देश

डाटा संरक्षण अधिनियम: जयराम बोले- RTI कानून को नष्ट करती है धारा 44 (3), सरकार से धारा खत्म करने का किया आग्रह

प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव को लिखे पत्र में जयराम ने कहा, डाटा संरक्षण अधिनियम, 2023 की धारा 44 (3) आरटीआई कानून की धारा 8 की उप-धारा (1) में खंड जे (सूचना जो व्यक्तिगत जानकारी से संबंधित है) को प्रतिस्थापित करने का प्रयास करती है।

नई दिल्ली

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव से डाटा संरक्षण अधिनियम, 2023 की एक धारा को खत्म करने का आग्रह किया है। इस धारा को लेकर जयराम ने दावा किया कि यह सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई), 2025 को ‘नष्ट’ करता है।

इसको लेकर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद जयराम ने केंद्रीय मंत्री वैष्णव को एक पत्र लिखा है। जयराम ने कहा, डाटा संरक्षण अधिनियम, 2023 की धारा 44 (3) आरटीआई कानून की धारा 8 की उप-धारा (1) में खंड जे (सूचना जो व्यक्तिगत जानकारी से संबंधित है) को प्रतिस्थापित करने का प्रयास करती है।  इस बदलाव के कारण उपधारा में सब कुछ हटा दिया गया है, जिसमें वह प्रावधान भी शामिल है, जिसमें कहा गया था कि ‘बशर्ते कि जो सूचना संसद या राज्य विधानमंडल को देने से इन्कार नहीं की जा सकती, उसे किसी व्यक्ति को देने से इन्कार नहीं किया जाएगा।’

जयराम रमेश ने कहा, आरटीआई की धारा 8(1)(जे) का वह प्रावधान, जो नागरिकों को उनका प्रतिनिधित्व करने वाले विधायकों के समान सूचना पाने का अधिकार देता है, पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है।

कांग्रेस नेता ने अपने पत्र में आरटीआई अधिनियम को पारदर्शिता और जवाबदेही का एक महत्वपूर्ण माध्यम बताते हुए सरकार से डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023 की धारा 44(3) को रद्द करने की अपील की। उन्होंने कहा, पारदर्शिता और जवाबदेही के हित में, मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि इस धारा को हटाने पर पुनर्विचार करें और इसे पूरी तरह से निरस्त करें, क्योंकि यह आरटीआई अधिनियम, 2005 को खत्म करने जैसा है।

डीपीडीपी अधिनियम के मसौदे में क्या?
मसौदा अधिसूचना में कहा गया है, ‘डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023 (2023 का 22) की धारा 40 की उप-धाराओं (1) और (2) की तरफ से प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केंद्र सरकार की तरफ से अधिनियम के लागू होने की तिथि को या उसके बाद बनाए जाने वाले प्रस्तावित नियमों का मसौदा, इससे प्रभावित होने वाले सभी व्यक्तियों की जानकारी के लिए प्रकाशित किया जाता है।’ मसौदा नियमों में डिजिटल डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023 के तहत व्यक्तियों की सहमति प्रसंस्करण, डेटा प्रसंस्करण निकायों और अधिकारियों के कामकाज से संबंधित प्रावधान निर्धारित किए गए हैं।

 

डोनेट करें - जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर क्राइम कैप न्यूज़ को डोनेट करें.
 
Show More

Related Articles

Back to top button