति नहीं चाहते तो किसी भी तरह से प्रभावित करें. हम बस चाहते है कि दूसरे पक्ष भी प्रभावित न हो. इस पर तुषार मेहता ने कहा कि अगर आप वक्फ बाय यूजर को लेकर भी कुछ कहना चाहते हैं तो उसको लेकर हमारा पक्ष सुनें. मैं इस बात को कह रहा हूं कि एक हफ्ते में कोई भी नियुक्ति नहीं होगी.ये ऐसे मुद्दे नहीं हैं जो आपके आधिपत्य को कुछ प्रावधानों के केवल न केवल पढ़ने के साथ रहना चाहिए. कई लाख सुझावों पर गौर कर के ये कानून पारित हुआ था.
- इसके बाद सीजेआई ने कहा कि आप इस बात का भरोसा दीजिए कि आप नई नियुक्ति नहीं करेंगे संशोधित कानून के मुताबिक. इस पर तुषार मेहता ने कहा कि एक हफ्ते में कुछ नहीं बदलेगा. इस बात को मैं रिकॉर्ड पर कहता हूं. इसके जवाब में सीजेआई ने कहा कि ओके फाइन. बोर्ड, काउंसिल में कोई नियुक्ति नहीं, पंजीकृत वक्फ में कोई बदलाव नहीं.