मोदी-नीतीश की 23 योजनाएं… और तेजस्वी का एक दांव, साइलेंट वोटर्स का खेल खल्लास?

- महिला वोटर्स बिहार चुनाव 2025 में निर्णायक भूमिका निभा सकती हैं.
- तेजस्वी की ‘माई-बहिन मान योजना’ ने NDA की चिंता बढ़ाई.
- NDA का लक्ष्य 225 सीटें, महिला वोटर्स पर निर्भर.
पटना.
क्या 2020 की तरह 2025 के बिहार चुनाव में महिला वोटर्स निर्णायक भूमिका निभाएंगी? क्या बिहार में पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार की महिला सेंट्रिक योजनाएं एनडीए को इस बार भी सत्ता के दहलीज तक पहुंचाएंगी? सीएम नीतीश कुमार बिहार में महिलाओं के लिए 10 योजनाएं चला रहे हैं. वहीं, केंद्र सरकार यानी पीएम मोदी की 13 योजनाएं बिहार में चल रही हैं. यानी केंद्र और राज्य मिलाकर बिहार में महिलाओं की कुल 23 योजनाएं चल रही हैं. लेकिन, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने भी इस बार एक बड़ा दांव खेलकर एनडीए का खेल बिगाड़ने का पूरा प्लान तैयार कर लिया है.
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के बीच अब सभी पार्टियां आधी आबादी यानी महिला वोटरों को साधने की रणनीति में लग गई है. बिहार में करीब 48% मतदाता महिलाएं हैं. पिछले चुनावों में महिला वोटरों को साइलेंट वोटर्स कहा गया, जो एनडीए को सत्ता में वापसी कराया था. पीएम मोदी ने बाद में साइलेंट वोटर्स को लेकर बड़ी बात कही थी. लेकिन, इस बार आरजेडी ने पीएम मोदी के साइलेंट वोटर्स को अपनी ‘माई-बहिन मान योजना’ के जरिए साधने की चाल चल कर एनडीए की चिंता बढ़ा दी है.
साइलेंट वोटर्स 2025 में किधर?
आरजेडी इस योजना में महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये देने का वादा किया है. इसके साथ ही वृद्धा पेंशन और सामाजिक सुरक्षा पेंशन को 400 रुपये से बढ़ाकर 1500 रुपये करने की घोषणा भी शामिल है. तेजस्वी यादव ने इस योजना को लेकर जोर-शोर से प्रचार शुरू कर दिया है और पार्टी कार्यालयों के बाहर बड़े-बड़े पोस्टर लगाकर इसे जनता तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है. आऱजेडी का दावा है कि यह योजना महिलाओं की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगी और उन्हें सशक्त बनाएगी, जो सीधे तौर पर उनके वोट बैंक को प्रभावित कर सकती है. इसके अलावा, तेजस्वी ने 200 यूनिट मुफ्त बिजली देने का वादा कर महिलाओं के गुगली फेक दिया है.
नीतीश-तेजस्वी में कौन मारेगा बाजी?
दूसरी तरफ, नीतीश सरकार ने साइकिल योजना, कन्या विवाह योजना और महिलाओं के लिए 50% पंचायत आरक्षण जैसे कदमों को अपनी ताकत बता रही है. हाल ही में सीएम नीतीश कुमार ने राज्य में ‘मुख्यमंत्री आयुष्मान भारत योजना’ के तहत 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज और 70 साल से ऊपर के बुजुर्गों के लिए बिना शर्त आयुष्मान कार्ड की सुविधा भी महिलाओं को ध्यान में रखकर लाई गई है. नीतीश कुमार की हाल ही में खत्म हुई प्रगति यात्रा में भी महिला केंद्रित योजनाओं पर फोकस था.
NDA का टारगेट 225
लेकिन, तेजस्वी की ‘माई-बहिन मान योजना’ ने एनडीए के लिए चुनौती खड़ी कर दी है. क्योंकि, इस योजना में महिलाओं के खाते में सीधे पैसा जाएगा, जो काफी आकर्षण पैदा करती है. हालांकि, एनडीए के नेता इसे खोखला वादा करार दे रहे हैं. लेकिन उपचुनावों में मिली जीत के बाद भी उन्हें इस बात का अंदेशा है कि अगर महिला वोटरों का रुझान आरजेडी की ओर गया तो 225 सीटों का लक्ष्य मुश्किल हो सकता है.
नीतीश की 10 योजनाएं
1-मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना
2-मुख्यमंत्री बालिका साइकिल योजना
3-मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना
4-बिहार ग्रामीण आजीविका परियोजना
5-पंचायत में महिलाओं के लिए 50% आरक्षण
6-महिला पुलिस बल की भर्ती
7-शराबबंदी
8-लक्ष्मी बाई सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना
9-नारी शक्ति योजना
10-मुख्यमंत्री आयुष्मान भारत योजना