गुजरात

गुजरात: बिलकिस बानो केस के 11 दोषियों की रिहाई के बाद मुस्लिम परिवारों ने रंधिकपुर छोड़ा, बोले- यहां अब डर लगता है

गुजरात में हुए 2022 के दंगों के दौरान बिलकिस बानो का सामूहिक बलात्कार किया गया था। इसके साथ ही उनके परिवार के सात सदस्यों की दंगाइयों ने हत्या कर दी थी।

नई दिल्ली

गुजरात सरकार द्वारा बिलकिस बानो मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे 11 दोषियों को रिहा करने के एक हफ्ते बाद रंधिकपुर (सिंगवाड़) के कई मुस्लिम परिवारों ने अपना घर छोड़ना शुरू कर दिया है। ये सभी परिवार दाहोद जिले के देवगढ़ बरिया तालुका की राही-मबाद राहत कॉलोनी में शरण ले रहे हैं, जहां बिलकिस 2017 से रह रहीं हैं।

सोमवार को जब द इंडियन एक्सप्रेस ने राहत कॉलोनी का दौरा किया, तो लोगों से भरे टेंपो-रिक्शा रंधिकपुर के निवासियों को उनके सामान के साथ राहत कॉलोनी में ला रहे थे। रंधिकपुर के निवासियों ने दोषियों की रिहाई के संबंध में “निर्णय नहीं होने” तक यहीं रहने का फैसला किया है। दोषियों को 15 अगस्त को गोधरा सब जेल से रिहा किया गया था। गुजरात सरकार द्वारा गठित जेल सलाहकार समिति (जेएसी) की सिफारिश के बाद दोषियों की सजा में छूट के लिए उनके आवेदन को मंजूरी दे दी गई थी।

2002 में गोधरा ट्रेन जलाने की घटना के बाद हुई सांप्रदायिक हिंसा के दौरान रंधिकपुर में बिलकिस के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था। वह उस समय 21 साल की थीं और पांच महीने की गर्भवती थीं। उनके परिवार के सात सदस्यों की दंगाइयों ने हत्या कर दी थी।

रविवार को अपनी मां और बहन के साथ कॉलोनी में पहुंची 24 वर्षीय सुल्ताना ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, ”पिछले हफ्ते से समुदाय में डर है। कोई सीधी धमकी नहीं मिली है, लेकिन उनके (दोषियों) स्वागत और गांव में खुशी की भावना से हम चिंतित हो गए और चले गए, क्योंकि हम वहां सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे थे। जब वे पैरोल पर बाहर आए थे तो अलग बात थी क्योंकि हम जानते थे कि वे अंततः कैदी थे। लेकिन अब उन्हें रिहा कर दिया गया है।

बता दें कि दोषियों की रिहाई के बाद बिलकिस बानो ने कहा था कि इस फैसले से मेरी शांति छिन गई है और न्यायलय से मेरा विश्वास भी उठ गया है।

सोमवार को दाहोद में मुस्लिम समुदाय के सदस्यों ने जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें दोषियों को छूट देने के राज्य सरकार के फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की गई। इस ज्ञापन में कहा गया कि इस फैसले ने “न्यायिक प्रणाली की छवि और सम्मान को धूमिल किया। समुदाय के सदस्यों ने कहा कि दोषियों के छूटने के विरोध में प्रदर्शन आयोजित करने की अनुमति भी मांगी गई है।

बिलकिस मुख्य रूप से सुरक्षा की दृष्टि और आगंतुकों द्वारा बाधित होने से बचने के लिए कॉलोनी से बाहर चली गईं हैं। उनके पति याकूब रसूल पटेल ने कहा, “वह (बिलकिस) खुद को मजबूत कर चुकी है और लड़ने की तैयारी कर रही है। वह उस साहस को याद कर रही है जो उसे इतना आगे लाने में लगा और उसने संकल्प लिया है कि वह हार नहीं मानेगी। हमने अपने शुभचिंतकों और वकीलों से सलाह मांगी है और अपील पर जल्द ही फैसला लिया जाएगा।”

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