BJP का सपना होने लगा साकार? गुजरात नगर निगम चुनाव में मुस्लिम विजेताओं में बड़ी उछाल, विपक्ष में हड़कंप!

Gujarat Nagar Palika Election Result: गुजरात नगरपालिका चुनावों में बीजेपी ने 2,171 में से 1,608 सीटें जीतीं, जिसमें मुस्लिम उम्मीदवारों की संख्या में वृद्धि हुई है. कांग्रेस और AAP को 39% और 4.7% वोट मिले. BJP की इस जीत के कई मायने हैं.
- BJP ने गुजरात नगरपालिका चुनावों में 1,608 सीटें जीतीं.
- BJP के मुस्लिम उम्मीदवारों की संख्या में वृद्धि हुई.
- कांग्रेस को 39% और AAP को 4.7% वोट मिले.
Gujarat Nagar Palika Election Result: गुजरात नगरपालिका चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने ऐसी जीत हासिल की है कि विपक्षी पार्टियों की दिलों की धड़कनें बढ़ गई है. 18 फरवरी को गुजरात स्थानीय निकाय चुनावों के नतीजे आए जिसने BJP को बड़ी खुशी दी. बीजेपी ने चुनावों में 2,171 सीटों में से 1,608 सीटें जीतीं, जिसमें नगरपालिकाएं, नगर निगम, जिला और तालुका पंचायतें शामिल थीं.
लेकिन BJP की इस जीत में एक ऐसी चीज निकलकर सामने आई है जिसने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) समेत तमाम विपक्षी पार्टियों की टेंशन बढ़ा दी है. ख़ास बात यह रही कि 66 नगरपालिकाओं में बीजेपी के टिकट पर जीत हासिल करने वाले मुस्लिम उम्मीदवारों की संख्या में खासी बढ़ोतरी हुई है.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार पार्टी ने इस बार 103 मुस्लिम उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा था, इनमें से 33 महिलाएं थीं. खासकर पाटन, खेड़ा, पंचमहल और जूनागढ़ जिलों में बीजेपी को मुस्लिम उम्मीदवारों के ज़रिए सफलता मिली, जहां पिछली बार पार्टी का खाता तक नहीं खुला था.
विपक्ष को कितनी मिली सफलता?
कुल मिलाकर, नगरपालिकाओं में चुने गए मुस्लिम उम्मीदवारों का आंकड़ा 2018 के 252 से बढ़कर 275 हो गया है. बीजेपी ने इनमें से लगभग 28% सीटों पर जीत दर्ज की है जो 2018 में 18% थी. कांग्रेस का हिस्सा अभी भी सबसे ज़्यादा 39% है, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) को 4.7% वोट मिले हैं. AAP के खाते में 13 मुस्लिम उम्मीदवारों की जीत आई है, इनमें से 11 जामनगर के सलाया नगरपालिका से हैं.
BJP की जीत से क्या मायने?
बीजेपी के मुताबिक गुजरात के मुसलमान कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति छोड़कर विकास की राह पर आ गए हैं. वहीं राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि मुस्लिम मतदाता बुनियादी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए बीजेपी का रुख कर रहे हैं. जबकि कांग्रेस में जीतने की इच्छाशक्ति की कमी दिख रही है.
BJP मुस्लिम नेताओं का क्या है मानना?
भाजपा के राज्य अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष मोहसिन लोखंडवाला ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “गुजरात के मुसलमानों ने कांग्रेस की तुष्टीकरण की राजनीति के खिलाफ भाजपा की विकास की राजनीति को अपनाने का मन बना लिया है. राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं से मुस्लिम समुदाय को लाभ मिला है. हम मुसलमानों को लगता है कि भाजपा हमारे साथ भेदभाव नहीं करती और हमें योजनाओं का लाभ दिल से देती है.”
गिर सोमनाथ के कोडिनार से भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष जिशान नकवी ने कहा, “जिला प्रशासन द्वारा गिराए गए धार्मिक ढांचों को लेकर मुसलमानों में गुस्सा था. हम भी इस तरह के कदम से नाखुश थे. अपने कैंपेन में हमने वोटरों को आगे देखने, व्यावहारिक होने और भाजपा की उपेक्षा करने के बजाय उसका समर्थन करने के लिए राजी किया. अगर हम भाजपा के साथ चलेंगे तो हम अपने वार्डों में विकास देखेंगे और यहां तक कि हमारे मुद्दे भी सुलझेंगे. हमारे दो उम्मीदवार (कोडिनार में) निर्विरोध जीत गए क्योंकि कांग्रेस उम्मीदवारों ने नाम वापस ले लिया.”