पड़ोसियों को साथ लेकर डोनाल्ड ट्रंप को ताकत दिखा रहे शी जिनपिंग, ट्रेड वॉर में दोनों ओर से जोर आजमाइश का खेल तेज

- शी जिनपिंग ने पड़ोसियों संग अमेरिका पर नकेल कसने की तैयारी की.
- वियतनाम पर 46% टैरिफ लगाने का ट्रंप ने ऐलान किया था.
- वियतनाम, कंबोडिया, मलेशिया का दौरा कर रहे हैं शी जिनपिंग.
वॉशिंगटन. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पूरी दुनिया में जैसे को तैसा टैरिफ लगाने के ऐलान के साथ ही ट्रेड वॉर शुरू करने कर दिया है. मगर अब उनको चीन और दुनिया के दूसरे देशों के एक साथ आने और अमेरिका को व्यापार की दुनिया में घेरने की कोशिशों को लेकर आशंका होने लगी है. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने वियतनाम, कंबोडिया और मलेशिया का दौरा शुरू किया तो ट्रंप चौकन्ने हो गए. ट्रंप ने व्हाइट हाउस में कहा कि चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग का इरादा वियतनाम को साथ मिलाकर अमेरिका को एक बड़ा झटका देना है.
बहरहाल डोनाल्ड ट्रंप ने साफ कर दिया कि ऐसी कोशिश करने के लिए वो चीन और वियतनाम को किसी तरह से दोषी नहीं ठहरा रहे हैं. इसके बावजूद उनके आशंका जाहिर करने से एक बात तो साफ हो गई कि ट्रंप ने अमेरिका के सामने आने वाली टैरिफ वॉर की चुनौती का सामना करने की तैयारी पर चर्चा पहले से ही शुरू कर दी है. चीन की तरह ही वियतनाम भी अमेरिका को बहुत सारा माल एक्सपोर्ट करता है. उसके सामने भी ट्रंप के ऐलान के बाद से टैरिफ संकट की चुनौती खड़ी हो गई है.
वियतनाम पर 46 फीसदी टैरिफ
वियतनाम दक्षिण-पूर्व एशिया के उन मुट्ठी भर देशों में से एक है, जो ट्रंप के तथाकथित ‘लिबरेशन डे’ टैरिफ के सबसे कठोर उपायों से जूझ रहे हैं. वियतनाम पर 46 फीसदी की दर से ट्रंप ने टैरिफ लगाने का ऐलान किया है. वियतनाम एक प्रमुख औद्योगिक और असेंबली हब है. अमेरिका ही वियतनाम का भी मुख्य निर्यात बाजार है. जिसके लिए वियतनाम जूते, कपड़े और इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर हर चीज का एक बड़ा स्रोत है. अब देखना रोचक होगा कि अमेरिका के इस टैरिफ वॉर में चीन के अपने पड़ोसी देशों को जोड़कर अमेरिका को जवाब देने की कोशिश कितना रंग लाएगी. शी जिनपिंग के वियतनाम, कंबोडिया और मलेशिया के दौरे के बाद चीन किस नई रणनीति को अपनाएगा, ये देखने वाली बात होगी.
किधर जाएगा वियतनाम
इस साल के पहले तीन महीनों में वियतनाम ने चीन से लगभग 30 अरब डॉलर का सामान आयात किया, जबकि अमेरिका को उसने 31.4 अरब डॉलर का सामान निर्यात किया. इससे साफ है कि वियतनाम का व्यापार संतुलन टैरिफ वार में उलझी दुनिया की दोनों सुपर पॉवर से काफी हद तक कायम है. उसके इस ट्रेड वॉर में किसी एक पक्ष के साथ जाने से उसका ही नुकसान हो सकता है. अब देखना होगा कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की कोशिश कितना रंग लाती है.