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बढ़ती गर्मी बन सकती है मानसिक बीमारी की नई महामारी! आने वाली है ‘मेंटल हेल्थ इमरजेंसी’, रिसर्च में हुआ खुलासा

दुनियाभर में बढ़ती गर्मी सिर्फ शारीरिक सेहत ही नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डाल रही है। ऑस्ट्रेलिया में हुई एक नई रिसर्च में बताया गया है कि जैसे-जैसे तापमान बढ़ रहा है, लोगों में मानसिक और व्यवहार से जुड़ी बीमारियों (MBD) का खतरा भी…

नेशनल डेस्क

दुनियाभर में बढ़ती गर्मी सिर्फ शारीरिक सेहत ही नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डाल रही है। ऑस्ट्रेलिया में हुई एक नई रिसर्च में बताया गया है कि जैसे-जैसे तापमान बढ़ रहा है, लोगों में मानसिक और व्यवहार से जुड़ी बीमारियों (MBD) का खतरा भी बढ़ रहा है।

क्या होता है MBD?

MBD यानी मानसिक और व्यवहार संबंधी विकार। इसमें चिंता, डिप्रेशन, नकारात्मक सोच, सिज़ोफ्रेनिया, नशे की लत जैसी समस्याएं शामिल हैं। रिसर्च में अनुमान लगाया गया है कि अगर तापमान ऐसे ही बढ़ता रहा तो 2030 तक इन मानसिक बीमारियों का बोझ 11% और 2050 तक 27.5% बढ़ सकता है।

युवाओं और बच्चों पर ज़्यादा असर

रिसर्च करने वाले वैज्ञानिकों का कहना है कि बढ़ती गर्मी का सबसे ज्यादा असर बच्चों और युवाओं पर होता है। खासकर सिज़ोफ्रेनिया जैसे मानसिक रोग युवावस्था में ज्यादा दिखते हैं और गर्मी इन लक्षणों को और बढ़ा सकती है।

15 साल के डेटा से खुलासा

रिसर्च में 2003 से 2018 तक के हेल्थ डेटा का विश्लेषण किया गया। इसमें पाया गया कि जैसे ही तापमान बढ़ता है, वैसे ही मानसिक बीमारी से अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या भी बढ़ जाती है।

उदाहरण के तौर पर, 2008 में एडिलेड शहर में पड़ी तेज़ गर्मी की वजह से बच्चों में MBD से जुड़ी अस्पताल में भर्ती की घटनाएं 64% बढ़ गईं, जबकि बुजुर्गों में यह बढ़ोतरी सिर्फ 10% रही। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि अगर ग्लोबल वॉर्मिंग और जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो भविष्य में मानसिक स्वास्थ्य एक गंभीर वैश्विक समस्या बन सकता है।

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