कोर्ट में जब्त था पासपोर्ट, फिर भी बेटे को लेकर US हुआ रफू-चक्कर, जज का ठनका माथा

सुप्रीम कोर्ट में एनआरआई पति का पासपोर्ट जमा होने के बावजूद बेटे के साथ अमेरिका भागने का मामला सामने आया. कोर्ट ने उसे गिरफ्तार करने का आदेश दिया और गृह मंत्रालय से सहायता मांगी. कोर्ट ने कस्टडी मां को प्रदान की थी लेकिन बाप ने गुपचुप कांड कर दिया.
- एनआरआई पति बेटे के साथ अमेरिका भागा.
- सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी का आदेश दिया.
- कोर्ट में जब्त था शख्स का पासपोर्ट.
नई दिल्ली.
पति-पत्नी के बीच डिस्प्यूट के मामले में हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में जो कुछ हुआ वो हैरान करने वाला था. दरअसल, एनआरआई शख्स का पासपोर्ट कोर्ट के पास जमा था लेकिन इसके बावजूद वो गुपचुप तरीके से सबकी आंखों में धूल झोंककर बेटे के साथ अमेरिका भागने में सफल रहा. अब सवाल यह उठता है कि जब पासपोर्ट कोर्ट में जमा है तो फिर यह शख्स विदेश कैसे पहुंच गया. इसी गुत्थी को सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अब केंद्र सरकार को मदद करने के लिए कहा है. मामला सामने आने के बाद ना सिर्फ कोर्ट बल्कि सरकार भी हैरान है.
अब कोर्ट ने इस शख्स को अरेस्ट करने के आदेश जारी किए हैं. कोर्ट में उसके खिलाफ पत्नी द्वारा दायर याचिका पर फैसले के बाद अवमानना की याचिका पर सुनवाई चल रही है. 8 फरवरी 2006 को दोनों की शादी हुई और वो अमेरिका चले गए. पति-पत्नी का एक 10 साल का बेटा है. वैवाहिक कलह के कारण इस शख्स ने 12 सितंबर, 2017 को अमेरिका के मिशिगन की अदालत से वहां पत्नी से तलाक प्राप्त कर लिया. दूसरी ओर भारत में रह रही पत्नी ने पति के खिलाफ कई कार्यवाही शुरू की.
पत्नी को मिली थी बेटे की कस्टडी
साल 2019 को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दोनों पक्षों के बीच एक समझौता हुआ, जिसके तहत पति को बच्चे की कस्टडी पूर्व पत्नी को देनी थी. जब उसने बेटे की कस्टडी नहीं दी तो अवमानना की कार्यवाही शुरू की गई. सुप्रीम कोर्ट के साल 2022 के दो आदेशों में पति को अदालत में पेश होने के लिए कहा गया. वो 13 दिसंबर 2022 को पेश हुआ. उसका पासपोर्ट जब्त कर लिया गया. अब 17 जनवरी 2024 को अदालत ने उसे सभी कार्यवाही में उपस्थित रहने के लिए कहा. इसके बाद वो वह 22 और 29 जनवरी को सुनवाई के दौरान पेश नहीं हुआ. उसके वकील ने कोर्ट को बताया कि वो बेटे के साथ अमेरिका चला गया है.
बिना पासपोर्ट के कैसे पहुंचा अमेरिका?
जस्टिस सुधांशु धूलिया और प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज से इस मामले में कोर्ट की सहायता करने और यह बताने के लिए कहा कि उस व्यक्ति को बिना पासपोर्ट के इस देश से बाहर जाने की अनुमति कैसे दी गई. बेंच ने कहा, “हम इस बात से हैरान हैं कि कथित अवमाननाकर्ता बिना पासपोर्ट के अमेरिका या किसी अन्य देश के लिए कैसे जा सकता है जबकि उसका पासपोर्ट इस कोर्ट की हिरासत में है. जो भी हो अब हमारे पास कथित अवमाननाकर्ता के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है.”
कोर्ट का सख्त आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने गृह मंत्रालय को प्रतिवादी को गिरफ्तार करने का आदेश दिया. बेंच ने पूछा कि कोर्ट की अनुमति के बिना इस शख्स को देश को छोड़ने की अनुमति कैसे दी गई. उसकी देश से भागने में किसने सहायता की और इसमें कौन अधिकारी और अन्य व्यक्ति शामिल हैं. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अवमानना कार्यवाही के दौरान या बाद में भारत में उसकी संपत्ति से संबंधित किसी भी सौदे सहित कोई भी व्यापारिक लेन-देन शीर्ष न्यायालय के आदेश के अधीन होगा.




