वकील ने सुप्रीम कोर्ट में कही ऐसी बात, मच गया हंगामा, जज को कहना पड़ा- हम शॉक्ड हैं; फिर दे दिया अल्टीमेटम

सुप्रीम कोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान एक वकील ने ऐसी धमकी दे डाली की हर कोई हैरत में पड़ गया. मामले की सुनवाई कर रही पीठ ने कहा कि वह वकील रवैये से शॉक्ड हैं.
नई दिल्ली.
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को एक असामान्य स्थिति देखने को मिली. कोर्ट में पेश एक वकील ने शीर्ष अदालत की पीठ के सामने धमकी दी कि यदि एक आपराधिक मामले में उनकी याचिका स्वीकार नहीं की गई तो वह जान दे देंगे. वकील के इस रवैये से कोर्ट रूम में कुछ देर के लिए सन्नाटा सा छा गया. वकील के रुख से विचित्र स्थिति पैदा हो गई. वकील के रवैये से खफा जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने वकील से कहा कि वह 7 मार्च तक लिखित माफीनामा दाखिल करें अन्यथा परिणाम भुगतने को तैयार रहें.
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने मामले की सुनवाई को 7 मार्च 2025 तक के लिए टाल दिया. जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच कहा, ‘आज (सोमवार) सुबह जब याचिका सुनवाई के लिए आई तो प्रथम याचिकाकर्ता (रमेश कुमारन जो बार के सदस्य हैं) वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से पेश हुए और कहा कि यदि प्रतिवादी संख्या 2 के खिलाफ प्राथमिकी रद्द कर दी जाती है तो वे आत्महत्या कर लेंगे. हम यह सुनकर स्तब्ध हैं… हम उनसे बिना शर्त माफ़ी मांगने की उम्मीद करते हैं.’
सख्त चेतावनी
जब वीडियो कॉन्फ्रेंस के ज़रिए पेश हुए वकील ने बयान दिया तो जस्टिस ओका ने कहा, ‘आप अदालत को कैसे धमकी दे सकते हैं कि अगर हम आपकी प्रार्थना स्वीकार नहीं करेंगे तो आप आत्महत्या कर लेंगे? आप एक वकील हैं… हम बार काउंसिल से आपका लाइसेंस निलंबित करने और प्राथमिकी दर्ज करने के लिए कहेंगे.’ इसके बाद वकील ने अपना वीडिया कान्फ्रेंस लिंक कथित तौर पर बंद कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कोर्ट रूम में मौजूद उनके वकील से उनके आचरण के लिए माफी मांगने को कहा.
वकील ने मांग ली माफी
जब मामला फिर से सुनवाई के लिए आया तो वकील वीडियो-कॉन्फ्रेंस के जरिए पेश हुए और कहा, ‘मैं दिल से माफ़ी मांगता हूं. मैं भावुक हो गया था.’ हालांकि, जसिटस ओका ने कहा, ‘नहीं, हम शुक्रवार (7 मार्च) तक लिखित माफ़ी चाहते हैं.’ हालांकि, बेंच ने कहा कि वह वकील को माफ़ी मांगने के लिए मजबूर नहीं कर रही है, लेकिन उसने उसे अनुपालन नहीं करने की स्थिति में होने वाले परिणामों को लेकर आगाह किया. कुमारन ने राघवेंद्रन नामक व्यक्ति के खिलाफ़ एक आपराधिक मामले के सिलसिले में अदालत का रुख किया था. इस मामले में दोनों पक्षों की ओर से प्राथमिकी दर्ज करायी गई थीं. मामले के बारे में अधिक जानकारी नहीं मिल पाई, क्योंकि संबंधित वकील टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं थे.