राजस्थान:गर्भवती महिलाओं पर कहर बनकर टूटा है कोरोना, भयानक और डरावना मौत का आंकड़ा !

Kota:राजस्थान के कोटा में कोरोना से संक्रमित होने के बाद से गर्भवती महिलाओं ने तमाम तकलीफे झेलते हुए अपने नवजात बच्चों को जन्म तो दे दिया लेकिन ठीक से गले भी नहीं लगा पाईं और कोरोना के वायरस ने हमेशा-हमेशा के लिए छीन लिया.
राजस्थान के कोटा में कोरोना की दूसरी लहर गर्भवती महिलाओं पर कहर बनकर टूट रही है.
Kota:
राजस्थान के कोटा में कोरोना की दूसरी लहर गर्भवती महिलाओं पर कहर बनकर टूट रही है. गर्भवती महिलाओं की मौत और संक्रमित होने का भयानक और डरावना आंकड़ा सामने आने के बाद अब डॉक्टर भी प्रेग्नेंसी प्लान अवॉइड करने की सलाह दे रहे हैं. कोटा में अब तक दो दर्जन कोरोना संक्रमित गर्भवती महिलाओं ने मातृत्व सुख तो प्राप्त कर लिया, लेकिन कोरोना की जंग हार गई. 9 माह कोख में रखकर अपने जिगर के टुकड़ों को दुनिया तो दिखा दी लेकिन खुद ठीक से नन्ही जान को सीने से भी नहीं लगा पाई और मौत ने शिकंजे में ले लिया.
कोरोना से संक्रमित होने के बाद इन माताओं ने तमाम तकलीफे झेलते हुए अपने नवजात बच्चों को जन्म तो दे दिया लेकिन ठीक से गले भी नहीं लगा पाईं और कोरोना के वायरस ने हमेशा-हमेशा के लिए छीन लिया. संभाग के सबसे बड़े मातृ-शिशु जेके लॉन अस्पताल में ही कोरोना संक्रमित गर्भवती महिलाओं के प्रसव होते है, कोरोना काल में एक ओर हाड़ौती के तमाम नर्सिंग होम व निजी अस्पतालों ने कोरोना संक्रमित महिलाओं के प्रसव करने से हाथ खड़े कर दिए. वहीं जेके लोन अस्पताल में गर्भवती महिलाओं की मौत के डरावने आंकड़े आने के बाद चिकित्सा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. देखिए कोटा से यह खास रिपोर्ट…
जेके लॉन अस्पताल के गायनीकोलॉजिस्ट डॉ. प्रवीण ने बताया कि संभाग के सबसे बड़े मातृ-शिशु जेके लॉन अस्पताल में आम दिनों में 4 दर्जन गर्भवती महिलाओं के भर्ती होने का आंकड़ा होता है, लेकिन इन दिनों कोरोना के चलते आंकड़ों में गिरावट देखने को मिली है. हालांकि हाड़ौती के तमात के तमाम नर्सिंग होम व निजी अस्पतालों ने कोरोना संक्रमित महिलाओं की प्रसव करवाने से हाथ खड़े कर दिए है. अब मात्र जेके लोन अस्पताल में महिलाओं की प्रसव होते है, जेके लोन अस्पताल में इसी माह कोविड वार्ड शुरू किया गया है. वहां नॉर्मल महिलाओं को ही रखा जा रहा है जबकि क्रिटिकल महिलाओं को नए अस्पताल में शिफ्ट किया जा रहा है. सबसे बड़ी अड़चन यह कि गर्भवती महिलाओं को गर्भस्त शिशु को ध्यान में रखते हुए डॉक्टर चाह कर भी बहुत ज्यादा दवाई नहीं दे पा रहे हैं और महिलाओं की हालत बिगड़ती जाती है.
कोटा में अब तक 490 गर्भवती महिला संक्रमित हो चुकी है, जिसमें से दो दर्जन महिलाओं की मौत हो चुकी है. गर्भवती महिलाओं के पॉजिटिव होने और पॉजिटिव महिलाओं की मौत होने का डरावना आंकड़ा सामने आने के बाद चिकित्सा विभाग व अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है.
यह है संक्रमित व मौत के डरावने
लहर – संक्रमित महिला मौत
प्रथम लहर- 277 4
सेकंड लहर- 213 21
टोटल- 490 24
डॉक्टर दे रहे दे रहे है अभी प्रेगनेंसी प्लान करें अवॉइड
गर्भवती महिलाओं की मौत के डरावने आंकड़ों के बाद अब गायनीकोलॉजिस्ट भी फिलहाल लोगों को प्रेगनेंसी प्लान अवॉयड करने की सलाह दे रहे है, क्योंकि कोरोना के इस संक्रमण के दौर में दो जानों पर खतरा होता है. गर्भावस्था के दौरान इम्यून सिस्टम कमजोर होने से जच्चा को बड़ा खतरा होता है और वही मरीज के ब्रेन में ऑक्सीजन कम होने से बच्चों के मानसिक विकास भी प्रभावित होते हैं. डॉक्टर्स का कहना है कि गर्भवती महिलाओं के इलाज को लेकर ज्यादा ऑप्शन नहीं होते हैं. ऐसे में जच्चा-बच्चा की जान संकट में आ जाती है.
कोविड-में ऑक्सीजन लेवल कम होना नार्मल है और यदि गर्भवती का सेचुरेशन डाउन होता है तो शिशु पर दुष्प्रभाव पड़ सकता है. हो सकता है कि बच्चे के बड़े होने पर कॉम्प्लिकेशन सामने आ जाए, बेहतर यही है कि डॉक्टरों की सलाह के अनुसार लोगों को फिलहाल प्रेगनेंसी प्लान को अवॉइड किया जाना चाहिए.
गर्भवती महिलाओं के सामने हैं इन दिनों दोहरी चुनौती
एक और कोरोना काल में गर्भवती महिलाओं का सुरक्षित प्रसव करवाना डॉक्टरों के लिए भी बड़ी चुनौती बना हुआ है. वहीं पूरे हाड़ौती में तमाम निजी अस्पताल व नर्सिंग होम ने भी फिलहाल कोरोना संक्रमित महिलाओं का प्रसव करवाने से मना कर दिया, जिसके कारण संभाग के सबसे बड़े जेके लोन अस्पताल में महिलाओं की तादाद भी बढ़ती जा रही है. हालांकि नए अस्पताल में संचालित गायनी कोविड-लेबर रूम में इन दिनों डेढ़ दर्जन महिलाएं भर्ती है. इनमें से कुछ सामान्य ऑक्सीजन पर है तो कुछ बाइपेप पर भी हैं, लेकिन 9-9 माह की गर्भवती महिलाओं को भी मैनेज करना स्टाफ के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है.
डॉक्टरों का साफ तौर पर कहना है कि प्रेग्नेंसी प्लान करने वाली महिलाओं को वैक्सीन जरूर लगाना चाहिए. डॉक्टर का कहना है कि इस दूसरी लहर में गर्भवती महिलाओं के हालात और डरावने आखिरी सामने आ रहे हैं यदि समय रहते नहीं संभला तो तीसरी लहर गर्भवती महिलाओं के लिए और भी ज्यादा खतरनाक साबित होगी. उम्मीद की जानी चाहिए कि कोरोना के इस दौर में गर्भवती महिलाओं का सुरक्षित प्रसव हो और जच्चा व बच्चा स्वस्थ हों.
कोटा के सांस रोग विशेषज्ञ डॉक्टर के के डंग भी चकित रह गए कि मात्र 24 घंटे में लंग्स इतने खराब कैसे हो सकते हैं. उन्होंने इंदौर के विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श किया. उन्होंने बताया कि यह नया स्ट्रेन है उसी की वजह से ऐसा हुआ है.
डॉक्टर का कहना है कि यह नया स्ट्रेन तेजी से फैला रहा है, यह युवाओं में भी बहुत तेजी से लंग्स इन्फेक्शन फैला रहा है. हमें इस केस से सबक लेना चाहिए और लक्षण दिखते ही जांच करानी चाहिए, क्योंकि कोरोना अब समय नहीं दे रहा है. बीपी ऑक्सीजन लेवल एक्स रे सब ठीक होने के बावजूद भी एकदम लंग्स में इंफेक्शन हो सकता है.