गुजरात के आणंद में फैक्टरी पर एटीएस की छापेमारी, करोड़ों रुपये की ड्रग्स के साथ पांच लोग गिरफ्तार

एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि आरोपियों ने खंभात शहर के पास एक फैक्टरी किराए पर ली थी। यहां नींद की गोलियों में इस्तेमाल होने वाले पदार्थ अल्प्राजोलम का उत्पादन किया जा रहा था।
एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि आरोपियों ने खंभात शहर के पास एक फैक्टरी किराए पर ली थी। यहां नींद की गोलियों में इस्तेमाल होने वाले पदार्थ अल्प्राजोलम का उत्पादन किया जा रहा था। सहायक पुलिस आयुक्त (एटीएस) हर्ष उपाध्याय ने बतायास कि अल्प्राजोलम एक तरह का मादक पदार्थ है। इसके दुरुपयोग की वजह से यह नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम के दायरे में आता है।
उन्होंने बताया कि छापे के समय आरोपियों के पास कोई लाइसेंस नहीं था। पांच आरोपी यूनिट का संचालन कर रहे थे, जबकि छठा व्यक्ति रिसीवर था। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि पांचों आरोपियों ने साइकोट्रोपिक पदार्थ बनाने के लिए फैक्ट्री किराए पर ली थी। आगे की जांच जारी है।
गुजरात एटीएस ने बताई पूरी कहानी
ड्रग फैक्टरी के भंडाफोड़ पर गुजरात एटीएस ने कहा कि कुछ समय पहले गुजरात एटीएस को सूचना मिली थी कि खंबात के नेजा गांव में ग्रीन लाइफ इंडस्ट्रीज नाम की फैक्टरी में पांच लोग अल्प्राजोलम का उत्पादन कर रहे हैं। इसे मध्य प्रदेश में अजय जैन नामक व्यक्ति को बेचने की तैयारी थी। एटीएस ने एक टीम बनाई और सूचना को सत्यापित किया। इसके बाद इसमें शामिल लोगों का पता लगाया गया। एटीएस ने एक और टीम बनाई, जिसने नेजा में छापा मारा और अल्प्राजोलम का 107 किलोग्राम तैयार पाउडर बरामद किया। इसमें शामिल पांच लोगों को अजय जैन के साथ गिरफ्तार किया गया। टोकन के रूप में दिए गए 30 लाख रुपये जब्त किए गए हैं। गिरफ्तार किए गए लोगों में से रंजीत डाबी रासायनिक क्षेत्र में एक व्यवसायी है। विजय मकवाना और हेमंत पटेल के पास रासायनिक अध्ययन की डिग्री है। उन्होंने अन्य दो लालजी मकवाना और जयदीप मकवाना के साथ खंबात की दवा कंपनियों में काम किया है।