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‘RSS प्रमुख के खिलाफ दर्ज हो केस’, राम मंदिर की प्रतिष्ठा को सच्ची स्वतंत्रता वाले बयान पर वेणुगोपाल

कांग्रेस महासचिव और अलाप्पुझा से सांसद केसी वेणुगोपाल ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत की आलोचना की। उन्होंने कहा कि संघ प्रमुख का बयान देश विरोधी है।

 

नई दिल्ली

कांग्रेस महासचिव और अलाप्पुझा से सांसद केसी वेणुगोपाल ने शुक्रवार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत की आलोचना की। उन्होंने कहा कि संघ प्रमुख का हालिया बयान देश विरोधी है और इसके लिए उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए। दरअसल, भागवत ने अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को भारत की सच्ची स्वतंत्रता से जोड़ा था।

क्या बोले थे भागवत?
भागवत ने कहा था कि राम मंदिर के प्रतिष्ठापन का दिन प्रतिष्ठा द्वादशी के रूप में मनाया जाना चाहिए, क्योंकि इस दिन भारत ने सच्ची स्वतंत्रता हासिल की, जो सदियों तक परचक्र (दुश्मन हमले) का सामना कर रहा था।

 

स्वतंत्रतता सेनानियों और शहीदों का अपमान किया
केसी वेणुगोपाल ने कहा कि उनका बयान भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों का अपमान है, जिन्होंने आजादी दिलाने के लिए अपनी जान तक कुर्बान कर दी थी। उन्होंने कहा, ‘भागवत ने पूरे स्वतंत्रता आंदोलन को नकार कर स्वतंत्रतता सेनानियों और शहीदों का अपमान किया। संघ प्रमुख का कहना है कि भारत को 1947 में आजादी नहीं मिली। यह बयान आरएसएस और भाजपा के असली रंग को दिखाता है, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा नहीं लिया था।’

पीएम का क्या कहना?
उन्होंने यह भी कहा कि इस बयान पर एक मामला दर्ज किया जाना चाहिए। साथ ही सवाल किया कि मोहन भागवत के बयान पर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का क्या कहना है। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘देश के स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन का पूरी तरह अपमान करने वाले इस बयान पर प्रधानमंत्री को क्या कहना है? भाजपा को इस बारे में क्या कहना है?’

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